ICMR Malaria Vaccine: भारत में बना पहला स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन, संक्रमण और ट्रांसमिशन को रोकने में करेगा मदद - AdFalciVax

Malaria Vaccine in Hindi: मलेरिया की रोकथाम में भारत ने काफी बड़ी कामयाबी हासिल की है। ICMR ने हाल ही में मलेरिया को रोकने के लिए वैक्सीन एडफाल्सीवैक्स (AdFalciVax) तैयार किया है। जानें इसके बारे में विस्तार से इस लेख में - 
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ICMR Malaria Vaccine: भारत में बना पहला स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन, संक्रमण और ट्रांसमिशन को रोकने में करेगा मदद - AdFalciVax


Malaria Vaccine in Hindi: मानसून आते ही मच्छरों की भरमार हो जाती है और फिर मलेरिया का प्रकोप शुरू हो जाता है। साल दर साल मलेरिया के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस स्थिति से निबटने के लिए मलेरिया को पूरी तरह खत्म करना जरूरी है। इसके लिए मलेरिया के संक्रमण और इसके प्रसार को रोकना बहुत जरूरी है। इसी लाइन पर काम करते हुए आईसीएमआर (ICMR) और भुवनेश्वर के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (RMRC) ने मिलकर मलेरिया के वैक्सीन पर काम करना शुरू किया और सफलता भी मिल गई। मलेरिया के इस वैक्सीन का नाम एडफाल्सीवैक्स (AdFalciVax) है। इस वैक्सीन के बारे में विस्तार से जानने से पहले भारत में मलेरिया के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।

भारत में मलेरिया के आंकड़े

भारत में मलेरिया के मामलों में लगातार इफाजा हो रहा है। आंकड़ों को देखे तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में साल 2022 में एक लाख 76 हजार से ज्यादा मामले थे, जो साल 2023 में बढ़कर दो लाख पार गए और साल 2024 में ये आंकड़ा ढाई लाख से ज्यादा चला गया। मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगता है कि अगर इस बीमारी को फैलने से रोकने का उपाय करना जरूरी है। इसलिए सरकार लगातार इसके वैक्सीन पर रिसर्च कर रही थी।

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एडफाल्सीवैक्स (AdFalciVax) वैक्सीन कैसे करेगा काम?

दरअसल, प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम सबसे घातक परजीवी है, जो मलेरिया का कारण बनता है। यह परजीवी मादा एनोफिलीज़ मच्छर के जरिए मनुष्यों में फैलता है। अगर मलेरिया का समय पर इलाज न कराया जाए तो रोगी की जान तक जा सकती है। AdFalciVax नाम से बना यह स्वदेशी वैक्सीन खासतौर पर प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के दो महत्वपूर्ण स्टेज को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस टीके की मदद से संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी और साथ ही कम्युनिटी स्तर पर इसका प्रसार रोका जा सकेगा। इससे मलेरिया के बढ़ते मामले कम हो सकेंगे। माना जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बेहतरीन मलेरिया टीका होगा। अभी तक दुनिया में दो वैक्सीन RTS,S/AS01 (मॉस्किरीक्स) और R21/ (मैट्रिक्स-M) ज्यादा असरदार माने जाते हैं। इनका असर 33 फीसदी से लेकर 67 फीसदी के बीच है। लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि AdFalciVax वैक्सीन शरीर में मजबूत एंडीबॉडी बना देगा जो मलेरिया संक्रमण को रोकने में बहुत असरदार होगा।

मलेरिया के वैक्सीन की क्या खासयित है?

भारत में बने AdFalciVax वैक्सीन कई मायनों में खास है। संक्रमण और प्रसार रोकने के अलावा यह काफी किफायती स्तर पर बना है। कहा जा रहा है कि इसमें लैक्टोकोकस लैक्टिस नामक बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया गया। यह बैक्टीरिया दही, छाछ और पनीर जैसे खाने को बनाने में उपयोग होता है। सबसे खास बात यह है कि यह वैक्सीन कमरे के तापमान में 9 महीने तक रखा जा सकता है। इसलिए किसी भी तरह की कोल्ड स्टोरेज की जरुरत नहीं है। इस खासयित की वजह से इस टीके को दूरदराज के गांवों में भेजने में आसानी होगी। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और जैविक तकनीक पर आधारित है।

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मलेरिया वैक्सीन कब तक मिलेगी

आईसीएमआर के अनुसार, इस वैक्सीन की प्री- क्लिनिकल स्टेज सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। अब इसे इंसानों पर ट्रायल करने के लिए क्लिनिकल स्टेज पर लाया जा रहा है। इसे पूरा होने में दो साल लग सकते हैं। अगर क्लिनिकल ट्रायल सफल रहा तो यह देश के लिए अहम उपलब्धि होगी और मलेरिया को खत्म करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण काम होगा। ICMR इसके वितरण और लाइसेंस पर भी काम कर रही है। भारत में बने इस Make in India वैक्सीन AdFalciVax ने मलेरिया खत्म करने की उम्मीद जताई है।

 

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