हर साल 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस (World Brain Day 2025) मनाया जाता है। वर्ल्ड ब्रेन डे का उद्देश्य है ब्रेन हेल्थ के प्रति जागरूक बनना। इस साल वर्ल्ड ब्रेन डे 2025 की थीम है (World Brain Day 2025 Theme) है हर उम्र के लोगों के लिए दिमाग की सेहत। यह थीम हर उम्र में दिमाग के स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालती है। जैसे फिट रहने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है, वैसे ही दिमाग की सेहत का ख्याल रखने के लिए सामाजिक जुड़ाव जरूरी है। लोगों से मिलना-जुलना, उनसे बातचीत करना, आपके मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है, क्योंकि इंसान सोशल एनिमल है, जैसे एक पौधे को सूरज की रौशनी और पानी की जरूरत होती है, वैसे ही इंसान अकेला ठीक से नहीं रह सकता, उसे भी कोई न कोई साथ रहने के लिए चाहिए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मिशिगन विश्वविद्यालय (University of Michigan) की 2022 की एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग सामाजिक रूप से एक्टिव रहते हैं, उनमें डिमेंशिया और अल्जाइमर (Dementia & Alzheimer’s) जैसी बीमारियों का खतरा 30 % तक कम हो जाता है। यानी अकेलापन सिर्फ एक भावना नहीं है, बल्कि एक हेल्थ रिस्क है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों सामाजिक संबंध, दिमाग की सेहत के लिए जरूरी है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
1. सोशल एक्टिव रहने से दिमाग एक्टिव रहता है- Brain Stays Active With Social Interaction
हार्वर्ड स्टडी ऑफ एडल्ट डेवलपमेंट (Harvard Study of Adult Development) के मुताबिक, सामाजिक रिश्ते, मानसिक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कमजोर होने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। जब आप लोगों से बात-चीत करते हैं, तो न्यूरॉन कनेक्शन मजबूत होते हैं और दिमाग शार्प बनता है।
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2. सोशल एक्टिव रहने से स्ट्रेस घटता है- Being Socially Active Reduces Stress
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (American Psychological Association) के मुताबिक, जब आप लोगों से मिलते-जुलते रहते हैं, तो आपको रिश्तेदारों या दोस्तों का सपोर्ट मिलता है जिससे सामाजिक सपोर्ट मिलने से दिमाग की प्रॉब्लम सॉल्विंग क्षमता बेहतर होती है। इससे स्ट्रेस के लक्षण भी कम होते हैं क्योंकि जीवन की चुनौतियों में आपको लोगों का सपोर्ट मिलता है।
3. सोशल एक्टिव रहने से मूड बेहतर होता है- Being Socially Active Improves Mood
मेयो (Mayo Clinic) की एक रिसर्च में बताया गया है कि हंसने से ब्लड फ्लो बढ़ता है, ब्रेन को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और नर्व सिस्टम मजबूत होता है। जब हम किसी से मिलते हैं और खुलकर बातें करते हैं, तो ब्रेन में सेरोटोनिन, डोपामीन जैसे केमिकल्स रिलीज होते हैं जिससे मूड स्विंग्स की समस्या दूर होती है, आप खुश रहते हैं और मानसिक एनर्जी बढ़ती है।
4. दिमागी बीमारियों का खतरा घटता है- Risk of Brain Disorders Decreases
सामाजिक तौर पर एक्टिव रहने से तनाव, डिप्रेशन और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। जो लोग सामाजिक तौर पर एक्टिव नहीं होते और अकेलेपन का शिकार हाते हैं, उनमें ये समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। जामा मनोरोग (JAMA Psychiatry 2020) की स्टडी के अनुसार, सामाजिक अलगाव वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा 26 % तक ज्यादा होता है।
5. सोशल एक्टिव रहने से दिमाग मजबूत होता है- Being Socially Active Strengthens Brain
अगर आप सोशल एक्टिव रहते हैं, तो आपका दिमाग मजबूत होता है। बातचीत करने से भावनाओं की गहराई होती है, जो कि एक प्रकार की ब्रेन एक्सरसाइज है जिससे दिमाग को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
वर्ल्ड ब्रेन डे 2025 हमें बताता है कि मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ दवाओं और मेडिटेशन से नहीं, बल्कि मजबूत सामाजिक संबंधों से भी जुड़ा हुआ है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी याददाश्त लंबे समय तक बनी रहे, दिमाग की सोचने और समझने की ताकत तेज रखें और लोगों से जुड़े रहें।
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FAQ
स्वस्थ मस्तिष्क के लिए क्या करें?
दिमाग को हेल्दी और एक्टिव बनाने के लिए रोज एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें, मेडिटेशन करें और तनाव से बचें। रोज कुछ नया सीखें और सामाजिक रूप से एक्टिव रहें।ब्रेन को मजबूत करने के लिए क्या खाएं?
ब्रेन को मजबूत करना चाहते हैं, तो अंडे, बादाम, ब्लूबेरी, अखरोट जैसी चीजों का सेवन करें। इससे ब्रेन हेल्थ को सपोर्ट मिलेगा और याददाश्त भी तेज होगी।मेमोरी पावर कैसे सुधारें?
मेमोरी पावर को सुधारने के लिए हेल्दी डाइट लें, नींद पूरी करें, ब्रेन गेम्स खेलें, किताबें पढ़ें वगैरह। मेडिटेशन और योग करने से फोकस बेहतर होता है और याददाश्त तेज होती है।