आज के समय में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर उम्र के लोगों में आंखों की रोशनी कम होने की समस्या बहुत आम हो गई है। छोटी उम्र में ही बच्चों को चश्मा लगना, आंखों में जलन, पानी आना या धुंधला दिखना जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है पोषण की कमी, अनहेल्दी फूड्स का सेवन और रोजाना बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम है। मोबाइल, टीवी और लैपटॉप पर लंबे समय तक काम करने से आंखें कमजोर हो जाती हैं और नींद पर भी बुरा असर पड़ता है। आयुर्वेद में आंखों की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए कुछ नेचुरल उपाय बताए गए हैं, जिनमें बादाम, मिश्री और सौंफ का सेवन विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। ये तीनों चीजें मिलकर आंखों को पोषण देती हैं और मानसिक थकान को दूर करने में मदद करती हैं।
इस लेख में हम नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी (Dr. Anant Tripathi of Archit Ayurvedic Clinic, Sector 12, Noida) से जानेंगे कि बादाम, मिश्री और सौंफ के फायदे क्या हैं, ये कैसे मिलकर आंखों की रोशनी को बढ़ाते हैं और इनका सही सेवन कब और कैसे करना चाहिए।
आंखों की रोशनी तेज करने का आयुर्वेदिक तरीका - Almond Mishri Saunf Benefits For Eyes
आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में नींद की कमी, खराब खानपान और घंटों स्क्रीन पर काम करना आम हो गया है। इससे आंखों में ड्राईनेस, जलन, थकान और नजर कमजोर होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर बच्चे दिनभर मोबाइल या टीवी देखने में बिजी रहते हैं, जिससे उनकी आंखों की रोशनी कम उम्र में ही गिरने लगती है। आयुर्वेद में कहा गया है कि आंखें सभी इंद्रियों में प्रधान हैं और इसलिए आंखों की खास देखभाल करनी चाहिए। जब बादाम, मिश्री और सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन किया जाता है, तो यह संयोजन आंखों के लिए एक शक्तिशाली टॉनिक की तरह काम करता है। इसमें बादाम से पोषण, मिश्री से शीतलता और सौंफ से दृष्टि सुधारने वाले गुण मिलते हैं। यह मिश्रण आंखों की कमजोरी, आंखों में जलन व सूखापन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। साथ ही यह ब्रेन के फंक्शन को बढ़ाकर एकाग्रता और स्मरण शक्ति को भी बेहतर करने में सहायक हो सकता है।
1. बादाम
बादाम को आयुर्वेद में 'मेद्य' यानी मस्तिष्क वर्धक और 'बल्य' यानी शरीर को बल देने वाला माना गया है। इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों की कोशिकाओं को पोषण देने का कार्य करते हैं। बादाम का नियमित सेवन आंखों की थकान को दूर (aankhon ki thakawat kaise dur kare) करता है, रेटिना को मजबूत करता है और उम्र के साथ आने वाली नजर की समस्याओं से बचाता है। आयुर्वेद अनुसार, रात को भिगोकर सुबह छीलकर खाया गया बादाम सबसे ज्यादा प्रभावी होता है।
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2. मिश्री
मिश्री को आयुर्वेद में शीतल, पौष्टिक और नेत्रों के लिए हितकारी माना गया है। यह आंखों की जलन को कम करने और आंखों को ठंडक देने (Is mishri good for your eyes) का काम करती है। विशेषकर गर्मियों में, जब आंखों में जलन और लालिमा की शिकायत होती है, मिश्री का सेवन आंखों को राहत देता है। यह न केवल आंखों के लिए बल्कि मस्तिष्क को भी शांत करता है और मानसिक तनाव को कम करता है।
3. सौंफ
सौंफ का स्वाद मधुर और गुण शीतल होता है। सौंफ में मौजूद तत्व आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी हैं। सौंफ आंखों की थकान दूर करती है और लंबे समय तक देखने की क्षमता को बनाए रखने में मदद कर सकती है। साथ ही यह पाचन क्रिया को भी सुधारती है, जिससे आंखों पर अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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कैसे और कब लें?
इस चूर्ण को घर पर बनाना बेहद आसान है। इसे बनाने के लिए 100 ग्राम भुनी हुई सौंफ, 100 ग्राम छिले हुए बादाम और 100 ग्राम मिश्री को मिक्सी में बारीक पीसकर एयरटाइट डिब्बे में रख लें और रोजाना सुबह और रात सोने से पहले 1–1 चम्मच गर्म दूध के साथ लें।
बच्चों को आधा चम्मच देना पर्याप्त है।
निष्कर्ष
आंखों की देखभाल करना हर उम्र में जरूरी है, बदलती लाइफस्टाइल और डिजिटल युग में जब आंखों पर दबाव बढ़ गया है, ऐसे में बादाम, मिश्री और सौंफ का यह आयुर्वेदिक नुस्खा एक सरल, सस्ता और प्रभावशाली उपाय (ayurveda natural remedy for eyes) है। यह न केवल आंखों की रोशनी बढ़ाता है, बल्कि पूरे शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। इसलिए आज ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें और प्राकृतिक तरीके से अपनी आंखों की सेहत को बेहतर बनाएं।
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