How Serious Is a Mini Stroke: अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के कारण दिमागी बीमारियों का खतरा भी रहता है। ऐसे में व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है। ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी कंडीशन है, जब दिमाग में ब्लड और ऑक्सीजन जाना रूक जाता है। नसों में ब्लॉकेज होने के कारण यह स्थिति होती है। जब रक्त वाहिकाओं में रूकावट आने से मस्तिष्क में ब्लड जाना रूक जाता है, तो इसके कारण ऑक्सीजन सप्लाई भी स्लो हो जाती है। इस स्थिति को मिनी ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। क्योंकि यह ब्रेन स्ट्रोक बनने से पहले की स्थिति होती है। यह स्थिति कुछ ही समय के लिए होती है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो इससे अटैक भी आ सकता है। यह दिमाग की नस फटने से पहले की स्थिति होती है जिसे समझकर स्ट्रोक बनने से रोका जा सकता है। यह समस्या क्यों होती है और ऐसे में क्या लक्षण नजर आते हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने गुरुग्राम स्थित पारस हॉस्पिटल के न्यूरोइंटरवेंशनल डिपार्टमेंट के ग्रुप डायरेक्टर और एचओडी डॉ. विपुल गुप्ता से बात की।
मिनी ब्रेन स्ट्रोक कब होता है?
मिनी ब्रेन स्ट्रोक को ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक (टीआईए) भी कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है जब ब्रेन में ब्लड सप्लाई में रूकावट आने लगती है। ब्रेन स्ट्रोक की तरह यह परमानेंट डैमेज की वजह नहीं होता है। लेकिन इसे ब्रेन स्ट्रोक से पहले की स्थिति मानी जाती है।
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मिनी स्ट्रोक का मुख्य कारण क्या है? What are the Main Cause of Mini Brain Stroke
कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मिनी स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापे जैसी समस्याओं में इसका खतरा होता है। क्योंकि इन समस्याओं में ब्लड फ्लो पर असर पड़ता है, जो मिनी स्ट्रोक से जुड़ा हो सकता है। स्मोकिंग करने वालो और हार्ट डिजीज में भी इसका खतरा ज्यादा रहता है। इर्रेगुलर हार्टबीट और शराब ज्यादा पीने के कारण भी मिनी स्ट्रोक का खतरा रहता है। आर्टरी में खून के थक्के और फैट्स जमा होने से ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। यह स्थिति क्षण भर के लिए होती है जिससे टीआईए हो सकता है।
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मिनी ब्रेन स्ट्रोक के क्या लक्षण हैं? Symptoms of Mini Brain Stroke
मिनी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अचानक शुरू हो सकते हैं। ये लक्षण कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक बने रह सकते हैं। इसकी शुरुआत होते ही व्यक्ति में ये लक्षण नजर आने लगते हैं-
- चेहरे, हाथ या पैर आमतौर पर शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्न महसूस होना
- बोलने में परेशानी होना या बोलते हुए जुबान लड़खड़ाना
- कंफ्यूजन होना कोई भी चीज समझ न आ पाना
- चक्कर आना या बैलेंस बनाने में परेशानी होना
- एक आंख या दोनों आंखों से धुंधला या कम नजर आना
- ऐसे में कुछ लोगों को सिर दर्द रहना भी शुरू हो जाता है
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ये लक्षण जल्दी ठीक हो जाते हैं इसलिए कई लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन मिनी स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति होती है, जिस पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है। अगर ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया जाए, तो भविष्य में होने वाले स्ट्रोक को रोका जा सकता है।