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अस्थमा अटैक से कैसे बच सकते हैं? डॉक्टर से जानें सांस लेने में आसानी के लिए आसान टिप्स

How to Prevent Asthma Attacks : अस्थमा अटैक की समस्या से बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं? आइए इस सवाल का जवाब डॉक्टर से जानते हैं।
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अस्थमा अटैक से कैसे बच सकते हैं? डॉक्टर से जानें सांस लेने में आसानी के लिए आसान टिप्स


How to Prevent Asthma Attacks : आजकल बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा की समस्या बहुत आम हो गई है। अस्थमा या दमा, फेफड़ों की एक पुरानी बीमारी (Chronic Disease) है। इस स्थिति में वायुमार्ग (Airways) में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। अस्थमा के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये ट्रिगर भी कर सकते हैं। इस स्थिति में 'अस्थमा का दौरा' पड़ता है और व्यक्ति को तुरंत हॉस्पिटल भेजने की जरूरत होती है। अगर आसान शब्दों में समझें, तो अस्थमा का दौरा वायु मार्ग में सूजन आने की वजह से आता है। इससे सांस लेना में मुश्किल हो सकती है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति होती है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अस्थमा के दौरे अचानक आ सकते हैं। ऐसे में सभी के मन में सवाल आता है कि क्या अस्थमा की समस्या से बचा जा सकता है? आइए इस सवाल का जवाब लेखक: डॉ. कृतार्थ, कंसल्टेंट-पल्मोनरी मेडिसिन, लिवासा हॉस्पिटल मोहाली (Dr. Kritarth, Consultant-Pulmonary Medicine, Livasa Hospital Mohali) से जान लेते हैं।

अस्थमा अटैक से किस तरह बचा जा सकता है?- How can Asthma Attacks be Avoided

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अस्थमा एक स्थायी सांस की बीमारी है, जिसमें सूजन और विभिन्न ट्रिगर्स के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि देखने को मिलती है। अस्थमा के अटैक को रोकने के लिए व्यक्ति को धूल, पालतू जानवरों के बालों और तेज गंध जैसी चीजों से बचना चाहिए। आपको इन चीजों के ट्रिगर्स के प्रति सतर्क रहना चाहिए और उनसे बचने की कोशिश करनी चाहिए। अस्थमा अटैक से बचने के लिए व्यक्ति को दवाओं का समय पर सेवन करना चाहिए। अगर आप इस बीमारी के लक्षणों की नियमित निगरानी करते हैं, तो अस्थमा को सही तरह से मैनेज कर सकते हैं। इसके अलावा, आप गहरी सांस लेने के लिए फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने, तनाव कम करने और सांस लेने में आसानी के लिए एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं।

बता दें कि फेफड़ों के कार्य को ट्रैक करने के लिए कई लोग पीक फ्लो मीटर का इस्तेमाल करते हैं। इससे अस्थमा अटैक के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने में आसानी होती है। सबसे जरूरी बात यह है कि अस्थमा अटैक से बचने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करना और घर को साफ व एलर्जी-मुक्त बनाए रखना जरूरी होता है। आप अस्थमा को मैनेज करने के लिए और संभावित कॉम्प्लिकेशंस से बचाव के लिए टीकाकरण करवा सकते हैं। इन तरीकों से अस्थमा को मैनेज किया जा सकता है।

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अस्थमा का ट्रीटमेंट कैसे होता है?- How is Asthma Treated

बता दें कि रोगियों को उनके अस्थमा के विशिष्ट प्रकार की पहचान करने के लिए फेनोटाइपिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, चाहे वह अस्थमा एलर्जी से संबंधित हो, नॉन-एलर्जिक हो, या कब्ज जैसे अन्य कारकों से जुड़ा हो। एलर्जी से संबंधित अस्थमा से पीड़ित रोगियों के लिए, आगे की जांच के माध्यम से विशिष्ट ट्रिगर्स की पहचान की जाती है। इसमें कीट, घर की धूल के कण से एलर्जी जैसे ट्रिगर शामिल होते हैं। अस्थमा के मूल कारण की पहचान करने के बाद, रोगियों को पर्सनल ट्रीटमेंट स्ट्रेटर्जी दी जाती हैं, जिनमें इम्यूनोथेरेपी और बायोलॉजिकल ट्रीटमेंट शामिल हो सकते हैं। इस ट्रीटमेंट में अक्सर मासिक एंटीबॉडी इंजेक्शन (Monthly Antibody njections) शामिल होते हैं। ये ट्रीटमेंट अस्थमा के लक्षणों को कम करने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा से राहत देने के साथ-साथ ओवरऑल हेल्थ को सुधारने में भी मदद करता है।

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कुल मिलाकर, अस्थमा अटैक की समस्या से बचने के लिए आपको लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने पड़ सकते हैं। साथ ही, अगर आप इस अटैक को ट्रिगर नहीं करना चाहते हैं, तो आपको अपने आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। अगर आप अस्थमा अटैक को ट्रिगर करने वाली चीजों का पता लगा पाते हैं, तो इससे बचाव करना आसान हो सकता है।

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