स्मोकिंग करना कितना नुकसानदायक होता है, इस बात से कोई अंजान नहीं है। बावजूद इसके बहुत से युवा चाव से सिगरेट के कश खींचते हैं। यह आदत बेशक आपको आज नुकसान नहीं पहुंचा रही है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसमें मिलने वाले टॉक्सिक कैमिकल सीधेतौर पर कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को प्रभावित करते हैं। हाल ही में ई क्लीनिकल मेडिसिन में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक धूम्रपान करने वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है।
स्ट्रोक का कारण बनती है स्मोकिंग
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक कम सिगरेट पीने वाले लोगों में भी स्ट्रोक का उतना ही खतरा देखा जाता है, जितना कि ज्यादा सिगरेट पीने वालों में होता है। दरअसल, स्मोकिंग करने वाले लोगों में ब्लड फ्लो कम होने लगता है, जिससे कई बार दिमाग तक भी ब्लड की सप्लाई सुचारु रूप से नहीं हो पाती है। इससे स्ट्रोक आ सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक 50 साल से नीचे के लोग अगर दिनभर में 20 सिगरेट से ज्यादा पीते हैं तो ऐसे में स्ट्रोक का खतरा दो गुना तक बढ़ जाता है।
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ब्लड वेसल्स हो सकती हैं डैमेज
वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन के डेटा की मानें तो स्मोकिंग करने से निश्चित तौर पर स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। दरअसल, स्मोकिंग करने वाले लोगों की ब्लड वेसल्स में सूजन आने के साथ ही कई बार डैमेज हो जाती हैं, जिससे आर्टरीज में प्लाक बनने लगता है। सिगरेट में पाए जाने वाले टॉक्सिक कैमिकल सेल्स को भी डैमेज कर देते हैं। वहीं, दूसरी ओर हार्ट पंप करने में असमर्थ हो जाता है। जिससे स्ट्रोक आ सकता है।
स्मोकिंग से होने वाले अन्य नुकसान
- स्मोकिंग करने से खून में ऑक्सीजन कम होने के साथ ही ब्लड फ्लो भी कम हो जाता है।
- स्मोकिंग करने से खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है।
- इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ने लगता है।
- इससे फेफड़ों से जुड़ी समस्या होने के अलावां डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है।
- इससे ब्रॉन्काइटिस के अलावां गले से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।