ICMR Diet Tips For Indians: आज के समय में भागदौड़ भरी जीवनशैली, कामकाज के बढ़ते प्रेशर की वजह से लोग खानपान का ठीक ध्यान नहीं रख पाते हैं। अनहेल्दी डाइट का सेवन भागदौड़ भरी जीवनशैली वाले लोग सबसे ज्यादा करते हैं। इसको लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (National Institute of Nutrition) ने एक बड़ी बात बोली है। आईसीएमआर ने कहा है की आज के समय में भारत में लगभग 57 प्रतिशत बीमारियां सिर्फ अनहेल्दी डाइट का सेवन करने की वजह से हो रही हैं। इस स्थिति की चपेट में युवा, बच्चे, बुजुर्ग और महिला व पुरुष सभी हैं। शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखने में डाइट का सबसे बड़ा रोल है। भारतीय लोगों की डाइट उनकी एक्टिविटी के हिसाब से कैसी हो, इसको लेकर ICMR ने एक गाइडलाइन जारी की है। आइए इस लेख में जानते हैं, कैसी होनी चाहिए भारतीय लोगों की डाइट और खानपान से जुड़ी सावधानियों के बारे में।
ICMR ने बताया अनहेल्दी डाइट के कारण बढ़ रहा इन बीमारियों का खतरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है की लगभग 57 प्रतिशत भारतीय लोग बीमारी की चपेट में खराब डाइट की वजह से आ रहे हैं। डाइट में जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर समेत हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। ऐसे लोग जो शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं है, उन्हें ओवरइटिंग की वजह से कई गंभीर समस्याएं हो रही हैं। प्रोसेस फूड्स का ज्यादा सेवन भी शरीर को गंभीर रूप से खराब कर रहा है।
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कैसी होनी चाहिए इनएक्टिव लोगों की डाइट?- Diet Recommendations For Indians With Inactive Lifestyles
ICMR ने शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने वाले लोगों के लिए 2000 किलो कैलोरी डाइट से जुड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं। ऐसे लोगों को रोजाना डाइट में लगभग 250 ग्राम अनाज, 400 ग्राम सब्जियां, 100 ग्राम फल, 85 ग्राम दालें/अंडे/मांस वाले खाद्य पदार्थ, 35 ग्राम नट और बीज खाने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा 27 ग्राम फैट/तेल, कम से कम आठ तरह से मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के सोर्स को डाइट में शामिल करने को कहा है। इसके अलावा आईसीएमआर ने कहा है की अनाज का सेवन शरीर की कुल ऊर्जा का 45 प्रतिशत होना चाहिए।
शाकाहारी लोगों को रखना चाहिए ये ध्यान
आईसीएमआर ने कहा की भारत में शाकाहारी लोग अनाज पर सबसे ज्यादा निर्भर रहते हैं। इसकी वजह से उनकी डाइट में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है। इसकी कमी पूरा करने के लिए कई तरह के फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। नॉन-वेज का सेवन न करने वाले लोगों के लिए बी12 और एन-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड की आपूर्ति करना मुश्किल होता है। इसके लिए शाकाहारियों को एन-3 पीयूएफए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, चिया बीज आदि खाना चाहिए। इसके अलावा ICMR ने बताया है की डाइट में शुगर का सेवन शरीर की कुल ऊर्जा खपत का 5 प्रतिशत से कम होना चाहिए।
प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट के सेवन से बचें
आईसीएमआर ने बॉडी मास बढ़ाने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन करने से बचने की सलाह दी है। रिपोर्ट में कहा गया है की लंबे समय तक प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से हड्डी और किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा रहता है। प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट की जगह पर डाइट में प्रोटीन रिच फूड्स को शामिल करना चाहिए।
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ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बुधवार को यह संशोधित गाइडलाइन जारी की। इस गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि खाना पकाने में तेल का बेहद कम इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा डाइट में नट्स, तिलहन और सी-फूड शामिल करना चाहिए। यही नहीं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स को लेकर भी विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है।
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