आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज करा रही हैं। ऑफिस, फैक्ट्री, हेल्थ सेक्टर, आईटी कंपनियां हर जगह महिलाएं दिन-रात मेहनत कर रही हैं। लेकिन नाइट शिफ्ट में लगातार काम करने से उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। इससे महिलाओं की सोने और जगाने की साइकिल प्रभावित हो सकती है। जिसकी वजह से उनको भविष्य में कई तरह के रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में कई महिलाओं में मन में प्रश्न उठता है कि क्या नाइट में काम करने वाली महिलाओं को अस्थमा की समस्या हो सकती है? इस लेख में नारायणा अस्पताल के कंसल्टेंट - पल्मोनोलॉजी डॉ. सुजान बर्धन से जानते हैं कि क्या नाइट शिफ्ट में काम करने से महिलाओं में अस्थमा का खतरा बढ़ता है?
नाइट शिफ्ट और अस्थमा का संबंध - Connection Between Night Shift And Asthma in Hindi
हमारी शरीर की एक प्राकृतिक घड़ी होती है जिसे सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) कहते हैं। यह शरीर के सोने-जागने, हार्मोन रिलीज, शरीर के तापमान और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करता है। जब हम रात में जागते हैं और दिन में सोने की कोशिश करते हैं, तो यह सर्केडियन रिदम गड़बड़ा जाता है। इसका असर हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है और खासकर फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर देखने को मिलता है। हाल ही में प्रकाशित कई शोधों में यह बात सामने आई है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में अस्थमा (Asthma) होने की संभावना उन महिलाओं की तुलना में अधिक होती है जो दिन में काम करती हैं। इसके कारण दो हो सकते हैं।
नींद की कमी और खराब क्वालिटी
नाइट शिफ्ट के कारण नींद का पैटर्न बिगड़ता है। नींद की कमी इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है जिससे शरीर एलर्जी या सांस की बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाता है।
हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बैलेंस पहले से ही अधिक संवेदनशील होता है। नाइट शिफ्ट के कारण मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन प्रभावित होते हैं जो अस्थमा के ट्रिगर फैक्टर बन सकते हैं।
कौन-सी महिलाओं को होता है ज्यादा खतरा? - Which women are at greater risk of asthma?
- जो महिलाएं पहले से एलर्जी या सांस की समस्याओं से पीड़ित होती हैं।
- जो महिलाएं लंबे समय से (5 साल या उससे ज्यादा) नाइट शिफ्ट में काम कर रही होती हैं
- तनाव और नींद की समस्या से जूझ रही हैं
- जो स्मोकिंग करती हैं या प्रदूषित वातावरण में काम करती हैं
अस्थमा के सामान्य लक्षण जो महिलाओं को नजरअंदाज नहीं करने चाहिए - Symptoms Of Asthma In Hindi
- लगातार खांसी आना, खासकर रात में
- सीने में जकड़न या भारीपन
- सांस लेने में तकलीफ या हांफना
- थकान और बेचैनी
अस्थमा से बचाव के लिए क्या करें? - Prevention Tips Of Asthma In Hindi
अगर आप नाइट शिफ्ट में काम कर रही हैं और इन लक्षणों को महसूस कर रही हैं, तो इन सुझावों को अपनाना फायदेमंद हो सकता है।
- नींद का ध्यान रखें: हर हाल में 6-8 घंटे की गहरी नींद जरूर लें, चाहे वह दिन में ही क्यों न हो। सोने का एक फिक्स टाइम बनाएं।
- शारीरिक गतिविधि करें: नियमित योग, प्राणायाम और हल्की एक्सरसाइज फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।
- प्रदूषण और धुएं से बचें: घर और कार्यस्थल पर वेंटिलेशन का ध्यान रखें। मास्क का उपयोग करें।
- संतुलित आहार लें: विटामिन-C, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर भोजन अस्थमा की संभावना को कम कर सकते हैं।
- रेगुलर चेकअप कराएं: अगर सांस से जुड़ी कोई समस्या महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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यह जरूरी नहीं कि नाइट शिफ्ट छोड़ना ही एकमात्र उपाय हो। यदि आप नाइट शिफ्ट करना चाहती हैं या आपके प्रोफेशन का यही हिस्सा है, तो बस आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव और हेल्थ मॉनिटरिंग से आप इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
FAQ
अस्थमा से कैसे बचा जा सकता है?
सबसे पहले आपको अपने बचाव इनहेलर का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, घर को साफ सुथरा रखें, धूल और मिट्टी से अस्थमा ट्रिगर कर सकता है।अस्थमा के कारण क्या हैं?
एलर्जी अस्थमा, प्रदूषण, जिन जगहों पर कैमिकल का इस्तेमाल होता है, पराग कण, श्वसन संबंधी समस्याएं आदि अस्थमा का कारण बन सकती हैं।अस्थमा का अटैक कैसे शुरू होता है?
अस्थमा का दौरा किसी एलर्जेन के संपर्क में आने से शुरू होता है, जैसे कि पेड़, घास या खरपतवार के पराग , धूल के कण , तिलचट्टे या जानवरों की रूसी आदि।