
व्यवहार में बदलाव यानि मूड स्विंग एक आम समस्या है, जो स्ट्रेस, लो ब्लड प्रेशर या फिर हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण होती है। मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान होने वाले कुछ हार्मोनल बदलावों को इसका कारण माना जाता है। इस स्थिति में आपका मूड अचानक से बदल सकता है। हालांकि, लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करके आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं। चलिए ऑर्थोपैडिक सर्जन और स्पोर्ट्स डॉ. मनन वोरा से जानते हैं मूड स्विंग से राहत दिलाने वाली कुछ टिप्स के बारे में।
क्यों होता है मूड स्विंग?
डॉ. मनन वोरा के मुताबिक मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान महिलाओं में कुछ बदलाव होते हैं, जिससे मूड स्विंग की समस्या हो सकती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। दरअसल, पीरियड्स से पहले इस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के हार्मोन्स के लेवल कम हो जाते हैं। जिससे शरीर में सिरेटोनिन हार्मोन भी कम होने लगते हैं और मूड स्विंग की समस्या हो सकती है।
मूड स्विंग से राहत पाने के तरीके
शराब पीना कम करें
अगर आपके मूड स्विंग की समस्या है तो ऐसे में आपको शराब पीने से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। दरअसल, इस स्थिति में शराब पीने से एंग्जाइटी और डिप्रेशन होता है साथ ही सिरेटोनिन हार्मोन्स के लक्षण और कम होने लगते हैं, जिससे यह समस्या बढ़ती है।
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एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज करना मूड स्विंग की समस्या में बेहद लाभकारी साबित होती है। दरअसल, एक्सरसाइज करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन्स जैसे एंडॉर्फिन, डोपामाइन और सिरेटोनिन आदि बढ़ते हैं, जिससे मूड बेहतर होता है।
हाई शुगर लेने से बचें
इस स्थिति में खान-पान का भी ध्यान रखना भी काफी जरूरी होता है। ऐसे में हाई शुगर फूड्स लेने से परहेज करना चाहिए। ज्यादा शुगर लेने से डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षण बढ़ते हैं, जिससे मूड स्विंग होता है।
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नींद पूरी करें
अधूरी नींद स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनती है। नींद अधूरी रहने से आपको चिड़चिड़ापन या फिर गुस्सा आने जैसी समस्या रहती है। इससे बचने के लिए दिनभर में कम से 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
डायरी लिखें
मूड स्विंग की समस्या में लिखने की आदत आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। डायरी लिखने या फिर लिखावट के जरिए अपने विचारों को व्यक्त करने से आपके मूड स्विंग की समस्या कम हो सकती है।
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