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होली के रंग बन सकते हैं अस्थमा रोगियों के लिए काल, एक्सपर्ट से जानें जरूरी सावधानियां

Asthma Attacks During Holi : होली के रंग अस्थमा रोगियों के नाक और मुंह में चले जाए तो ये जानलेवा तक साबित हो सकते हैं।
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होली के रंग बन सकते हैं अस्थमा रोगियों के लिए काल, एक्सपर्ट से जानें जरूरी सावधानियां

होली पर अस्थमा के रोगी बरतें ये सावधानियां- Precautions Asthma Patients Should Take While Playing Holi

डॉ. नेविन किशोर का कहना है कि अस्थमा के रोगियों को होली खेलने से पहले इनहेलर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा होली पर रंग खेलते समय जहां तक संभव हो मुंह और नाक को ढक कर रखें। होली पर रंगों से अस्थमा के रोगियों को ज्यादा परेशानी न हो इसके लिए हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करें।

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सूखे रंगों से न खेलें होली- Asthma patients should not play Holi with dry colours

अस्थमा के मरीज सूखे रंगों से होली खेलने से परहेज़ करें। सूखे रंग में मौजूद कण हवा में काफी वक्त तक तैरते हैं, जिससे ये मरीज़ के फेफड़ों में प्रवेश करके सांस लेने में तकलीफ पैदा करते हैं।

अस्थमा के मरीजों के लिए इनहेलर जरूरी- Inhalers are a must for asthma patients

अगर आपको अस्थमा की दिक्कत है, तो हमेशा इनहेलर को अपने पास रखें। सिंथेटिक रंगों के कारण होने वाली बेचैनी से बचने के लिए आप इसका उपयोग कर सकते हैं।

धूल मिट्टी से बनाएं दूरी- Asthma patients should stay away from dust and dirt

डॉक्टर के मुताबिक अस्थमा के रोगियों को ऐसी जगह पर होली खेलने से बचना चाहिए जहां पर धूल, मिट्टी ज्यादा हो। इसके अलावा अस्थमा के रोगियों को होली खेलने के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए।

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अस्थमा के रोगी इन बातों को न करें इग्नोर- Asthma patients should not ignore these things

एक्सपर्ट का कहना है कि होली पर रंग खेलने से पहले अगर किसी स्वस्थ इंसान या अस्थमा के रोगी को छाती में जकड़न, सांस फूलना, घरघराहट, खांसी, सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या आती है तो उन्हें रंगों से दूर रहना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Pic Credit: Freepik.com

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