आज के समय में 9 से 5 वाली नौकरी का दौर लगभग खत्म हो चुका है। ग्लोबल कंपनियों, बीपीओ, आईटी सेक्टर, हेल्थकेयर और मीडिया जैसी इंडस्ट्रीज में 24 घंटे काम चलता है। ऐसे में लाखों लोग रात में काम करने के लिए मजबूर हैं, किसी के लिए यह नौकरी का हिस्सा है तो किसी के लिए करियर का सपना। लेकिन क्या आपने सोचा है कि नाइट शिफ्ट में लगातार काम करना आपकी सेहत पर कितना भारी पड़ सकता है? रात का समय हमारे शरीर के लिए आराम और नींद का होता है। इसी दौरान शरीर रिपेयर मोड में जाता है और इम्यूनिटी से लेकर हार्मोन तक खुद को संतुलित करते हैं। लेकिन जब आप उस समय काम करते हैं, तो शरीर की नेचुरल घड़ी यानी सर्केडियन रिद्म बिगड़ जाती है। इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानिए, क्या नाइट शिफ्ट में काम करना शरीर के लिए नुकसानदायक है?
क्या नाइट शिफ्ट में काम करना शरीर के लिए नुकसानदायक है? - Is Night Shift Bad For Health
डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि हमारी बॉडी एक नेचुरल रिद्म पर काम करती है जिसे सर्केडियन रिद्म कहते हैं। दिन में शरीर एक्टिव रहता है और रात में आराम चाहता है। जब हम नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो यह नेचुरल साइकिल डिस्टर्ब हो जाती है। इसका असर नींद, हार्मोनल बैलेंस और मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। धीरे-धीरे ये बदलाव सेहत को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता, फर्टिलिटी इश्यूज और हार्मोनल असंतुलन की समस्या ज्यादा होती है।
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1. नींद की कमी और थकान
नाइट शिफ्ट वर्कर्स को अक्सर स्लीप डिसऑर्डर की समस्या होती है। दिन में सोना आसान नहीं होता, क्योंकि बाहर का माहौल जागने का होता है। नतीजा यह होता है कि पूरी नींद नहीं मिलती और शरीर हर वक्त थका-थका महसूस करता है। लंबे समय तक ऐसा होने से इम्यूनिटी कम हो जाती है और छोटी बीमारियां भी बार-बार होने लगती हैं।
2. दिल की बीमारियों का खतरा
लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करने से हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। लगातार जागने और स्ट्रेस के कारण ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होता है और दिल की धड़कन पर असर पड़ता है।
3. डाइजेशन और मोटापा
नाइट शिफ्ट में खाने-पीने की टाइमिंग बिगड़ जाती है। देर रात का खाना और जंक फूड डाइजेशन को कमजोर करता है। बॉडी जब आराम की स्थिति में होती है तब खाना खाने से पाचन धीमा हो जाता है, जिससे गैस, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याएं बढ़ती हैं। यही आदतें आगे चलकर मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारण बनती हैं।
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4. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
रात में काम करने वाले लोगों में डिप्रेशन, एंग्जायटी और मूड डिसऑर्डर की समस्या ज्यादा देखी जाती है। कई बार लोग खुद को अकेला और अलग-थलग महसूस करने लगते हैं।
कैसे करें बचाव?
हालांकि कई बार नौकरी की मजबूरी में नाइट शिफ्ट करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में कुछ उपाय अपनाकर नुकसान को कम किया जा सकता है-
- दिन में अंधेरे कमरे में पूरी नींद लें।
- शिफ्ट खत्म होने के तुरंत बाद सोने की कोशिश करें।
- हेल्दी और हल्का भोजन करें, कैफीन और जंक फूड से बचें।
- नियमित एक्सरसाइज करें और बॉडी को एक्टिव रखें।
- वीकेंड पर बॉडी क्लॉक को बैलेंस करने की कोशिश करें।
निष्कर्ष
नाइट शिफ्ट भले ही नौकरी का हिस्सा हो, लेकिन यह आपकी सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है। नींद की कमी, हार्ट प्रॉब्लम, मोटापा, डायबिटीज और मानसिक तनाव इसकी बड़ी चुनौतियां हैं। अगर आप नाइट शिफ्ट करते हैं तो अपने रूटीन और लाइफस्टाइल में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। सेहत से बड़ा कोई काम नहीं, इसलिए शरीर की जरूरतों को समझें और उसका ख्याल रखें।
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FAQ
नाइट शिफ्ट करने से कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ता है?
लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करने से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, डिप्रेशन का रिस्क बढ़ सकता है।क्या नाइट शिफ्ट महिलाओं के लिए ज्यादा हानिकारक है?
नाइट शिफ्ट महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, पीरियड्स की अनियमितता और प्रेग्नेंसी से जुड़ी दिक्कतों का खतरा बढ़ा सकती है।स्लीप साइकिल को कैसे हेल्दी करें?
हेल्दी रहने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है, ऐसे में स्लीप साइकिल को बेहतर करने के लिए रोजाना समय पर सोना शुरू करें और लेटने से 1 घंटे पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का इस्तेमाल बंद कर दें। इसके अलावा रात का डिनर भी 7 बजे तक कर लें।
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Sep 23, 2025 17:08 IST
Modified By : Akanksha TiwariSep 23, 2025 15:51 IST
Modified By : Akanksha TiwariSep 23, 2025 15:51 IST
Published By : Akanksha Tiwari