स्ट्रोक, मस्तिष्क से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें अचानक से ब्रेन के हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाता। इसके अलावा ब्रेन सेल्स के फटने से भी स्ट्रोक का खतरा होता है। इस बीमारी में चेहरे का लटकना, हाथ-पैर में कमजोरी और बोलने में कठिनाई होने लगती है और इसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है लेकिन हाल में आई स्टडी स्ट्रोक के बारे में कुछ और ही कहती है। इस स्टडी की मानें तो आपका ब्लड ग्रुप तय करता है कि आप स्ट्रोक का शिकार (blood type risk for stroke) हो सकते हैं या नहीं। तो क्या है ये स्टडी और इसे लेकर डॉक्टर डॉ. ज़ुबैर सरकार, सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल कानपुर की राय क्या है? जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से
A1 blood subgroup वालों में है सबसे ज्यादा स्ट्रोक का खतरा
Sciencealert.com में प्रकाशित इस स्टडी की मानें तो ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों में बाकी ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने 48 आनुवंशिक अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिनमें लगभग 17,000 स्ट्रोक रोगी और लगभग 600,000 गैर-स्ट्रोक रोगी शामिल थे। सभी प्रतिभागियों की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच थी। उनके निष्कर्षों से A1 रक्त उपसमूह के लिए जिम्मेदार जीन और प्रारंभिक स्ट्रोक के बीच एक स्पष्ट संबंध का पता चला। दरअसल, ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों में खून के थक्के बनाने वाले कुछ प्रोटीन जैसे वॉन विलेब्रांड फैक्टर और फैक्टर VIII का स्तर अधिक हो सकता है, जिससे इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्टडी के मुख्य निष्कर्ष को देखें तो
- -ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों को 60 साल से पहले स्ट्रोक होने का 16% अधिक खतरा होता है।
- -ब्लड ग्रुप ओ वाले व्यक्तियों में स्ट्रोक का जोखिम 12% कम था।
- -ब्लड ग्रुप बी और एबी में स्ट्रोक का खतरा बहुत कम होता है।
इसे भी पढ़ें: हार्ट की धमनियों को साफ करने और स्ट्रोक से बचाव के लिए खाएं ये फूड्स
इस शोध को लेकर क्या है डॉक्टर की राय
डॉ. ज़ुबैर सरकार बताते हैं कि ''हाल ही में एक बड़े अध्ययन में यह पाया गया है कि रक्त समूह और स्ट्रोक के खतरे के बीच कुछ संबंध हो सकता है। शोध के अनुसार जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A है, उनमें 60 साल से पहले स्ट्रोक का खतरा दूसरों की तुलना में थोड़ा अधिक पाया गया, जबकि ब्लड ग्रुप O वाले लोगों में यह खतरा थोड़ा कम होता है। हालांकि यह अंतर बहुत बड़ा नहीं है और केवल ब्लड ग्रुप देखकर घबराने की जरूरत नहीं है।'' ऐसे में यह अध्ययन शुरुआती संकेत जरूर देता है, लेकिन स्ट्रोक से बचाव के लिए अब भी जीवनशैली सबसे अहम है।
जरूरी है स्ट्रोक के जोखिम बढ़ाने वाले कारणों को कम करना
डॉ. ज़ुबैर सरकार बताते हैं कि भले ही स्टडी में ये बात कही गई हो कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा है लेकिन असल में जरूरी ये है कि स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाने वाले मुख्य कारण हैं, हाई बीपी, डायबिटीज, धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा, तनाव और अस्वास्थ्यकर खानपान। इसलिए हमें इन कारणों से बचना चाहिए जिससे अपने आप ही स्ट्रोक का खतरा कम हो जाएगा। इसके अलावा, नियमित व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना और नशे से दूर रहना स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: अचानक बोलने में दिक्कत और कंफ्यूजन, क्या ये मिनी स्ट्रोक का संकेत? जानें डॉक्टर से
ब्लड ग्रुप केवल एक छोटा कारक हो सकता है, लेकिन असली सुरक्षा आपकी आदतों और जीवनशैली पर निर्भर करती है। इसलिए सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए, अपने ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित रखना चाहिए और हेल्दी जीवनशैली अपनानी चाहिए। यह कदम स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
Read Next
भारतीय डाइट में 62% कार्बोहाइड्रेट, एक बड़ी आबादी बन सकती है डायबिटीज और मोटापे की शिकार: ICMR
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 02, 2025 09:45 IST
Published By : Pallavi Kumari