Diabetic Anger in Hindi: समय के साथ स्ट्रेस आपके बर्ताव व आदतों में बदलाव का कारण बन सकता है। ऐसे में व्यक्ति को चिड़चिड़ापन, किसी चीजों पर फोकस न कर पाना और सिरदर्द आदि की समस्या हो सकती है। कई मामलों में व्यक्ति को खुद मूड में होने वाले बदलाव महसूस हो सकते हैं। इस दौरान व्यक्ति मामूली बातों पर भी गुस्सा करने लगता है। यह केवल स्ट्रेस या मानसिक थकान का संकेत नहीं होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह प्रभाव इंसुलिन की वजह से भी हो सकते हैं। डायबिटीज की समस्या एक आम परेशानी बनती जा रही है, जो ब्लड शुगर के स्तर में बढ़ोतरी के अलावा व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में कुछ लोगों को चिड़चिड़ापन हो सकता है। इस स्थित को डायबिटिक एंगर (Diabetic Anger) कहा जाता है। यह समस्या व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही दूसरों के साथ उनके संबंध को भी खराब कर सकती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एपी सिंह से जानते हैं कि डायबिटीक एंगर के क्या लक्षण होते हैं और इससे निपटने के लिए आपको क्या उपाय अपनाने चाहिए?
डायबिटिक एंगर के क्या लक्षण - Symptoms of Diabetic Anger in Hindi
डायबिटीज की वजह से व्यक्ति शरीर में कई तरह के हार्मोन में बदलाव हो सकता है। इसकी वजह से उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इस स्थिति में व्यक्ति को बिना किसी कारण के गुस्सा आने लगता है या व्यक्ति को चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है। दरअसल, शरीर में ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ने या कम होने की वजह से ब्रेन के केमिकल्स का स्तर ऊपर नीचे हो सकता है, जिससे इमोशन्स पर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। आगे जानते हैं डायबिटीक एंगर के क्या लक्षण हो सकते हैं।
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होना
जिन लोगों को शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है, उन लोगों को शारीरिक और मानसिक सेहत से जुड़ी परेशानी हो सकती है। कई बार यह व्यक्ति छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करने लगते हैं। किसी बात को समझने में पेरशानी होने पर भी वह गुस्सा करने लगते हैं।
घबराहट होना
जब व्यक्ति के शरीर में शुगर का लेवल तेजी से कम होने लगता है तो उसको घबराहट महसूस हो सकती है। इस स्थिति में ब्रेन को पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज नहीं मिल पाता है। ऐसे में व्यक्ति को बैचेनी और घबराहट हो सकती है।
मूड में तेजी से बदलाव होना (Mood Swings)
शरीर में शुगर का स्तर कम या ज्यादा होने पर व्यक्ति के मूड में तेजी से बदलाव हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति किसी सामान्य बात पर भी ज्यादा खुशी या दुख व्यक्त कर सकता है। साथ ही उनको मूड में अचानक बदलाव हो सकता है।
डिप्रेशन
ब्लड शुगर के अनियंत्रित होने के चलते व्यक्ति को कई बार निराशा महसूस होने लगती है, जिसकी वजह से उनको डिप्रेशन की समसया भी हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति हर बात के नकारात्मक पहलू के बारे में ही सोचने लगता है।
नींद न आना
डायबिटिक एंगर के कारण मानसिक अशांति बढ़ जाती है जिससे व्यक्ति की नींद प्रभावित हो सकती है। नींद की कमी फिर से मानसिक असंतुलन को बढ़ावा देती है, जिससे एक साइकिल की तरह (vicious cycle) बन जाता है।
डायबिटिक एंगर होने के प्रभाव से बचने के लिए क्या करें?
- डायबिटिक एंगर के नुकसान से बचने के लिए आपको ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से मॉनिटर करना चाहिए।
- डायबिटीज के जोखिम से बचने के लिए आप डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को लेना न भूलें।
- इसके साथ ही, योग और प्राणायाम से आपको मानसिक शांति मिलती है जो डायबिटीक एंगर को कम करने में मदद करती है।
- यदि आप लगातार छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं तो ऐसे में काउंसलर की मदद लें।
- इसके अलावा डाइट में शुगर से बनी चीजों को लेने से बचें।
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डायबिटीज केवल एक शारीरिक बीमारी नहीं है, यह आपके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। डायबिटिक एंगर एक गंभीर समस्या है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। इसके लक्षणों को पहचान कर सही समय पर कदम उठाना जरूरी है। आत्म-नियंत्रण, सही परामर्श और अपनों का साथ इस स्थिति से बाहर निकलने में बहुत मददगार हो सकता है।
FAQ
क्या डायबिटीज के हर मरीज को गुस्सा आता है?
नहीं, हर मरीज को डायबिटिक एंगर नहीं होता। लेकिन जिनका ब्लड शुगर बार-बार असंतुलित रहता है, उनमें यह संभावना ज्यादा होती है।डायबिटिक एंगर का इलाज किया जा सकता है?
हां, लाइफस्टाइल में बदलाव और डायबिटीज को कंट्रोल में रखकर आप डायबिटीक एंगर को कम कर सकते हैं।क्या डायबिटिक एंगर से रिश्तों पर असर पड़ता है?
हां, यदि समय पर इलाज और समझदारी न बरती जाए, तो यह पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है।