जब भी आप बीपी चेक करते हैं तो डायस्टोलिक बीपी (diastolic bp) और सिस्टोलिक बीपी (Systolic bp) देखा जाता है। सिस्टोलिक बीपी में लोग ऊपरी रीडिंग को देखते हैं तो डायस्टोलिक बीपी में लोग नीचे की रीडिंग देखते हैं। सिस्टोलिक (Systolic) हार्ट बीपी का मतलब होता है जब धमनियां सिकुड़ती हैं और खून पंप करती हैं तो डायस्टोलिक बीपी आराम की स्थिति में धमनियों का ब्लड प्रेशर है। इन दोनों पर ही ध्यान देना बेहद जरूरी है लेकिन आज हम बात करेंगे डायस्टोलिक बीपी की इसका बढ़ना क्यों परेशान कर सकता है। ऐसे में डॉ. अमर सिंघल, डायरेक्टर इंटरवेंशनल क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉफिजियोलॉजी श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट दिल्ली से जानते हैं कि डायस्टोलिक बीपी बढ़ने से क्या होता है? जानते हैं इसका सेहत पर कैसा असर हो सकता है।
डायस्टोलिक बीपी बढ़ने से क्या होता है-What happens when your diastolic blood pressure?
डॉ. अमर सिंघल बताते हैं कि डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर वह दबाव है जो दिल की धड़कन के बीच जब दिल आराम करता है, तब रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर पड़ता है। अगर डायस्टोलिक बीपी लगातार बढ़ा रहे, तो यह हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त तनाव डालता है। इससे कई समस्याओं का संकेत हो सकती हैं। जैसे कि
1. दिल की मांसपेशियों का मोटापा
अगर डायस्टोलिक बीपी बढ़ा हुआ है तो इसका मतलब है कि आपकी धमनियों पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ सकता है जिससे आपकी दिल की मांसपेशियों का काम काज प्रभावित हो सकता है। इतना ही नहीं दिल की मांसपेशियों का मोटापा इस बात का संकेत है कि आपको कार्डियोमायोपैथी या थिक हार्ट सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। इससे रक्त पंप करने में कठिनाई हो सकती है जिससे सीने में दर्द, सांस फूलना, थकान, और हृदय गति में गड़बड़ी शामिल हो सकती है।
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2. आर्टरी की जकड़न
डायस्टोलिक बीपी बढ़ने से अर्टकी की जकड़न की समस्या हो सकती है। बढ़ा हुआ डायस्टोलिक रक्तचाप (DBP) धमनी की कठोरता में योगदान दे सकता है। इसके अलावा इसकी वजह से धमनियों में तनाव और सूजन की समस्या हो सकती है। साथ ही धमनियां ठीक से फैलने की क्षमता खो देती हैं। यह बढ़ी हुई कठोरता फिर क्षति का एक चक्र बनाती है जिससे रक्तचाप और बढ़ जाता है और धमनी की कठोरता बढ़ती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
3. हार्ट अटैक और स्ट्रोक
डायस्टोलिक बीपी बढ़ने की वजह से आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। दरअसल, डायस्टोलिक बीपी बढ़ने का मतलब है कि आपकी धमनियां कठोर हो सकती हैं और इन पर लगातार प्रेशर पड़ रहा हो। इससे हार्ट अटैक की स्थिति आ सकती है या फिर ब्रेन की नसें फट सकती हैं और स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।
4. किडनी की समस्या
डायस्टोलिक बीपी बढ़ने से किडनी की समस्या बढ़ सकती है। यह किडनी की बीमारी का एक जोखिम कारक है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर, किडनी के ब्लड वेसेल्स को क्षतिग्रस्त और संकरा कर देता है, जिससे अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानने की उनकी क्षमता बाधित हो जाती है। यह क्षति एक खतरनाक चक्र बनाती है जहां गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी से ब्लड प्रेशर और बढ़ जाता है जिससे किडनी फेलियर की समस्या हो सकती है।
इतना ही नहीं, डायस्टोलिक बीपी बढ़ने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा लंबे समय तक उच्च डायस्टोलिक बीपी से थकान, सिरदर्द और धड़कन में असामान्यता जैसी समस्या (diastolic blood pressure side effects) भी हो सकती है।
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डायस्टोलिक बीपी कैसे कम करें?
डॉ. अमर सिंघल बताते हैं कि डायस्टोलिक बीपी को कम करने के लिए जरूरी है कि नियमित ब्लड प्रेशर चेक करना, संतुलित आहार, नमक कम करना, एक्सरसाइज और तनाव नियंत्रण बहुत जरूरी है।
तो इन तमाम बातों का ध्यान रखें और अपने ब्लड वेसेल्स की अच्छी सेहत पर ध्यान दें। इसके अलावा अब जब भी बीपी चेक करें तो डायस्टोलिक बीपी पर नर बनाए रखें और अगर ये बढ़ रहा हो तो इसे इग्नोर न करें बल्कि डॉक्टर से बात करें।
FAQ
बीपी और शुगर हाई होने पर क्या होता है?
बीपी और शुगर, दोनों हाई होने पर आपको कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। सबसे पहले तो इससे आपकी धमनियों की सेहत प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा शुगर और बीपी एक ही समय पर हाई हो तो आपको आंखों की नसों को नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं आपको स्ट्रोक और किडनी की बीमारी हो सकती है।शुगर पेशेंट का बीपी कितना होना चाहिए?
शुगर पेशेंट भी नॉर्मल लोगों की तरह ही कंट्रोल में होना चाहिए जैसे कि डायबिटीज के मरीज को कोशिश करनी चाहिए कि बीपी 140/90 mmHg से नीचे हो नहीं तो आपको दिक्कत हो सकती है।मीठा खाने से बीपी कम होता है क्या?
मीठा खाने से बीपी कम नहीं होता बल्कि बीपी बढ़ता है। इतना ही नहीं, चीनी आपके शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रोडक्शन को प्रभावित करती हैं जिससे ब्लड वेसेल्स पतली हो जाती हैं औक बीपी बढ़ सकता है।
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Oct 06, 2025 16:05 IST
Published By : Pallavi Kumari