जन्म के बाद के शुरुआती 6 महीने तक शिशु को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि मां के दूध के द्वाार शिशु को हर जरूरी पोषक तत्व मिल जाता है। 6 महीना पूरा होने के बाद शिशु को पेरेंट्स सॉलिड फूड्स देना शुरू कर देते हैं। जब पेरेंट्स अपने बच्चे को सॉलिड फूड्स देना शुरू करते हैं तो उनका शरीर अलग-अलग तरह के पोषक तत्वों की पहचान करना शुरू करते हैं। इसी दौरान कुछ शिशुओं में कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी होने की संभावना रहती है। शिशुओं में इन फूड एलर्जी के कारण कई तरह के रिएक्शन देखने को मिल सकते हैं। यह प्रतिक्रिया हल्की से लेकर शिशुओं के लिए जानलेवा भी हो सकती हैं। ऐसे में आइए दिल्ली के शाहदरा में स्थित एस.डी.एन. अस्पताल के पीडीअट्रिशन डॉ. ललित हरि प्रसाद सिंह से जानते हैं कि शिशुओं में आम फूड एलर्जी क्या हैं?
शिशुओं में आम फूड एलर्जी क्या है? - What is The Most Common Food Allergy in Infants in Hindi?
1. गाय के दूध से एलर्जी
यह शिशुओं में सबसे आम फूड एलर्जी मानी जाती है, जो नवजात से लेकर 1 साल तक की उम्र के बीच बच्चों में देखने को मिलती है। यह फूड एलर्जी तब होती है, जब शिशु का शरीर गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन को पहचानने में गलती करता है और उसे सेहत के लिए हानिकारक समझता है। गाय के दूध से एलर्जी होने पर बच्चों में दस्त, उल्टी, पेट में गैस, स्किन पर रैशेज, एक्जिमा, सांस लेने में दिक्कत और बार-बार रोना यानी कोलिक की समस्या शामिल है। गाय के दूध से एलर्जी होने पर आप बच्चे को पूरी तरह यह दूध देने से परहेज करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह पर फॉर्मूला या सोया फॉर्मूला मिल्क दे सकते हैं।
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2. अंडे से एलर्जी
अंडे की सफेदी में मौजूद प्रोटीन जैसे ओवलब्यूमिन और ओवोम्यूकोइड शिशुओं में एलर्जी का कारण बन सकते हैं। यह एलर्जी 6 से 12 महीनों के बीच के शिशुओं में देखी जाती है, जब उन्हें सॉलिड फूड देना शुरू किया जाता है। अंडे से एलर्जी होने पर शिशु के स्किन पर रैशेज, पित्ती, सूजन, उल्टी या दस्त, खांसी या सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इसलिए, अगर आपके शिशु को अंडे से एलर्जी है तो आप उसे अंडा या उससे बने फूड्स खिलाने से परहेज करें।
3. मूंगफली से एलर्जी
कुछ शिशुओं को मूंगफली से भी एलर्जी होती है, जो कई बार एनाफाइलेक्सिस जैसे गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। मूंगफली एक नॉर्मल स्नैक है, लेकिन शिशुओं की सेहत के लिए एलर्जी होने पर खतरनाक भी बन सकती है। मूंगफली से एलर्जी होने पर शिशुओं में तुरंच रैशेज, सूजन, सांस लेने में मुश्किल, उल्टी या दस्त और गंभीर मामलों में बेहोश होने जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं। शिशुओं में मूंगफली या उससे बचने खाद्य पदार्थों के कारण होने वाली एलर्जी से बचाने के लिए उन्हें पीनट खिलाने से बचें।
4. सोया से एलर्जी
शिशुओं को दोने वाले फॉर्मूला मिल्क और कई प्रोसेस्ड फूड्स में सोया पाया जाता है। कुछ शिशु, जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी होती है, उन्हें सोया के प्रोडक्ट्स से भी एलर्जी होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में अगर उन्हें सोया से एलर्जी है तो दस्त या पेट में दर्द, स्किन पर रैशेज और सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है। इसलिए, अगर आपके शिशु को सोया से एलर्जी है तो आप उसे सोया बेस्ड फूड्स और फॉर्मूला देने से परहेज करें।
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5. गेहूं से एलर्जी
सॉलिड फूड लेना शुरू करने के बाद अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों को दलिया, रोटी या सेरेलक जैसे गेंहू बेस्ड फूड्स देना शुरू कर देते हैं, जिस समय आप अपने बच्चे में गेहूं से होने वाली एलर्जी की पहचान कर सकता है। शिशुओं में गेहूं से एलर्जी होने पर पेट में मरोड़, गैस, स्किन पर खुजली या दाने और सांस लेने के दौरान घरघराहट की आवाज आने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चे को गेहूं और उससे बचे प्रोडक्ट्स को दोने से बचें और उन्हें ग्लूटेन-फ्री फूड्स खिलाएं।
निष्कर्ष
शिशुओं में फूड एलर्जी एक सामान्य स्थिति है. लेकिन इसे नजरअंदाज करने से शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपके शिशु में भी गाय के दूध, अंडा, मूंगफली, सोया और गेहूं जैसे फूड्स से एलर्जी है तो आप उन्हें ये खाद्य पदार्थ किलाने से परहेज करें। इतना ही नहीं, सही समय पर फूड एलर्जी की पहचान करने से शिशु को इसके कारण होने वाले गंभीर समस्याओं से बचाया जा सकता है।
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FAQ
खाने से एलर्जी के क्या लक्षण होते हैं?
खाने से एलर्जी होने पर आपके शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसमें उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, ऐंठन, आदि शामिल है। ये लक्षण सामान्य से गंभीर तक हो सकते हैं।शिशु के लिए सबसे अच्छा भोजन कौन सा है?
शिशु की डाइट में 6 महीने की उम्र तक सिर्फ मां का दूध शामिल करना महत्वपूर्ण होता है। 6 महीने पूरे होने के बाद धीरे-धीरे सॉलिड फूड्स उनकी डाइट में शामिल करें।बच्चों को सुबह खाली पेट क्या खिलाना चाहिए?
बच्चों को सुबह उठने के बाद नाश्ते में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर फूड्स खाने के लिए देना चाहिए। इसके साथ ही, उन्हें फल और स्मूदी जैसे ताजे और पोषक तत्वों से भरपूर फफूड्स देना चाहिए।