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बुजुर्गों में बार-बार दस्त को न करें नजरअंदाज, डॉक्‍टर से जानें इसका कारण और इलाज

बुजुर्गों में कमजोर पाचन, दवाओं के साइड इफेक्ट या इंफेक्‍शन के कारण बार-बार डायरिया हो सकता है। समय पर इलाज और देखभाल जरूरी है।
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बुजुर्गों में बार-बार दस्त को न करें नजरअंदाज, डॉक्‍टर से जानें इसका कारण और इलाज

बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जिससे उन्हें बार-बार दस्त या लूज मोशन की शिकायत हो सकती है। कई बार यह सिर्फ खाना खराब होने या हल्की गैस्ट्रिक परेशानी के कारण होता है, लेकिन अगर दस्त बार-बार हो रहे हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन जल्दी हो जाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है, जिससे दस्त से होने वाली कमजोरी जानलेवा बन सकती है। खासतौर पर अगर दस्त के साथ बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, या खून आना जैसे लक्षण हों, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। इस उम्र में शरीर के पोषक तत्वों के एब्‍सॉर्ब होने की क्षमता भी घट जाती है। दस्त होने पर ये कमी और बढ़ जाती है, जिससे कमजोरी, चक्कर और शरीर में पानी व इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी जैसी स्थितियां हो सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर बुजुर्गों को बार-बार दस्त क्यों होते हैं और कब डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

बुजुर्गों में बार-बार दस्त होने के कारण- Causes of Recurrent Diarrhea in Elderly

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  • वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी के इंफेक्‍शन से दस्त हो सकते हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले बुजुर्ग जल्दी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
  • पेनकिलर, एंटीबायोटिक्स या हार्ट की दवाएं कई बार पाचन क्रिया को बिगाड़ देती हैं और दस्‍त की समस्‍या हो सकती है।
  • इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), अल्सर, या कोलाइटिस जैसे रोग दस्त की वजह बन सकते हैं।
  • कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी या दूध जैसे चीजों से होने वाली लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्‍या, दस्त का कारण बन सकती हैं।

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दस्त से शरीर पर पड़ने वाला असर- Impact of Diarrhea on Elderly Health

  • शरीर में पानी की कमी से ब्लड प्रेशर गिर सकता है और किडनी पर असर पड़ सकता है।
  • सोडियम, पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी से थकान, मांसपेशियों में ऐंठन या बेहोशी हो सकती है।
  • पोषण की कमी से शरीर में एनर्जी की कमी और इम्यूनिटी घट जाती है।

बार-बार डायरिया होने से कैसे बचें?- How to Prevent Recurrent Diarrhea

  • रोजाना ओआरएस, नारियल पानी, छाछ या हल्का नमक-शक्कर का पानी लेते रहें।
  • हल्का और सुपाच्य खाना जैसे खिचड़ी, उबला हुआ आलू, दही-चावल, साबूदाना जैसे आहार लें जो पाचन में आसान हों।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि दोबारा इंफेक्‍शन न हो।
  • बुजुर्गों को ज्यादा चलने-फिरने न दें और उनकी स्थिति पर नजर रखें।

डॉक्टर से मिलना कब जरूरी हो जाता है?- When to Consult a Doctor

  • दस्त 2 दिन से ज्यादा चल रहे हों, तो डॉक्‍टर से संपर्क करें।
  • पेट में तेज दर्द, बुखार या खून आ रहा हो, तो भी डॉक्‍टर से सलाह लें।
  • पेशाब कम हो जाए या बेहोशी जैसा लगे, तो डॉक्‍टर से म‍िलें।
  • वजन तेजी से घट रहा हो, तो भी सलाह लेनी चाह‍िए।
  • बार-बार पानी पीने पर भी सूखापन महसूस हो, तो भी एलर्ट हो जाएं।
  • इन स्थितियों में डॉक्टर तुरंत ब्लड टेस्ट, स्टूल टेस्ट या अन्य जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं।

बुजुर्गों में बार-बार दस्त को सामान्य समझना बड़ी भूल हो सकती है। संतुलित आहार, हाइजीन ट‍िप्‍स, तरल पदार्थ और डॉक्टर की सलाह ही सबसे बेहतर बचाव है।

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FAQ

  • बार-बार डायरिया क्यों होता है?

    बार-बार डायरिया का कारण खराब खानपान, इंफेक्‍शन, दवाओं का साइड इफेक्ट, आंतों की बीमारी या इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है इसल‍िए सही जांच जरूरी है।
  • बुजुर्गों में दस्त का इलाज कैसे करते हैं?

    इलाज में ओआरएस, हल्का भोजन, प्रोबायोटिक्स, जरूरत पड़ने पर एंटीबायोटिक और हाइड्रेशन थेरेपी शामिल होती है। इसके साथ ही डॉक्टर की जांच भी जरूरी है।
  • डायरिया कितने दिन तक रहता है?

    सामान्य डायरिया 2 से 3 दिन में ठीक हो सकता है, लेकिन अगर यह 4-5 दिन से ज्‍यादा चले, तो यह क्रॉनिक हो सकता है और डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

 

 

 

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