
Myths and Facts About HMPV in Hindi: चीन के बाद भारत में भी ह्यूमन मेटापेन्यूमो वायरस (HMPV) की दस्तक चिंता का विषय बनता जा रहा है। भारत में दिन प्रतिदिन ह्यूमन मेटापेन्यूमो वायरस (HMPV) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार को मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में छह महीने की बच्ची में HMPV पॉजिटिव पाई गई है। नया मामला सामने आने के बाद देशभर में HMPV से संक्रमित मरीजों की संख्या 21 हो गई है। HMPV, यानी ह्यूमन मेटापन्यूमो वायरस एक प्रकार का श्वसन रोग है जो मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह वायरस फ्लू या RSV (Respiratory Syncytial Virus) जैसा ही है और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है।
भारत में जिस तरह से HMPV से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वैसे ही इस संक्रमण से जुड़े मिथक लोगों के बीच पॉपुलर हो रहे हैं। आज इस लेख में हम HMPV से जुड़े 10 ऐसे ही मिथकों पर चर्चा करने वाले हैं। इन मिथकों की सच्चाई जानने के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने नई दिल्ली स्थित न्यूबेला सेंटर फॉर विमेन हेल्थ की डायरेक्टर डॉ. गीता श्रॉफ से बात की।

मिथक 1: HMPV बहुत दुर्लभ बीमारी है।
सच्चाई: HMPV कोई दुर्लभ बीमारी नहीं है। यह एक आम वायरस है, जो पूरी दुनिया में पाया जाता है। यह वायरस कोरोना वायरस से भी पहले से दुनिया में मौजूद है।
मिथक 2: यह केवल बच्चों को प्रभावित करता है।
सच्चाई: HMPV बच्चों के साथ-साथ वयस्कों और बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में लेता है। डॉ. गीता श्रॉफ का कहना है कि मुख्य रुप ये HMPV कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है।
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मिथक 3: HMPV हमेशा गंभीर बीमारी का कारण बनता है।
सच्चाई: HMPV में हल्के लक्षणों जैसे खांसी, जुकाम और गले में खराश जैसे लक्षण नजर आते हैं। लेकिन इसे डॉक्टरी इलाज से ठीक किया जाता है। HMPV सिर्फ उन लोगों में गंभीर समस्या का कारण बनता है, जिनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर है।
मिथक 4: HMPV का कोई इलाज मौजूद नहीं है।
सच्चाई : हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि HMPV के लिए वर्तमान में कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। लेकिन HMPV के लक्षणों को एंटीवायरल दवाओं से ठीक किया जा सकता है।

मिथक 5 : HMPV संक्रमित व्यक्ति के जरिए सीधा नहीं फैलता है।
सच्चाई: HMPV मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने के बाद मुंह, नाक या आंख को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।
मिथक 6 : HMPV अगर एक बार हो जाए, तो दोबारा नहीं होता है।
सच्चाई :यह बात पूरी तरह से मिथक है। HMPV कमजोर इम्यूनिटी वालों को होता है। अगर यह बीमारी एक बार हो जाए और अगर हवा में वायरस मौजूद है, तो यह दोबारा भी हो सकता है। इस वायरस से बचाव के लिए आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रांग होना ज्यादा जरूरी है।
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मिथक 7 : HMPV की वैक्सीन उपलब्ध है।
सच्चाई : वर्तमान में दुनिया के किसी भी देश के पास HMPV से बचाव के लिए कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। इस संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।
मिथक 8: कोरोना वायरस जितना खतरनाक है HMPV ?
सच्चाई : डॉक्टर की मानें, तो HMPV, कोरोना वायरस जितना खतरनाक नहीं है। ये दोनों वायरस, अलग-अलग फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि HMPV और कोरोना दोनों ही हमारे श्वसन तंत्र को टारगेट करते हैं और इनकी वजह से गंभीर या हल्का इंफेक्शन हो सकता है।
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मिथक 9: यह वायरस केवल ठंड के मौसम में फैलता है।
सच्चाई: HMPV का प्रकोप ठंड के मौसम में अधिक होता है, लेकिन यह अन्य मौसमों में भी फैल सकता है।
मिथक 10: HMPV के प्रसार को एंटीबायोटिक से रोका जा सकता है।
सच्चाई :HMPV के लक्षणों को एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है। लेकिन सिर्फ एंटीबायोटिक की निर्भरता पर इस वायरस के प्रकोप से कम नहीं किया जा सकता है।
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HMPV को लेकर कई मिथक लोगों के बीच भ्रम पैदा करते हैं। लेकिन सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह से न केवल इसे समझा जा सकता है, बल्कि इससे बचाव भी किया जा सकता है। HMPV गंभीर नहीं है, लेकिन सतर्कता और सावधानी से इसके प्रसार को रोका जा सकता है।
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