
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई बिजी है, काम का दबाव, पढ़ाई, करियर की भागदौड़ और बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों के पास रिश्तों और सामाजिक जुड़ाव के लिए समय कम होता जा रहा है। नतीजा यह है कि लोग धीरे-धीरे अकेलेपन (Loneliness) का शिकार हो रहे हैं। अकेलापन केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा, छात्र और यहां तक कि वर्किंग लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। कभी-कभार अकेले रहना या खुद के लिए समय निकालना सेहत के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो यह मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सेहत को प्रभावित करती है।
अकेलापन केवल मानसिक स्वास्थ्य को नहीं बल्कि शरीर की इम्यूनिटी, ब्लड प्रेशर और वजन पर भी असर डाल सकता है। इस लेख में हम मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट कंसल्टेंट डॉ. मनीषा सिंघल (Dr. Manisha Singhal, Consultant - Clinical Psychologist & Psychotherapist, Metro Hospital, Noida) से जानेंगे कि अकेलापन सेहत को किस तरह प्रभावित करता है?
क्या अकेलापन सेहत के लिए हानिकारक है? - Can Loneliness Damage Your Health
डॉ. मनीषा सिंघल बताती हैं कि आज के टेक्नोलॉजी के दौर में सोशल मीडिया और वर्चुअल बातचीत ने लोगों को जोड़ने के बजाय कहीं न कहीं अलग-थलग कर दिया है। बड़ी आबादी शहरों में जॉब या पढ़ाई के लिए परिवार से दूर रहती है। बुजुर्गों में भी अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि बच्चे नौकरी या पढ़ाई के कारण बाहर रहते हैं। यही कारण है कि अकेलेपन को साइलेंट महामारी भी कहा जाने लगा है। अकेलापन सीधे तौर पर डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस को बढ़ावा देता है। लंबे समय तक अकेलापन रहने पर इंसान का आत्मविश्वास कम हो जाता है, नींद प्रभावित होती है और नकारात्मक विचार बढ़ने लगते हैं। बुजुर्गों में अकेलापन और भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ा देता है।
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1. दिल की बीमारियां
अकेलेपन में अक्सर लोग सही से सोते नहीं हैं और मन की बात भी किसी के साथ शेयर नहीं कर पाते, ऐसे में अकेलापन ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ा सकता है।
2. इम्यूनिटी कमजोर
अकेलेपन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी कम हो सकती है।
3. डायबिटीज और मोटापा
अकेलापन जंक फूड और ओवरईटिंग की आदत को बढ़ाता है, जिससे मोटापा और डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है।
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4. नींद की समस्या
जिन लोगों को अकेलापन ज्यादा होता है उन्हें अच्छी नींद नहीं आती, जिससे स्वास्थ्य और बिगड़ता है।

अकेलेपन से कैसे बचें?
- परिवार और दोस्तों से जुड़े रहें।
- किताबें पढ़ना, संगीत सुनना, योग और मेडिटेशन अपनाएं।
- कम्युनिटी एक्टिविटी या ग्रुप एक्टिविटी (akelepan ka ilaj) में हिस्सा लें।
- अगर अकेलापन डिप्रेशन या एंग्जायटी में बदल रहा है तो काउंसलर से मिलें।
निष्कर्ष
अकेलापन केवल एक मानसिक अवस्था नहीं है बल्कि यह एक गंभीर हेल्थ रिस्क फैक्टर है। यह मानसिक बीमारियों से लेकर दिल की समस्या, डायबिटीज और इम्यूनिटी कमजोर करने तक का कारण बन सकता है। इसलिए अकेलेपन को नजरअंदाज न करें। सामाजिक रिश्तों को मजबूत बनाए रखें, एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या एक्सपर्ट की मदद लें।
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FAQ
- क्या अकेलापन मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है?लंबे समय तक अकेलापन डिप्रेशन, एंग्जायटी और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं का खतरा बढ़ा देता है।
- क्या अकेलापन दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है?लगातार अकेलापन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ा देता है।
- अकेलेपन से बचने के लिए क्या करें?दोस्तों और परिवार से जुड़े रहें, हॉबी विकसित करें, ग्रुप एक्टिविटी में हिस्सा लें और जरूरत पड़ने पर काउंसलर की मदद लें।
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- Sep 18, 2025 13:23 IST Modified By : आकांक्षा तिवारी
- Sep 12, 2025 15:15 IST Modified By : आकांक्षा तिवारी
- Sep 12, 2025 15:15 IST Published By : आकांक्षा तिवारी