मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ को लेकर आजकल जागरूकता बढ़ रही है, लोग योग, मेडिटेशन, अच्छी नींद और हेल्दी डाइट को मानसिक शांति का जरिया मानते हैं, लेकिन एक अहम पहलू को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है और वह है हाइड्रेशन यानी पर्याप्त पानी पीना। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो इसका असर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बल्कि मानसिक सेहत पर भी गहरा प्रभाव डालता है। हल्का सा डिहाइड्रेशन भी मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, थकान और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। अगर शरीर डिहाइड्रेट हो जाए तो ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ता है और दिमाग तक ऑक्सीजन व न्यूट्रिएंट्स की आपूर्ति कम हो जाती है।
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक्स पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं और अक्सर पानी पीना भूल जाते हैं। यह आदत मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। पर्याप्त पानी पीना न केवल तनाव को कंट्रोल करता है बल्कि नींद की क्वालिटी को बेहतर बनाता है और सोचने-समझने की क्षमता को भी मजबूत करता है। इस लेख में हम मेट्रो अस्पताल, नोएडा, कंसल्टेंट - क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट, डॉ. मनीषा सिंघल (Dr. Manisha Singhal, Consultant - Clinical Psychologist & Psychotherapist, Metro Hospital, Noida) से विस्तार से जानेंगे कि हाइड्रेशन का मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
क्या हाइड्रेशन मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है? - Does Hydration Affect Mental Health
डॉ. मनीषा सिंघल बताती हैं कि पानी की पर्याप्त मात्रा पीने वाले लोगों का मूड ज्यादा स्थिर रहता है। वहीं, जिनमें डिहाइड्रेशन होता है वे ज्यादा बेचैनी, उदासी और स्ट्रेस महसूस करते हैं। दरअसल, पानी न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जो मूड रेगुलेशन में अहम भूमिका निभाते हैं। मेंटल हेल्थ का नींद से गहरा संबंध है और हाइड्रेशन इसमें बड़ा रोल निभाता है। डिहाइड्रेशन से रात में बार-बार प्यास लग सकती है, जिससे नींद बार-बार टूटती है। अच्छी नींद न मिलने से अगली सुबह थकान और मूड डिसऑर्डर बढ़ सकते हैं। पर्याप्त पानी पीना नींद को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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1. स्ट्रेस और एंग्जायटी कम करे
जब शरीर में पानी की कमी होती है तो कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का लेवल बढ़ सकता है लेकिन हाइड्रेशन बनाए रखने से स्ट्रेस हार्मोन कंट्रोल रहते हैं और मानसिक शांति बनी रहती है।
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2. कॉग्निटिव परफॉर्मेंस बेहतर करे
पढ़ाई करने वाले छात्रों या दिमागी काम करने वालों के लिए हाइड्रेशन बेहद जरूरी है। हल्का सा डिहाइड्रेशन भी निर्णय लेने की क्षमता, समस्या सुलझाने की स्किल को प्रभावित कर सकता है। यानी पानी केवल शरीर ही नहीं, दिमाग को भी एक्टिव बनाए रखता है।
एक वयस्क व्यक्ति को औसतन दिनभर में 8–10 गिलास पानी पीना चाहिए। हालांकि, यह मात्रा उम्र, वजन, मौसम और फिजिकल एक्टिविटी पर निर्भर करती है। गर्मी में और एक्सरसाइज के दौरान ज्यादा पानी की जरूरत होती है। इसके अलावा नारियल पानी, छाछ, हर्बल चाय और फलों का रस भी हाइड्रेशन में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
हाइड्रेशन का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। पर्याप्त पानी पीने से मूड बेहतर होता है, तनाव घटता है, नींद सुधरती है और दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है। वहीं, डिहाइड्रेशन चिड़चिड़ापन, थकान, चिंता और अवसाद यानी डिप्रेशन को बढ़ा सकता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाए रखने के लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना उतना ही जरूरी है जितना सही डाइट और अच्छी नींद।
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