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औषधीय गुणों से भरपूर होता है एलोवेरा, जानें इसके फायदे-नुकसान और सेवन का तरीका

एलोवेरा का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि एलोवेरा सभी के लिए लाभदायक साबित हो। जानें, इसके फायदे-नुकसान और सेवन का तरीका।
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औषधीय गुणों से भरपूर होता है एलोवेरा, जानें इसके फायदे-नुकसान और सेवन का तरीका


एलोवेरा एक ऐसा पौधा है, जिसे देखकर लोग तुरंत पहचान कर लेते हैं। दरअसल, एलोवेरा आसानी से कहीं भी उग जाता है और इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है। आजकल लोगों का नेचुरल उपायों की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है और इसी कड़ी में एलोवेरा एक प्रमुख स्थान रखता है। एलोवेरा, जिसे हिंदी में घृतकुमारी या घीकुआँर भी कहा जाता है, एक ऐसा पौधा है जो त्वचा, बाल और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। यही वजह है कि आज के समय में लोग बिना एक्सपर्ट की सलाह के एलोवेरा का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, जो कि गलत है। बता दें कि एलोवेरा का पौधा सदियों से आयुर्वेद और अन्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों में उपयोग किया जा रहा है लेकिन इसके बारे में अलग-अलग ग्रंथों में अलग-अलग मत हैं। आज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ सीरीज के इस लेख में हम रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से एलोवेरा क्या है? इसे खाने के फायदे क्या हैं? साथ ही, एलोवेरा का सेवन किसे करना चाहिए और किसे नहीं इन सब सवालों के जवाब जानेंगे। 

एलोवेरा क्या है?

डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि एलोवेरा एक ऐसा पौधा है, जिसके बारे में अलग-अलग आयुर्वेद के ग्रंथों में अलग-अलग मत हैं यानी एलोवेरा के गुणों को लेकर आचार्यों में भी भिन्न-भिन्न मत हैं। डॉक्टर श्रेय शर्मा ने कहा कि वह 'भावप्रकाश निघण्टु' के अनुसार एलोवेरा के बारे में जानकारी दे रहे हैं। बता दें कि आयुर्वेद के इतिहास में 'भावप्रकाश निघण्टु' का एक प्रमुख स्थान है। यह ग्रंथ औषधियों और जड़ी-बूटियों के गुणों, उपयोग और उनके लाभों का विस्तार से वर्णन करता है। भावप्रकाश निघण्टु ग्रंथ महर्षि भाव मिश्र द्वारा रचित है। एलोवेरा के बारे में बताया गया है कि यह मल को भेदन करता है और यह तिक्त और मधुर रस युक्त होता है। एलोवेरा रसायन है, चर्म रोगों का नाश करता है और नेत्रों के लिए हितकर होता है। इसके साथ ही यह बल कारक भी बताया गया है। एलोवेरा के पत्तों से निकला जेल और रस आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। 

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आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि वह 15 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं और इतने साल के एक्सपीरिएंस से उन्हें पता चला है कि एलोवेरा, व्यक्ति के शरीर की प्रकृति के अनुसार असर करता है। इसके साथ ही डॉक्टर श्रेय ने बताया कि लोग कहीं से भी एलोवेरा तोड़कर इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, जो कि बिलकुल गलत है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एलोवेरा के अनेक प्रकार होते हैं और सभी का असर अलग-अलग हो सकता है। आयुर्वेद में द्रव्य गुण का ज्ञान रखने वाले वैद्य ही सही बता सकते हैं कि कौन सा एलोवेरा सही है और इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्टर श्रेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ एलोवेरा के पौधे गुर्दों और लिवर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ऐसे में बिना डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के एलोवेरा को तोड़कर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह है कि एलोवेरा से बने प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से पहले भी यह जांच लें कि प्रोडक्ट मिलावटी न हो और अच्छी कंपनी का हो।

1. एलोवेरा की तासीर - Aloe Vera Ki Taseer

'भावप्रकाश निघण्टु' के अनुसार, एलोवेरा की तासीर शीतल होती है। इसका सेवन या बाहरी प्रयोग शरीर के पित्त को शांत करने में मदद करता है और यह त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। इसकी शीतल प्रकृति के कारण यह गर्मियों में विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह शरीर में गर्मी के प्रभाव को कम करता है और शरीर को शांत और ठंडा बनाए रखता है। 

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2. एलोवेरा के फायदे क्या होते हैं?

