Is loneliness increasing the risk of diabetes: हाल के कुछ समय में अकेलेपन की समस्या से बहुत लोग गुजर रहे हैं। हालांकि, अकेलापन एक मेंटल हेल्थ समस्या है, लेकिन यह महज मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी नहीं रही। अब यह शारीरिक समस्या को भी प्रभावित कर रही है। दरअसल, स्टडी के अनुसार लंबे समय तक अकेलापन टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह शरीर और मन दोनों के लिए कठिनाई हो सकती है। हमने इस विषय पर एस्टर व्हाइटफील्ड अस्पताल की साइकोलॉजिस्ट डॉ. गिरि प्रसाद (Mr. S Giri Prasad, Psychologist, Aster Whitefield Hospital, Bangalore) से विस्तार में बात की।
अकेलेपन से डायबिटीज कैसे हो सकता है-How loneliness can cause diabetes?
अकेलेपन का मतलब सिर्फ अकेले रहना नहीं है। जब आप सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने लग जाते हैं और इमोशनली अकेला महसूस करते हैं, तो आप अकेलेपन की भावना से गुजर रहे हैं। हालांकि, आप अपने परिवार के साथ रहते हैं और दोस्तों से बात करते हैं। लोगों के बीच में रहने के बावजूद मन में अकेलापन रहता है, और किसी काम में मन नहीं लगता। जब आप लंबे समय तक इस अकेलेपन की भावना से गुजर रहे हैं, तो इससे आपका तनाव तंत्र एक्टिव हो सकता है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता, रक्तचाप, सूजन और चयापचय प्रभावित हो सकता है।
ज्यादा से ज्यादा शोध इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि अकेलापन टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है, जो डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है। हाल के शोध से पता चला है कि जिन लोगों में अकेलेपन का स्तर ज्यादा होता है, उनमें मोटापा, धूम्रपान और शारीरिक समस्याएं जैसे अन्य जोखिम कारकों को कंट्रोल करने के बाद भी डायबिटीज होने का खतरा काफी ज्यादा होता है।
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अकेलेपन से डायबिटीज के पीछे साइंटिफिक वजह क्या है-What is the scientific reason behind loneliness causing diabetes?
अकेलेपन की वजह से डायबिटीज कैसे हो सकता है? इसके पीछे क्या वजह है, जानते हैं। दरअसल, जब आप लंबे समय तक तनाव में रहते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है और इससे इंसुलिन से रेसिसटेंस बढ़ सकता है, जो टाइप 2 मधुमेह के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा भी कई वजहें हो सकती हैं, जानते हैं।
सूजन बढ़ना
शोध में पाया गया है कि अकेलापन शरीर में सूजन के लेवल से जुड़ा है। लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन इंसुलिन की क्रिया में परेशानी डालती है, जिससे डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल
जब आप अकेले रहते हैं, किसी से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं, तब आपकी लाइफस्टाइल पर भी असर पड़ता है। इससे नींद में खलल, खराब खान-पान, कम व्यायाम और ऐसा खाना खाना जो आपके लिए हेल्दी नहीं है, यह सब शामिल है। इन सब की वजह से शरीर में शुगर बढ़ता है और वजन बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
खुद की देखभाल में कमी
सामाजिक अलगाव के कारण खुद की देखभाल नहीं कर पाते हैं, जिसमें व्यायाम, नियमित चिकित्सक के पास जाना, या उचित समय पर दवा लेना शामिल है। यह सब न करने की वजह से मधुमेह हो सकता है।
किन लोगों को इसका ज्यादा खतरा है-Which people are at greater risk?
बता दें कि यह खतरा खास तौर पर बुजुर्गों, तलाकशुदा या विधवा महिलाओं और अपने परिवार से बाहर रहने वाले लोगों को ज्यादा है। अगर आप अपने गांव या घर को छोड़कर शहर में रह रहे हैं और कमा रहे हैं, तो खुद का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि आजकल युवाओं को अकेलापन तेजी से प्रभावित कर रहा है, जिसका मुख्य कारण डिजिटल थकान, काम-काज में बिजी और सोशल न होना शामिल है।
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इस समस्या से कैसे निपटें-How to deal with this problem?
अब डायबिटीज से निपटने के लिए पहले अकेलेपन से निपटने की जरूरत है। इससे निपटने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखें।
थोड़ा सोशल हो जाएं
दोस्तों, रिश्तेदारों या सामुदायिक क्लबों के साथ लगातार संपर्क तनाव को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य में मदद कर सकता है, इसलिए दोस्तों से बात करें और नए दोस्त बनाएं। घर-परिवार से कटें नहीं, उनसे बात करें।
मेंटल हेल्थ पर काम करें
अगर आप अकेलापन महसूस करते हैं या चिंता या तनाव में रहते हैं, तो परेशान न हों, मनोचिकित्सक से परामर्श लें या थेरेपी लें और घर पर ही कुछ तकनीकें अपनाकर मेंटल हेल्थ पर काम करें। खेल-कूद, जर्नलिंग और म्यूजिक के जरिए अपने दिमाग को बेहतर रखने की कोशिश करें।
रेगुलर जांच
अगर आप लगातार अकेलापन महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। मधुमेह का जल्द पता लगने से आपको जटिलताएं पैदा होने से पहले ही उपाय करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
डॉक्टरों के तौर पर, अकेलापन न केवल हमारी मेंटल हेल्थ पर, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। अकेलेपन और टाइप 2 मधुमेह के बीच एक संबंध है। इसके इलाज करने के लिए आप अपनी देखभाल करें, जीवनशैली में बदलाव करें और डॉक्टर की सलाह लें। अगर आप अकेलेपन का अनुभव कर रहे हैं, या आपका कोई परिचित ऐसा अनुभव कर रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। अपनी और अपने लोगों की देखभाल करें।
FAQ
क्या ज्यादा सोचने से शुगर बढ़ता है?
हां, ज्यादा सोचने से शुगर बढ़ सकता है, क्योंकि तनाव से आपके मानसिक ही नहीं, यह शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालता है।क्या डिप्रेशन से मधुमेह होता है?
क्योंकि डिप्रेशन से सूजन बढ़ना, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खुद की देखभाल में कमी की संभावना हो सकती है, जिस कारण आपोक मधुमेह हो सकता है।डायबिटीज की समस्या से कैसे निपटें?
इस समस्या से निपटने के लिए आप डॉक्टर की सलाह लें।