Reducing Physical activities dangerous for Heart Health: आजकल की तेजी से भागती इस जिंदगी में ज्यादातर लोग घंटों तक बैठे रहते हैं, फिर चाहे ऑफिस हो या घर। WHO के अनुसार, हार्ट की बीमारियां वर्तमान में दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण हैं, और हर साल इससे करीब 1 करोड़ 79 लाख लोग इससे मरते हैं। वहीं JAMA में प्रकाशित रिपोर्ट कहती है कि जिन लोगों को उम्र बढ़ने पर हार्ट की बीमारियां हुई हैं, उनकी शारीरिक गतिविधियां उस बीमारी से करीब 12 साल पहले ही कम होने लगी थी। डॉक्टर्स का भी मानना है कि हार्ट से जुड़ी बीमारियों को जीवनशैली में बदलाव करके कम किया जा सकता है। अगर रोजाना फिजिकल एक्टिविटीज न की जाए तो क्या नुकसान हो सकते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है, इस बारे में हमने ग्रेटर नोएडा के सर्वोदय अस्पताल की एसोसियेट डॉयरेक्टर और इंटरवेंशन कॉडियोलॉजी विभाग की हेड डॉ. गायत्री आरबी सिंह (Dr. Gyanti RB Singh, Associate Director & HOD - Interventional Cardiology, Sarvodaya Hospital , Greater Noida West) से बात की।
हार्ट को नुकसान होने के कारण
ब्लड फ्लो धीमा होना
डॉ. आरती कहती हैं, "जो लोग लंबे समय तक बैठे रहते हैं, उनके ब्लड का सर्कुलेशन काफी धीमा हो जाता है। इससे धमनियों में फैट और प्लेक जमने लगता है। इस वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए लंबे समय तक बैठे रहना हार्ट की बीमारियों को बढ़ाता है।"
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इंसुलिन रेसिस्टेंस
डॉ. आरती के अनुसार, अगर आप सारा दिन सिर्फ बैठे ही रहेंगे, तो मांसपेशियों में भी सक्रियता कम हो जाती है। इससे ग्लूकोज मेटाबॉल्जिम पर असर होने लगता है और यही वजह है कि इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ जाता है। लगातार बैठे रहने वाले लोगों को इसी कारण टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है।
मोटापा
डॉ. आरती ने बताया, "जो लोग बहुत कम एक्टिविटीज करते हैं, उनकी कैलोरी भी कम बर्न होती है। इसके साथ अगर पानी भी कम पीते हैं, तो वजन बढ़ने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। मोटापे की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और इससे कार्डियक स्ट्रेस भी बढ़ जाता है। ऐसे में कई रोगियों को हाइपरटेंशन और हार्ट फेल्योर का रिस्क हो सकता है।"
मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होना
डॉ. आरती के अनुसार, सारा दिन बैठे रहने वाले लोग या फिर बिल्कुल भी फिजिकल एक्टिविटीज न करने वाले लोगों की मसल मास और बॉन डेंसिटी कम होने लगती है। इससे कई लोगों को उठते समय या चलते समय खुद को बैलेंस करने में दिक्कत आने लगती है।
स्ट्रेस हार्मोन बढ़ना
डॉ. आरती ने कहा, "जब लोग एक्टिविटीज कम करते हैं, तो नींद प्रभाावित होती है और अगर डाइट सही न हो तो कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर और हार्ट पर एक्स्ट्रा भार बढ़ता है। जीवन में आगे चलकर ये जीवनशैली हार्ट की बीमारियां बढ़ाने का काम करती है।"
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दिल की बीमारियों से बचाव के लिए अपनाएं ये आदतें
- हर 30-40 मिनट बैठे रहने के बाद थोड़ा टहलें।
- ऑफिस में छोटे-छोटे ब्रेक्स लें।
- प्रोसेस्ड फूड की बजाय ताजे फल, सब्जियां या साबुत अनाज खाएं।
- रोज 7 से 8 घंटे की नींद लें।
- अगर योग कर सकते हैं, तो रोजाना इसकी आदत बनाएं।
फिटनेस से जुड़ी WHO Guidelines
- व्यस्कों के लिए हफ्ते में 150 से 300 मिनट तक मोडरेट एरोबिक कसरत
- बच्चों के लिए हफ्ते में 60 मिनट तक मोडरेट कसरत
- हफ्ते में 2 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे स्क्वैट्स, पुश-अप्स
निष्कर्ष
डॉ. आरती कहती है कि अगर रोजाना 30 मिनट तक फिजिकल एक्टिविटी या कसरत की जाए और साथ में डाइट पर ध्यान दिया जाए, तो हार्ट की बीमारियों से 10 -12 साल पहले बचाव संभव हो पाएगा। कई रिसर्च स्टडीज भी जीवनशैली में सेहतमंद बदलाव का सुझाव देते हैं, जो हार्ट की सेहत के लिए फायदेमंद है।
FAQ
हार्ट के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी, बाएं हाथ में दर्द या सुन्नता, सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना, अचानक कमजोरी और चक्कर आना शामिल हैं।दिल को सबसे ज्यादा नुकसान किस चीज से होता है?
ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर डाइट लेने से हार्ट की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ सकता है। इसके अलावा, डाइट में ज्यादा नमक, और शारीरिक गतिविधियां न करने से हार्ट की बीमारियां हो सकती है।हार्ट का दर्द कहां होता है?
हार्ट का दर्द आमतौर पर सीने में, खासकर छाती के बीच में या बाईं तरफ महसूस होता है। यह दर्द दबाव, जकड़न, या भारीपन जैसा महसूस हो सकता है। यह दर्द दोनों बाजुओं, पीठ और गर्दन तक जा सकता है।