आज की तेज रफ्तार जिंदगी में थकान, तनाव और असंतुलित डेली रूटीन हमारी सेहत पर गहरा असर डालती है। शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता जब कमजोर हो जाती है या व्यक्ति ज्यादा थकावट से गुजरता है, तो इंफेक्शन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ऐसे में वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन जल्दी हमला कर सकते हैं और परिणामस्वरूप व्यक्ति को बुखार आ सकता है। खासकर मौसम बदलने, ज्यादा शारीरिक मेहनत करने या नींद पूरी न होने की स्थिति में शरीर की एनर्जी गिरती है और शरीर बुखार जैसा रिएक्शन देने लगता है। बुखार के दौरान और उसके बाद अक्सर लोगों को पसीना आता है। जिसे लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठते हैं आखिर बुखार में पसीना क्यों आता है? क्या यह अच्छा संकेत है या किसी गंभीर बीमारी का लक्षण? इन सवालों के जवाब जानना जरूरी है, क्योंकि सही जानकारी न होने पर लोग पसीने को रोकने के लिए एसी चला लेते हैं या शरीर को ज्यादा कपड़ों से ढक लेते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से बात की-
बुखार में पसीना क्यों आता है? - What Causes Sweating During Fever
जब शरीर किसी इंफेक्शन से लड़ने के बाद तापमान को सामान्य स्तर पर लाने की कोशिश करता है, तब हाइपोथैलेमस शरीर को ठंडा करने के लिए पसीना छोड़ता है। पसीना शरीर से बाहर निकलते ही वाष्पित होता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसे थर्मोरेग्युलेशन (Thermoregulation) की प्रक्रिया कहते हैं। पसीना शरीर की वह प्रक्रिया है जो तापमान को कंट्रोल करने के लिए एक्टिव होती है। बुखार उतरते समय शरीर पसीना छोड़ता है ताकि ज्यादा ताप बाहर निकल सके। इसके अलावा जब शरीर इंफेक्शन से लड़ता है और उस पर कंट्रोल पा लेता है, तो तापमान कम होने लगता है और इस दौरान पसीना आना एक सामान्य संकेत है कि शरीर अब सामान्य स्थिति में लौट रहा है। साथ ही पेरासिटामोल या अन्य दवाएं बुखार को घटाने का कार्य करती हैं और इन दवाओं के असर से जब शरीर का तापमान गिरने लगता है, तब पसीना आता है।
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कई लोग पसीना आने पर एसी चला लेते हैं या शरीर को ढककर रखते हैं, जिससे शरीर तापमान कंट्रोल नहीं कर पाता। पसीना रोकना या दबाना बुखार के इलाज में बाधा बन सकता है। इससे इंफेक्शन और बढ़ सकता है।
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बुखार के दौरान पसीना आने पर क्या करें? - What to do when sweating during a fever
1. पर्याप्त पानी पिएं
पसीने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। इसलिए ORS, नींबू पानी या नारियल पानी का सेवन करें।
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2. हल्के कपड़े पहनें
भारी कपड़े पसीने को रोकते हैं और शरीर का ताप कंट्रोल नहीं हो पाता। सूती और हल्के कपड़े पहनना चाहिए।
3. आराम करें
पसीना आना थकावट का संकेत हो सकता है। ऐसे में पर्याप्त आराम जरूरी है ताकि शरीर ठीक से रिकवर कर सके।
4. कपड़े और बिस्तर साफ रखें
गीले कपड़े या चादरें शरीर में इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं। इन्हें बार-बार बदलना चाहिए।
निष्कर्ष
बुखार में पसीना आना शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो यह दर्शाती है कि शरीर अब सामान्य तापमान की ओर लौट रहा है। हालांकि, यदि पसीना बहुत ज्यादा हो या इसके साथ अन्य गंभीर लक्षण दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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FAQ
बहुत ज्यादा पसीना आने का क्या कारण है?
बहुत ज्यादा पसीना आना कई कारणों से हो सकता है। यह शरीर की गर्मी कंट्रोल करने की सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन कभी-कभी यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी होता है। इसके सामान्य कारणों में तनाव, चिंता, हार्मोनल बदलाव, डायबिटीज, मोटापा या इंफेक्शन शामिल हैं। कुछ दवाओं के सेवन से भी ज्यादा पसीना आ सकता है। यदि पसीना बिना वजह बार-बार आता है, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।बुखार में ताकत के लिए क्या खाएं?
बुखार में शरीर कमजोर हो जाता है, इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर और आसानी से पचने वाला भोजन लेना जरूरी होता है। ताकत के लिए हल्की और सुपाच्य चीजें जैसे खिचड़ी, दलिया, सूप, उबली सब्जियां, दाल का पानी फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा नारियल पानी, नींबू पानी और ORS घोल शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी करते हैं। मसालेदार, तला-भुना और भारी भोजन से बचना चाहिए।बुखार के लिए कौन सा फल अच्छा है?
बुखार के दौरान ऐसे फल खाने चाहिए जो शरीर को एनर्जी दें, आसानी से पचें और इम्यूनिटी बढ़ाएं। सेब बुखार में सबसे अच्छा फल माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह हल्का होता है और पाचन में मदद करता है। केला एनर्जी से भरपूर होता है और शरीर को जल्दी रिकवर करने में मदद करता है। पपीता एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। अनार शरीर में खून की कमी को दूर करता है और कमजोरी कम करता है। बुखार में खट्टे या बहुत ठंडे फल खाने से बचना चाहिए।