हर व्यक्ति का शरीर दूसरे व्यक्ति से अलग होता है। इसलिए, आपने देखा होगा कि, एक व्यक्ति वहीं खाना खाकर स्वस्थ है, जबकि दूसरे व्यक्ति को एलर्जी की समस्या हो सकती है। कोई खास फूड खाने के बाद आपके शरीर में एलर्जी की समस्या हो सकती है। लेकिन, ज्यादातर लोगों को अपने फूड एलर्जी के बारे में पता ही नहीं होता है। खाना खाने के बाद एलर्जी की समस्या के लक्षण कुछ घंटों या मिनटों में ही नजर आने लगता है। लेकिन, लोग इसको किसी बीमारी से जोड़ देते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कुछ ऐसे फूड्स होते हैं जिनमें हिस्टामाइन नाम के केमिकल होता है और ये कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है। ऐसे में आइए डाइटिशियन गीतांजलि सिंह (M.sc Food and Nutrition) से जानते हैं कि हिस्टामाइन इनटोलरेंस होने पर किन फूड्स से परहेज करना चाहिए? लेकिन इससे पहले जानते हैं कि हिस्टामाइन इनटॉलरेंस क्या है?
क्या है हिस्टामाइन इनटॉलरेंस? - What is Histamine Intolerance in Hindi?
हिस्टामाइन इनटॉलरेंस की समस्या, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर हिस्टामाइन नाम के केमिकल को ठीक तरह से अब्जॉर्ब नहीं कर पाता है। हिस्टामाइन एक तरह का केमिकल होता है, जो आपके इम्यून सिस्टम एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर हिस्टामाइन को ठीक से संसाधित नहीं कर पाता है, जो एक रसायन है जो प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा डिस्चार्ज होता है। ऐसे में जब आपका शरीर हिस्टामाइन केमिकल को सही तरह से पचा नहीं पाता है तो यह ब्लड में जमा हो सकता है, जिससे एलर्जी की समस्या हो सकती है। हिस्टामाइन इनटॉलरेंस के कारण पीड़ित व्यक्ति में मतली, पेट दर्द, ब्लोटिंग, दस्त, छींकना, खुजली और आंखों से पानी आने जैसी समस्या हो सकती है।
हिस्टामाइन इंटॉलरेंस में क्या न खाएं? - What Foods To Avoid in Histamine Intolerance in Hindi?
हिस्टामाइन इंटॉलरेंस में आपको उन फूड्स से परहेज करना चाहिए, जिसमें हिस्टामाइन केमिकल ज्यादा मात्रा में होता है, इन फूड्स में-
1. फर्मेंटेड फूड्स
फर्मेंटेड फूड्स जैसे किमची, अचार, डोसा, आदि चीजों में हिस्टामाइन का लेवल इन्हें बनाने के तरीके और पकाने के समय के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इन फूड्स में अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में ज्यादा हिस्टामाइन पाया जाता है, जो एलर्जी का कारण बन सकता है।
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2. शराब
शराब में, खासकर रेड वाइन में हिस्टामाइन का लेवल बहुत ज्यादा पाया जाता है, जिस कारण शराब पीने के बाद होने वाली कुछ समस्याएं हिस्टामाइन सेंसिटिविटी के कारण हो सकता है। इसलिए, अगर शराब पीने के बाद आपको सिर में तेज दर्द या माइग्रेन का दर्द होता है तो यह शराब में मौजूद हिस्टामाइन लेवल के कारण हो सकता है।
3. पैकेज्ड मीट
पैकेज्ड, स्मोक्ड या अन्य मीट डब्बा बंद या स्टोर किए गए प्रोडक्ट्स में हिस्टामाइन की मात्रा ताजे मीट की तुलना में बहुत ज्यादा हो सकती है, जो आपके सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, हमेशा कोशिश करें कि खाने के लिए पैकेज्ड मीट के स्थान पर ताजा मीट चुनें और सॉसेज, डेली मीट आदि चीजों से परहेज करें।
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4. चीज या पनीर
पनीर या चीज जैसे खाद्य पदार्थों में हिस्टामाइन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन्हें बनाने की प्रक्रिया खासकर पकाने का तरीका इन फूड्स में हिस्टामाइन के लेवल को बढ़ा देता है।
5. दालें
कुछ दालें जैसे चना, मसूर, मटर, मूंगफली और सोयाबीन जैसे खाद्य पदार्थों में भी हिस्टामाइन की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है, जिसे खाने से आपको पाचन से जुड़ी समस्या, दस्त और स्किन पर रैशेज का कारण बन सकते हैं।
निष्कर्ष
हिस्टामाइन इनटॉरलेंस की समस्या से राहत पाने के लिए जरूरी है कि आप इन फूड्स से परहेज करें और अपनी डाइट में उन खाद्य पदार्थ को शामिल करें जिसमें हिस्टामाइन की मात्रा बहुत कम हो। इसके साथ ही अगर आपको हिस्टामाइन एलर्जी के बारे में न पता हो, तो इन फूड्स को खाने के बाद शरीर में होने वाले बदलावों पर नजर बनाए रखें।
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FAQ
एलर्जी कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?
एलर्जी से राहत पाने के लिए आप अपनी डाइट में क्वेरसेटिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन सी और हल्दी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं।हिस्टामाइन बढ़ने से क्या होता है?
शरीर में हिस्टामाइन बढ़ने से शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसमें एनर्जी, पेट से जुड़ी समस्याएं, सिरदर्द और स्किन पर होने वाले रिएक्शन शामिल है। आम भाषा में हिस्टामाइन बढ़ने के कारण होने वाली समस्या को हिस्टामाइन इनटॉरलेंस कहा जाता है।किन फलों में हिस्टामाइन अधिक होता है?
कुछ फलों में हिस्टामाइन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिसमें टमाटर, स्ट्रॉबेरी, संतरा, अंगूर आदि फल शामिल हैं।