Tips To Control Diastolic Blood Pressure: शरीर को हेल्दी रखने के लिए हार्ट का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। हार्ट में गड़बड़ी के कारण व्यक्ति की मौत का खतरा रहता है। आज के समय में खानपान से जुड़ी गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। यही कारण है कि युवाओं में भी हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। शरीर में मौजूद ब्लड नसों से सभी अंगों तक पहुंचता है और इसके जरिए ही अंगों को ऑक्सीजन, विटामिन, मिनरल्स और दूसरे जरूरी पोषक तत्व पहुंचाए जाते हैं। जब इन नसों में दबाव बढ़ता है, तो हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension in Hindi) की स्थिति शुरू होती है। ब्लड प्रेशर को मापने के लिए दो तरह के आंकड़े लिए जाते हैं। एक सिस्टोलिक और दूसरा डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में आपका हृदय धड़कन के बाद शरीर के सारे अंगों में खून को पंप करता है और डायस्टोलिक बीपी में आपका हृदय वापस ब्लड पंप करने के बाद शिथिल की स्थिति में होता है। कुछ लोगों की डायस्टोलिक बीपी रीडिंग हमेशा हाई होती है। डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर हमेशा हाई रहना बहुत गंभीर होता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के टिप्स।
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर क्या है?- What is Diastolic Blood Pressure in Hindi
लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, "डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर शरीर में ब्लड को पंप करने के बाद वापस हार्ट तक लाने पर बनने वाला प्रेशर होता है। जब ब्लड को पंप करने के बाद शिराओं के माध्यम से वापस लाने पर प्रेशर बढ़ता है, तो डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर बढ़ता है।" सामान्य वयस्क व्यक्ति का ब्लड प्रेशर सिस्टोलिक - 120 mmHg और डायास्टोलिक - 80 mm Hg होना सामान्य होता है। अगर डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर 60-80 mm Hg से ज्यादा है, तो इसे हाई माना जाता है।
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डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के टिप्स- Tips To Control Diastolic Blood Pressure in Hindi
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए इन चीजों का ध्यान रखें-
- अगर आप बीपी के मरीज हैं, तो समय पर दवाओं का सेवन जरूर करें
- वजन कंट्रोल में जरूर रखें
- स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचें
- कार्डियो या अच्छी एक्सरसाइज जरूर करें
- बहुत ज्यादा ऑयली और मसालेदार खाना न खाएं
- स्ट्रेस कम लें और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखें
- रात में कम से कम 6 घंटे की नींद लें
- मेडिटेशन जरूर करें
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करें
इसके अलावा डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों में बदलाव करना चाहिए। अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी है, तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज लेना चाहिए। इसके अलावा डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखना चाहिए। इस स्थिति से निपटने के लिए डाइट में हार्ट के लिए फायदेमंद फूड्स को शामिल करें। डाइट में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट को कम करके हेल्दी और गुड फैट को बढ़ाना चाहिए।
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