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HMPV वायरस से किसे है सबसे ज्यादा खतरा? डॉक्टर से जानें

इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस लोगों की चिंता का कारण बन हुआ है। लोगों को लगता है कि यह भी कोरोना की तरह गंभीर लक्षण दिखा सकता है। ऐसे में डॉक्टर से जानते हैं कि किन लोगों को HMPV का खतरा अधिक होता है।
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HMPV वायरस से किसे है सबसे ज्यादा खतरा? डॉक्टर से जानें


Who is at High Risk Of HMPV In Hindi: चीन में इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के कई मामले भारत में भी देखने को मिले। बीते कुछ सालों पहले कोरोना में लॉकडाउन को देख चुके लोगों के लिए एचएमपीवी वायरस चिंता का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य विभाग भी इस वायरस से सावधान रहने की सलाह दे रहा है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। भारत के गुजरात में दो माह की बच्ची में यह वायरस मिला है। इस वायरस के संक्रमण से व्यक्ति को बुखार, सर्दी जुकाम और सिरदर्द के लक्षण महसूस होते हैं। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में समस्या हो सकती है। इस लेख में जानते यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (yashoda super speciality hospital), कौशाम्बी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. छवि गुप्ता से जानते हैं कि किन लोगों को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का ज्यादा खतरा होता है?

HMPV वायरस से किसको होता है ज्यादा खतरा - Who Is At Risk Of HMPV Virus In Hindi

HMPV, या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, एक मौसमी वायरस है जो आमतौर पर सर्दियों के मौसम में फैलता है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इस वायरस में व्यक्ति को सर्दी जुकाम की तरह लक्षण महसूस होते हैं। फिलहाल, डॉक्टर के अनुसार इस वायरस की पहचान वर्ष 2001 में हुई थी, लेकिन यह वायरस मौजूद समय में चीन में तेजी से फैल रहा है, जो भारत के लिए भी चिंता का कारण बन सकता है।

बच्चों और शिशु को जोखिम अधिक

शिशुओं और छोटे बच्चों की इम्यूनिटी पावर काफी कमजोर होती है। ऐसे में उनको अन्य संक्रमण की तरह ही ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) होने का जोखिम अधिक होता है। बच्चों को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित होने पर श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्या जैसे ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया का खतरा अधिक होता है। नवजात शिुओं को इस संक्रमण में इमरजेंसी इलाज की आवश्यकता हो सकती है।

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बुजुर्गों को एचएमपीवी का जोखिम

नवजात शिशु के अलावा बुजुर्गों की भी इम्यूनिटी पावर काफी कमजोर होती है। ऐसे में उनको भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टर के अनुसार 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में निमोनिया जैसी समस्याएं हो सकती है। जिन बुजुर्गों को डायबिटीज, रेस्पिरेटरी समस्याएं या हार्ट से जुड़ी बीमारियां हैं, उन्हें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के गंभीर लक्षण महसूस होने का खतरा अधिक होता है।

फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के मरीज

जिन लोगों को पहले से ही फेफड़ों से संबंधित बीमारी होती है, उनके लिए hMPV संक्रमण अधिक खतरनाक हो सकता है। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के मरीजों को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के संक्रमण में सांस लेने में परेशानी हो सकती है। वहीं, HMPV संक्रमण के चलते अस्थमा रोगियों को गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं।

कैंसर के मरीज

कैंसर में कीमोथेरेपी के चलते मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में उनको संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है। इस दौरान दवाओं के चलते भी मरीज की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।

अस्पताल में काम करने वाले कर्मी

अस्पताल में काम करने वाले कर्मी, डॉक्टर और हेल्थ केयर कर्मियों को संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे व्यक्ति को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। इससे बचने के लिए उन्हें कई तरह की सावधानियों को बरतना चाहिए।

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इससे बचने के लिए व्यक्तियों को बाहर से आने या किसी संक्रमित जगह को छुने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए। साथ ही, बुजुर्गों को बाजार या पार्क आदि जगह पर मास्क का उपयोग करना चाहिए। व्यक्ति को खांसते या छींकते समय मुंह को कवर करना चाहिए। साथ ही, डाइट में पौष्टिक आहार और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करने चाहिए। सांस से जुड़ी समस्या, तेज बुखार और घबराहट होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संर्पक करें।

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