  • एलोवेरा जेल का नियमित उपयोग त्वचा को नमी प्रदान करता है और झुर्रियों को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
  • एलोवेरा जेल बालों की जड़ों को पोषण देता है, जिससे बाल मजबूत और शाइनी हो सकते हैं।
  • एलोवेरा जूस पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद करता है और कब्ज की समस्या को दूर कर सकता है।
  • एलोवेरा से इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है, जिससे शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम होता है।
  • एलोवेरा जेल का उपयोग घावों, जलन और कटने-फटने पर किया जा सकता है।

3. एलोवेरा जेल कब लगाना चाहिए?

एलोवेरा जेल का उपयोग दिन में दो बार, सुबह और शाम को किया जा सकता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है साथ ही त्वचा को रिपेयर करने का काम भी करता है। इसे चेहरे, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर लगाया जा सकता है। रात के समय एलोवेरा जेल को त्वचा पर लगाने से परहेज करना चाहिए।

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4. एलोवेरा कब नहीं लगाना चाहिए?

हालांकि, एलोवेरा के फायदे बहुत सारे हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में इसे त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए। जिन लोगों की त्वचा बेहद संवेदनशील है या एलोवेरा के प्रति एलर्जी है, उन्हें इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर एलोवेरा लगाने पर त्वचा पर जलन, लालिमा, खुजली या किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है, तो इसका प्रयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए।

5. एलोवेरा जूस कब पीना चाहिए?

आयुर्वेद के अनुसार, एलोवेरा जूस का सेवन सुबह करना सबसे अधिक लाभकारी होता है। यह पेट की समस्याओं, कब्ज और पाचन से जुड़ी अन्य परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। एलोवेरा जूस का सेवन शरीर को भीतर से ठंडक पहुंचाता है और उसे डिटॉक्स करता है। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।

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6. एलोवेरा कब नहीं खाना चाहिए?

कुछ विशेष परिस्थितियों में एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे कि गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और छोटे बच्चे इसका सेवन करने से बचें। एलोवेरा की ठंडी तासीर के कारण यह गर्भ में संकुचन पैदा कर सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों को एलोवेरा से एलर्जी है या जिन्हें दस्त की समस्या है, उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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7. एलोवेरा के नुकसान

हालांकि एलोवेरा के अनेक फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

  • अधिक मात्रा में एलोवेरा जूस का सेवन दस्त और पेट दर्द का कारण बन सकता है।
  • जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें एलोवेरा जेल से एलर्जी हो सकती है।
  • गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एलोवेरा का अधिक प्रयोग शरीर की गर्मी को कम कर सकता है, जिससे ठंड या कमजोरी महसूस हो सकती है।

8. एलोवेरा से कौन-कौन से रोग ठीक होते हैं?

आयुर्वेद के अनुसार, एलोवेरा कई रोगों को ठीक करने में सहायक होता है। इनमें से कुछ मुख्य रोग इस प्रकार हैं-

  • एलोवेरा त्वचा की सूजन, दाग-धब्बे, सनबर्न और अन्य समस्याओं का उपचार करता है।
  • एलोवेरा जूस का सेवन पेट के रोगों जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच को दूर करता है। यह व्यक्ति के शरीर के प्रकृति पर भी निर्भर करता है।
  • एलोवेरा बालों के झड़ने, रूसी और अन्य समस्याओं को कम कर सकता है।
  • एलोवेरा के सेवन से शरीर की कमजोरी दूर हो सकती है।
  • आंखों के लिए भी एलोवेरा लाभकारी हो सकता है।

9. एलोवेरा का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

एलोवेरा का उपयोग आंतरिक और बाहरी दोनों रूपों में किया जा सकता है-

एलोवेरा जूस: इसे सुबह पीने से पाचन तंत्र को लाभ मिलता है।

एलोवेरा जेल: इसे त्वचा और बालों पर लगाया जा सकता है, जिससे नमी और पोषण मिलता है।

घरेलू उपचार: एलोवेरा का उपयोग घरेलू उपचारों में किया जा सकता है जैसे कि जलन, कटने या चोट पर इसका जेल लगाने से राहत मिलती है।

निष्कर्ष

एलोवेरा एक प्राकृतिक औषधि है जिसका सही उपयोग सेहत को कई प्रकार के लाभ पहुंचा सकता है, जो कि व्यक्ति के शरीर की तासीर पर भी निर्भर करता है। हालांकि, इसके इस्तेमाल में सावधानी भी बरतनी चाहिए, विशेषकर तब जब आपकी त्वचा या पाचन तंत्र संवेदनशील हों या आप किसी भी प्रकार के रोगों और शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हों। हमेशा किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लेकर ही एलोवेरा का सेवन या उपयोग करें।

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