Ways That Stress Affect Your PCOD In Hindi: आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण ज्यादातर महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) जैसी समस्या से परेशान रहती हैं। यह हार्मोनल विकारों में से एक है। इसके कारण महिलाओं को पीरियड्स के अनियमित होने, मुंहासे होने, बालों के झड़ने की समस्या, चेहरे पर बाल आने, वजन बढ़ने और प्रेग्नेंसी में परेशानी होने जैसी कई लक्षण दिखते हैं। इन समस्याओं से राहत के लिए अक्सर महिलाएं हेल्दी खाना खाती है और नियमित एक्सरसाइज करती हैं लेकिन इसके बावजूद अगर आप स्ट्रेस को नजरअंदाज करती हैं, तो पीसीओडी की समस्या को बढ़ावा मिल सकता है। लंबे समय तक क्रोनिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं में पीसीओडी की समस्या को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में अक्सर महिलाओं को स्ट्रेस कम करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आइए आकाश हेल्थकेयर के गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. तरुणा दुआ (Aakash Healthcare's gynecologist Dr. Taruna Dua) से जानें तनाव महिलाओं में पीसीओडी को कैसे प्रभावित करता है?
स्ट्रेस पीसीओडी को कैसे प्रभावित करता है? - How Does Stress Affect PCOD?
क्रोनिक स्ट्रेस हार्मोन्स को करता है बाधित
अधिक स्ट्रेस में रहना एक मानसिन स्थिति है, जिसके कारण महिलाओं को शारीरिक समस्याएं भी होती हैं। अधिस स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल, इंसुलिन, थायराइड, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। जिसके कारण महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने, एक्ने, वजन बढ़ने और थकान होने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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कोर्टिसोल शरीर में बढ़ाता है फैट
अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जिसके कारण महिलाओं को वजन बढ़ने लगता है और पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध और पीसीओडी के लक्षणों को और खराब हो सकते हैं। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ावा मिलता है।
पाचन प्रक्रिया को बाधित करता है स्ट्रेस
पीसीओडी की समस्या में अक्सर महिलाएं पाचन से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहती हैं। ऐसे में अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण पाचन प्रक्रिया बाधित होती है, जिसके कारण महिलाओं को कब्ज और ब्लोटिंग जैसी पाचन से जुड़ी समस्याएं और पोषक तत्वों का अवशोषण को भी बाधित होने की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें।
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स्ट्रेस में अधिक खाना
अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाएं अधिक खाने लगती हैं, जिसको इमोशनल इटिंग कहा जाता है। इस दौरान अक्सर महिलाओं को मीठा खाने की इच्छा होती है और भूख बढ़ जाती है, जिसके कारण शरीर में कैलोरीज के बढ़ने, इंसुलिन का स्तर बढ़ने और वजन बढ़ने की समस्या होती है, जो पीसीओडी के लक्षणों में से एक हैं।
स्ट्रेस के कारण अन्य समस्याएं
अधिक स्ट्रेस में कारण पीसीओडी की समस्या को बढ़ावा मिलता है, जिसके कारण महिलाएं अनियमित पीरियड्स, स्लो मेटाबॉलिज्म, कोर्टिसोल के कारण हीलिंग स्लो होने और प्रजनन क्षमता पर बुरा असर होता है। जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।
स्ट्रेस को कम करने के उपाय - Ways To Reduce Stress In Hindi
स्ट्रेस को कम करने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें, पर्याप्त नींद लें, दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं, योग करें, एक्सरसाइज करें और हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त डाइट लें। इससे स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखने और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं में पीसीओडी के लक्षणों को बढ़ावा मिलता है। अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं को हार्मोन्स के असंतुलित होने, मेटाबॉलिज्म के स्लो होने, पाचन से जुड़ी समस्याएं होने, पोषक तत्वों के अवशोषण के बाधित होने, शरीर में फैट बढ़ने, वजन बढ़ने और अधिक खाने से इंसुलिन का स्तर बढ़ने की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन समस्याओं से राहत के लिए स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन करें, एक्सरसाइज करें और पर्याप्त नींद लें। इससे स्ट्रेस को कम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है।
ध्यान रहे, पीसीओडी या स्ट्रेस के कारण अधिक समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
पीसीओडी को कैसे पहचानें?
पीसीओडी (PCOD) की समस्या होने पर महिलाओं को अनियमित पीरियड्स होने, चेहरे पर बाल आने, मुंहासे होने, वजन बढ़ने, बालों के पतले होने, बालों के झड़ने और प्रेग्नेंसी में परेशानी आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।पीसीओडी के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?
पीसीओडी की समस्या से पीड़ित महिलाओं को प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, जंक फूड्स, ब्लड शुगर युक्त ड्रिंक, अधिक मीठा खाना खाने, अल्कोहल और कैफीन का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को बढ़ावा मिल सकता है।ज्यादा स्ट्रेस लेने से कौन सी बीमारी होती है?
ज्यादा स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं को पाचन से जुड़ी समस्या होने, नींद से जुड़ी समस्या होने, हार्ट, मांसपेशियों में दर्द होने, सिर में दर्द होने, चिड़चिड़ापन होने, अधिक स्ट्रेस होने, डिप्रेशन होने और हाई ब्लड प्रेशर होने की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।