Doctor Verified

भारतीय डाइट में 62% कार्बोहाइड्रेट, एक बड़ी आबादी बन सकती है डायबिटीज और मोटापे की शिकार: ICMR

ICMR-INDIAB द्वारा हाल ही में किए गए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन में पाया गया है कि भारत में एक बड़ी आबादी डायबिटीज और मोटापे की शिकार हो सकती है जिसका सबसे बड़ा कारण है भारतीय खाना।
  • SHARE
  • FOLLOW
भारतीय डाइट में 62% कार्बोहाइड्रेट, एक बड़ी आबादी बन सकती है डायबिटीज और मोटापे की शिकार: ICMR


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (IMCR) ने भारतीय डाइट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे ये भारत की आधी आबादी को डायबिटीज और मोटापे का शिकार बना सकती है। दरअसल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-भारत मधुमेह (ICMR-INDIAB) द्वारा हाल ही में किए गए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन में पाया गया है कि भारतीयों में बदलती आहार संबंधी आदतें डायबिटीज और मोटापे की बढ़ती दरों से गहराई से जुड़ी हैं। इस सर्वेक्षण में 36 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT)-दिल्ली के शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के 1,21,077 वयस्कों को शामिल किया गया। इसके बाद उनकी डाइट का व्यापक अवलोकन प्राप्त हुआ और इससे उनके मेटाबॉलिज्म का अनुमान लगाया गय जिससे इस बात का पता चलता है कि भारतीय डाइट में 62% कार्बोहाइड्रेट है जो लोगों को डायबिटीज और मोटापे की शिकार बना रही है। इसके अलावा भी इस रिपोर्ट में बहुत कुछ कहा गया है। जानते हैं इसे विस्तार से और फिर जानेंगे इसे लेकर डॉ रोहित शर्मा कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर की राय।

विश्व में सबसे ज्यादा कार्ब्स भारतीय आहार में : ICMR

नेचर मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि हम भारतीय के खाने में दुनिया में सबसे ज्यादा कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट होता है और ये दैनिक कैलोरी का लगभग 62% है। इतना ही नहीं इसका सेवन का अधिकांश हिस्सा निम्न-गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों जैसे सफेद चावल, पिसे हुए साबुत अनाज और अतिरिक्त चीनी से आता है जो कि शरीर को सीधेतौर पर बीमार प्रभावित करते हैं। ये चीजें मेटाबॉलिक बीमारियां जैसे डायबिटीज और और मोटापे की वजह बन सकती हैं।

इसे भी पढ़ें: व्हाइट ब्रेड भी हो सकता है आपके बढ़ते मोटापे की वजह

देश में चीनी की खपत सबसे ज्यादा

इसी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि देश भर में चीनी की खपत सबसे ज्यादा है। यह पैटर्न, हाई कार्बोहाइड्रेट सेवन के साथ, डायबिटीज, प्री-डायबिटीज और मोटापे जैसे चयापचय संबंधी जोखिमों को बढ़ाने से जुड़ा है। शोध में फैट और प्रोटीन के सेवन की भी जांच की गई। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड जैसे हेल्दी फैट का सेवन पूरे देश में कम पाया गया।

diabetes

इसे भी पढ़ें: मोटापे के करण बढ़ रहे हैं चेहरे पर मुंहासे? जानें इससे बचाव के 5 टिप्स

क्या है डॉक्टर की राय?

डॉ रोहित शर्मा बताते हैं कि ''मैं हमेशा अपने मरीजों को यही सलाह देता हूं कि हमारा खानपान सीधे हमारी सेहत को प्रभावित करता है।'' हाल ही में ICMR के अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि भारतीय आहार में लगभग 62% कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आती है, जो बहुत अधिक है। अधिकतर लोग सफेद चावल, पराठे और शक्कर का अधिक सेवन करते हैं, जिससे मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। वहीं प्रोटीन की मात्रा हमारे आहार में केवल 12% है, जो बहुत कम है। प्रोटीन हमें तंदरुस्त मांसपेशियों, बेहतर पाचन और भूख नियंत्रित करने में मदद करता है।

इसलिए मैं हमेशा सुझाव देता हूं कि हम अपने आहार में साबुत अनाज, दालें, दूध और डेयरी उत्पादों को शामिल करें और सफेद कार्बोहाइड्रेट जैसे ज्यादा परिष्कृत आटे और मिठाइयों का सेवन कम करें। अगर हम अपने आहार में थोड़ी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट कम कर प्रोटीन बढ़ाएं, तो मधुमेह और वजन बढ़ने के जोखिम में काफी कमी आ सकती है। मेरी नजर में, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार ही लंबे समय तक स्वस्थ जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Read Next

नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को ज्यादा होता है किडनी स्टोन का खतरा, नई स्टडी में सामने आई बात

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Oct 02, 2025 08:40 IST

    Published By : Pallavi Kumari

TAGS