आजकल की दौड़भाग भरी जिंदगी, अनियमित डेली रूटीन, असंतुलित खानपान और बढ़ती गर्मी का असर सीधे हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। इन कारणों से दस्त यानी लूज मोशन की समस्या बहुत आम होती जा रही है। सड़क किनारे खाने का चलन, दूषित पानी, बाहर का तला-भुना और बासी खाना और शरीर में पानी की कमी ये सभी दस्त के मुख्य कारण बन सकते हैं। खासकर गर्मियों के मौसम में जब बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, तो इंफेक्श की संभावना भी बढ़ जाती है। जब दस्त होते हैं, तो शरीर से बार-बार पानी और जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकलने लगते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। कई लोग शुरुआत में इसे मामूली समझकर घरेलू नुस्खों पर निर्भर रहते हैं जैसे ORS घोल, दही, केला या चावल का सेवन। हालांकि ये उपाय शुरुआती और हल्के मामलों में असरदार हो सकते हैं, लेकिन हर बार ये काफी नहीं होते।
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि दस्त की स्थिति में कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि दस्त लंबे समय तक बने रहें, मल में खून आने लगे, तेज बुखार हो या शरीर में कमजोरी और चक्कर जैसे लक्षण दिखाई देने लगें, तो यह सामान्य स्थिति नहीं होती। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से जानिए, दस्त होने पर डॉक्टर से कब मिलें?
दस्त होने पर घरेलू उपाय करना सही है या गलत? - Is it safe to use home remedies in diarrhea
बहुत से लोग दस्त होते ही घरेलू उपाय अपनाने लगते हैं, जो कई बार शुरुआती लेवल पर काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि हर बार घरेलू नुस्खे कारगर नहीं होते। आइए जानते हैं कुछ आम घरेलू उपाय और उनके पीछे का साइंस क्या है? यदि दस्त हल्के और एक-दो दिन के लिए हैं, तो यहां दिए गए उपाय कारगर हो सकते हैं। लेकिन यदि स्थिति बिगड़ती है या घरेलू उपायों से आराम न मिले, तो डॉक्टर से सलाह (dast hone per doctor ko kab dikhaye) लेना जरूरी है।
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1. ORS का सेवन
यह सबसे जरूरी और प्रभावी घरेलू उपाय है। दस्त के दौरान शरीर से बहुत सारा पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकल जाते हैं जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। ORS घोल शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है।
2. दही और छाछ
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और पाचन को सुधारते हैं। छाछ भी पेट को ठंडक देती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती।
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3. केला और चावल
उबला हुआ चावल और केला दस्त में बहुत फायदेमंद होता है। ये भोजन हल्का होता है और आंतों को आराम देता है। केला पोटेशियम से भरपूर होता है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है।
4. सौंफ के बीज
सौंफ का पानी पीना दस्त को रोकने में मदद करता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
5. हल्का और सुपाच्य भोजन
खिचड़ी, दलिया, टोस्ट जैसी चीजें दस्त के दौरान खाना फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये पचाने में आसान होती हैं।
दस्त होने पर डॉक्टर से कब मिलें? - When To See A Doctor If You Have Diarrhea
हर दस्त मामूली नहीं होता। कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जब बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। यदि व्यक्ति को ज्यादा कमजोरी, मुंह सूखना, पेशाब कम आना जैसे लक्षण दिखें तो ये डिहाइड्रेशन के संकेत हैं और तुरंत इलाज जरूरी है। अगर दस्त 72 घंटे से ज्यादा समय तक बना हुआ है, तो यह सामान्य नहीं माना जाता। यह किसी इंफेक्शन या गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। अगर मल में खून या बलगम आ रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह आंतों में किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। वहीं अगर दस्त के साथ अगर लगातार तेज बुखार, उल्टी, पेट में तेज दर्द जैसे लक्षण हों, तो यह किसी बैक्टीरियल इंफेक्शन की संभावना हो सकती है। बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए थोड़े भी लक्षण में डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
दस्त एक आम लेकिन लापरवाही करने पर गंभीर समस्या बन सकती है। यदि लक्षण हल्के हैं तो घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है, लेकिन अगर लक्षण बिगड़ते हैं या सुधार नहीं होता तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। खासकर बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बुजुर्गों के मामले में कभी भी जोखिम न लें।
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FAQ
दस्त में कौन सा फल खाना चाहिए?
दस्त के दौरान ऐसे फल खाने चाहिए जो पेट को आराम दें और शरीर में पानी व पोषक तत्वों की कमी को पूरा करें। पका हुआ केला सबसे अच्छा विकल्प होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह पचाने में आसान होता है और इसमें पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा सेब, अनार भी दस्त में लाभकारी होते हैं। ये फल आंतों को शांत करते हैं और शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं। खट्टे फल से इस समय बचना चाहिए।दस्त में किसका जूस पीना चाहिए?
दस्त के दौरान ऐसे जूस का सेवन करना चाहिए जो शरीर को हाइड्रेट रखें और पाचन तंत्र को राहत दें। सेब का उबला हुआ जूस या बेल का शरबत भी दस्त के दौरान लाभदायक होता है। ये जूस हल्के होते हैं और आंतों पर दबाव नहीं डालते। नींबू-पानी में थोड़ा सा नमक और चीनी मिलाकर बनाया गया घोल भी इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है। पैकेज्ड या ज्यादा मीठे जूस से बचना चाहिए।दस्त को तुरंत कैसे रोके?
दस्त को तुरंत रोकने के लिए सबसे पहले शरीर में पानी की कमी को पूरा करना जरूरी है। इसके लिए ORS घोल या नींबू-नमक-पानी का सेवन करें। पका हुआ केला खाएं, जो आंतों को मजबूत बनाता है और मल को बांधता है। उबले चावल या खिचड़ी जैसे हल्के और सुपाच्य भोजन लें। बेल का शरबत या अनार का जूस भी दस्त रोकने में कारगर होता है। अगर दस्त बार-बार हो रहे हों या खून आ रहा हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।
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