World Brain Day 2025: रोजाना होने वाली चीजों को याद रखना, क्या किया था क्या करना है इसके बारे में सोचना, आने वाले कल को लेकर परेशान होना तो बीते कल की चीजों को लेकर तनाव में रहना। ये सब काम हमारा दिमाग सारा दिन करता है। दिमाग हमारे शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है, जो हमारे बोलने, चलने, करने जैसे सभी कामों को कंट्रोल करता है। लेकिन, इसके बावजुद भी अक्सर हम लोग अपने दिमाग के स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं, ऐसा क्या करें, जिससे शरीर फिट रहे, बीमारियां दूर रहे, इस बारे में हम सब सोचते हैं। लेकिन, दिमाग को स्वस्थ कैसे रखें, दिमाग से जुड़ी बीमारियों से कैसे बचाव करें, अक्सर इस बारे में सोचना ही भूल जाते हैं। इसलिए, ब्रेन हेल्थ को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और इसके महत्व को बताने के लिए हर साल 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस (World Brain Day) मनाया जाता है। आइए जानते हैं क्या वर्ल्ड ब्रेन डे का महत्व, इतिहास और इस साल की थीम-
वर्ल्ड ब्रेन डे 2025 की थीम
वर्ल्ड ब्रेन डे 2025 की थीम "सभी उम्र के लोगों के लिए ब्रेन हेल्थ" (world brain day 2025 theme) है। यह थीम भ्रूण से लेकर बुढ़ापे तक, सभी लोगों के दिमाग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है। इस थीम का उद्देश्य लोगों के बीच ब्रेन हेल्थ को लेकर जागरुकता बढ़ाना, लोगों को शिक्षित करना और सभी उम्र के लोगों में ब्रेन हेल्थ की सही देखभाल को लेकर पहुंच बनाना है। बता दें कि साल 2024 में "ब्रेन हेल्थ फॉर ऑल" थीम थी, जो ब्रेन हेल्थ से जुड़े मुद्दे पर जागरुकता फैलने से जुड़ी थीं। हर साल इस दिन के लिए तय की जाने वाली थीम विश्व स्तर पर लोगों को ब्रेन हेल्थ के लिए जागरुक करने पर जोर देता है।
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वर्ल्ड ब्रेन डे का महत्व
वर्ल्ड ब्रेन डे का मुख्य उद्देश्य समाज में दिमाग के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाना (world brain day importance) है। दिमाग से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को समाज में सम्मान दिलाना और सही इलाज लोगों तक पहुंचाना है। दिमाग हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन अक्सर लोग इसे ही नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में लोगों के लिए ब्रेन हेल्थ को लेकर जागरुकता फैलाना बहुत जरूरी है। दुनिया भर में लाखों लोग दिमाग से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसमें अल्जाइमर, पार्किंसन, ब्रेन स्ट्रोक, डिमेंशिया और मेंटल डिसऑर्डर जैसे समस्याएं शामिल हैं। इन बीमारियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, वर्ल्ड ब्रेन डे इस तरह की समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इतना ही नहीं, मानसिक और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर को कैसे रोक जाए और इनका बेहतर इलाज कैसे किया जाए, इस दिन इस बात पर भी खास ध्यान दिया जाता है।
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वर्ल्ड ब्रेन डे क्यों मनाया जाता है?
साल 2014 में इंटरनेशनल बैक एंड न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स (IBRO) और वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजिकल सोसाइटीज (WFNS) ने मिलकर वर्ल्ड ब्रेन डे मनाने की शुरुआत (history of World brain Day) की थी। इन संस्थाओं ने पाया कि समाज में ब्रेन और नर्व सिस्टम से जुड़ी समस्याओं के बारे में कम जागरुकता है, जिसे बढ़ाने की बहुत जरूरत है। कई बार लोगों को दिमाग से जुड़ी कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनके बारे में सही समय पर पता नहीं चलता है, क्योंकि उन्हें उन बीमारियों के बारे में कम जानकारी या न के बराबर जानकारी होती है, जिसके कारण इन बीमारियों का इलाज सही समय पर नहीं हो पाता है। इसके बाद से हर साल 22 जुलाई को वर्ल्ड ब्रेन डे के रूप में मनाए जाने लगा। इस दिन कई तरह के कार्यक्राम आयोजिक किए जाते हैं, जिसमें डॉक्टर और एक्सपर्ट्स द्वारा ब्रेन हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर बात की जाती है और लोगों में जागरुकता फैलाई जाती है।
निष्कर्ष
वर्ल्ड ब्रेन डे दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को समझने, लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और दिमाग से जुड़ी बीमारी से पीड़ित लोगों को अनदेखा या दरकिनार करने जैसे व्यवहार करने के लिए बहुत अहम है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी हमारे लिए बहुत जरूरी है।
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