आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, असंतुलित दिनचर्या और तेजी से बदलता वर्किंग कल्चर हमारी सेहत पर गहरा असर डाल रहा है। भागदौड़ भरी जिंदगी, काम का दबाव, रिश्तों में तनाव, आर्थिक असुरक्षा और सोशल मीडिया की होड़ ने इंसान को मानसिक रूप से इतना थका दिया है कि तनाव यानी टेंशन अब एक आम बात हो गई है। ऑफिस के बाहर भी दिमाग काम से भरा रहता है और नींद के समय भी चिंता पीछा नहीं छोड़ती। यही वजह है कि आजकल आप किसी से भी बात करें, तो वह यही कहता है कि बहुत टेंशन है। हालांकि यह एक आम वाक्य बन चुका है, लेकिन इसके पीछे छिपा हुआ असर बहुत गंभीर हो सकता है।
तनाव केवल मानसिक स्थिति को नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। क्रॉनिक स्ट्रेस यानी लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव शरीर में कई बीमारियों की नींव रख सकता है। यह न केवल ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों को बढ़ाता है, बल्कि डायबिटीज, डिप्रेशन, नींद की गड़बड़ी, पाचन संबंधी समस्याएं और यहां तक कि इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर देता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि ज्यादा टेंशन लेने से शरीर और मन पर क्या-क्या असर हो सकते हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से बात की-
ज्यादा टेंशन करने से कौन सी बीमारी होती है? - What Are The Diseases Caused By Stress
1. हाई ब्लड प्रेशर - Hypertension
तनाव का शरीर पर पहला और सबसे तेज असर हमारे ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। इससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और हार्ट को ज्यादा तेजी से काम करना पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। लंबे समय तक हाई बीपी बने रहने पर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
इसे भी पढ़ें: क्या उदासी के कारण ब्लड प्रेशर लो हो सकता है? डॉक्टर से जानें
2. डायबिटीज
लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव शरीर में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। स्ट्रेस हार्मोन्स लिवर से ज्यादा ग्लूकोज रिलीज कराते हैं, लेकिन अगर तनाव लगातार बना रहे, तो यह ब्लड शुगर को असंतुलित कर सकता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों में जिनकी फैमिली हिस्ट्री हो या जो पहले से प्री-डायबेटिक स्थिति में हों।
इसे भी पढ़ें: Fat To Fit: एग्जाम और करियर के तनाव से बढ़ गया था वजन, वर्णित ने लाइफस्टाइल में ये बदलाव कर घटाए 20 किलो
3. नींद की समस्याएं - Insomnia
तनाव का एक और प्रमुख असर नींद पर पड़ता है। ज्यादा सोचने और चिंता करने से दिमाग शांत नहीं होता, जिससे नींद आने में परेशानी होती है। कई बार व्यक्ति रातभर करवटें बदलता रहता है या बार-बार नींद खुल जाती है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो यह नींद की बीमारी 'इन्सोमनिया' का रूप ले सकती है, जिससे इम्यूनिटी, मेमोरी और मेटाबॉलिज्म सब प्रभावित होते हैं।
4. डिप्रेशन और एंग्जायटी
यह तो सभी जानते हैं कि टेंशन का सबसे सीधा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। लगातार चिंता, अनिद्रा और नेगेटिव सोच की वजह से डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलित हो जाते हैं, जिससे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और आत्मविश्वास में कमी आने लगती है। WHO के अनुसार, डिप्रेशन विश्व की सबसे बड़ी मानसिक बीमारी बन चुकी है, और इसकी एक बड़ी वजह क्रॉनिक स्ट्रेस है।
5. पाचनसे जुड़ी समस्याएं
जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र धीमा हो जाता है या कभी-कभी ज्यादा एक्टिव हो जाता है। इससे एसिडिटी, गैस, कब्ज या इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा तनाव का असर हमारी त्वचा पर भी दिखता है। स्ट्रेस से स्किन में सूजन बढ़ सकती है, जिससे पिंपल्स, एक्जिमा, सोरायसिस और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
निष्कर्ष
तनाव एक 'साइलेंट किलर' है जो धीरे-धीरे हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए समय रहते टेंशन को पहचानें, खुद को रिलैक्स करें और लाइफस्टाइल में पॉजिटिव बदलाव लाकर खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ बनाएं।
All Images Credit- Freepik
FAQ
तनाव का मुख्य कारण क्या है?
तनाव का मुख्य कारण हमारी असंतुलित दिनचर्या और बढ़ता मानसिक दबाव है। काम का प्रेशर, आर्थिक चिंता, पारिवारिक समस्याएं, भविष्य की चिंता और सामाजिक अपेक्षाएं तनाव को पैदा करती हैं। इसके अलावा नींद की कमी, गलत खानपान, शरीर की थकान और लगातार मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग भी मानसिक तनाव को बढ़ाते हैं। जब व्यक्ति अपनी भावनाओं को दबाता है या समय पर समाधान नहीं खोज पाता, तो यह स्थिति लंबे समय तक तनाव में बदल जाती है, जो आगे चलकर शारीरिक और मानसिक बीमारियों का कारण बन सकती है।दिमाग में टेंशन कैसे दूर करें?
दिमाग से टेंशन दूर करने के लिए सबसे जरूरी है पॉजिटिव सोच और मानसिक संतुलन बनाए रखना। रोजाना मेडिटेशन और प्राणायाम करने से मन शांत होता है। पर्याप्त नींद लें, हेल्दी डाइट लें और नियमित एक्सरसाइज करें। काम और आराम में संतुलन बनाएं और समय निकालकर अपनी पसंद की चीजें करें जैसे संगीत सुनना, किताब पढ़ना या प्रकृति के बीच जाना। अपने मन की बात किसी भरोसेमंद व्यक्ति से शेयर करें।जब मन शांत न हो तो क्या करना चाहिए?
जब मन अशांत हो, तो सबसे पहले गहरी सांस लें और कुछ देर आंखें बंद करके शांति से बैठें। मेडिटेशन और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम करने से मन को तुरंत शांति मिलती है। उस पल मोबाइल या टीवी से दूरी बनाएं और खुद को प्रकृति के करीब ले जाएं, जैसे पेड़-पौधों के बीच टहलना या खुले आसमान को देखना। मन की उलझनें किसी करीबी से शेयर करें या डायरी में लिखें।