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क्या आप कब्ज से परेशान हैं? तो दही और अलसी के बीज हो सकते हैं फायदेमंद, जानें आयुर्वेदाचार्य से

Curd and Flax Seeds benefits in Hindi: अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो आप रोजाना दही और अलसी के बीज अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इस घरेलू नुस्खे को आप कैसे और कब इस्तेमाल कर सकते हैं, जानें आयुर्वेदाचार्य से इस लेख में।


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क्या आप कब्ज से परेशान हैं? तो दही और अलसी के बीज हो सकते हैं फायदेमंद, जानें आयुर्वेदाचार्य से


Curd and Flax Seeds benefits in Hindi: कब्ज की समस्या से परेशान लोग सारा दिन ब्लोटिंग और भारीपन महसूस करते हैं। ऐसे में वे लोग कई बार मार्किट में मिलने वाले आसान तरीकों को अपनाने लगते हैं, लेकिन ये दवाइयां रोज नहीं ले सकते और न ही ये कोई स्थायी समाधान है। कई मामलों में देखा भी गया है कि बहुत ज्यादा दवाइयां लेने से पेट या अन्य अंगों पर भी साइड इफैक्ट्स देखने को मिलते हैं। इसलिए पेट साफ करने के लिए घरेलू नुस्खे ही कारगर साबित होते हैं। कब्ज या गट हेल्थ को सेहतमंद रखने के लिए सबसे बेहतरीन तरीका दही और अलसी के बीज लेना है। ये दोनों कैसे फायदेमंद हैं, जानने के लिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल की सीनियर आयुर्वेदिक कंसल्टेंट डॉ. चेतन शर्मा (Dr. Chetan Sharma, Sr. Ayurveda Consultant, Sarvodaya Hospital, Faridabad & Noida) से बात की।

दही और अलसी के बीज दोनों कैसे फायदेमंद है? 

दही और अलसी के बीज के फायदे बताते हुए डॉ. चेतन ने कहा कि दही और अलसी के बीज दोनों ही कब्ज की समस्या में बहुत ही फायदेमंद रहते हैं। पहले दही और अलसी के पेट के लिए फायदे जानते हैं।

दही के फायदे - Health Benefits Of Eating Dahi in Hindi

  • दही नेचुरल प्रोबायोटिक है, जिसमें हेल्दी बैक्टीरिया (Lactobacillus) होते हैं, जो आंतों के माइक्रोबायोम को संतुलित करते हैं। इससे मल त्यागने में मदद मिलती है।
  • दही की ठंडक पेट की एसिडिटी और सूजन को कम करती है।
  • दही पोषक तत्वों को अवशोषित (absorb) करता है, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार होता है।
  • दही में मौजूद एंजाइम्स डायजेशन में मदद करते हैं।

अलसी के फायदे - Health Benefits Of Eating Flax Seeds in Hindi

  • अलसी के बीज में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर दोनों मौजूद होते हैं, जो मल को नरम करने में मदद करते हैं।
  • यह आंतों की गति (Peristalsis) को भी बढ़ाते हैं, जिससे मल रुकता नहीं है।
  • ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण पाचन के ट्रैक्ट की सूजन को कम करने में मदद करते है।
  • अलसी के बीज प्रीबायोटिक हैं, जो गट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है।

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दही और अलसी के बीज एक साथ कैसे खाएं? - How to Eat Curd and Flax Seeds Together in Hindi

इस बारे में डॉ. चेतन शर्मा कहते हैं, दही और अलसी को एक साथ खाने का सबसे बढ़िया तरीका अलसी को भूनकर पाउडर बना लें। 1 चम्मच भुना हुआ अलसी पाउडर आधा कप ताजे दही में मिलाकर सेवन करें। आप इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक या जीरा पाउडर भी डाल सकते हैं। वैसे तो बीज भी फायदेमंद होता है लेकिन साबुत बीज पाचन तंत्र में पूरी तरह से अवशौषित नहीं पाता। इससे अलसी के बीज का पूरा फायदा शरीर को नहीं मिल पाता।”

दही और अलसी एक साथ खाने का सही समय क्या है? -Best Time To Eat Curd and Flaxseed For Digestion in Hindi

डॉ. चेतन ने कहा,” खासतौर पर कब्ज की समस्या में इन दोनों का सेवन सुबह नाश्ते में या दोपहर के भोजन के साथ करना सबसे बेहतर रहता है। रात को दही न खाएं, क्योंकि इससे कफ बढ़ सकता है और पाचन भी धीमा हो सकता है। वात और कफ की प्रकृति के लोगों को तो बिल्कुल भी रात में दही नहीं खाना चाहिए।”

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कब्ज दूर करने के लिए क्या इन्हें रोजाना खाया जा सकता है? - Can We Eat Flax Seeds with Curd Daily in Hindi

इस बारे में चेतन कहते हैं,”अगर किसी को दही या अलसी के बीजों से एलर्जी या पाचन की समस्या न हो तो दोनों को रोजाना खाया जा सकता है। इसके लिए आप रोजाना 1 से 2 चम्मच अलसी पाउडर + ½ कप ताजा दही ले सकते हैं। जिन लोगों को सर्दी-जुकाम या कफ होता है, उन्हें दही दोपहर में लेना चाहिए और मौसम का ध्यान रखना चाहिए।”

निष्कर्ष 

दही और अलसी के बीज का पाउडर लेना बहुत ही फायदेमंद है, क्योंकि दोनों ही फाइबर से भरपूर है। इस मिश्रण का कब्ज से परेशान लोग रोजाना सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार अगर दोनों को रात में न लें क्योंकि इससे कफ की समस्या हो सकती है। 

FAQ

  • दही में क्या मिलाकर नहीं खाना चाहिए?

    दही में मछली, दूध, प्याज, खीरा, उड़द की दाल, खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा आदि नहीं डालना चाहिए। इससे पाचन, पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
  • अलसी के साथ क्या नहीं खाना चाहिए?

    रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा करने वाली दवाओं के साथ अलसी लेने से चोट लगने और रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ऐसी दवाइयां अलसी के बीज के साथ खानी चाहिए।
  • दही की तासीर क्या होती है?

    आयुर्वेद के अनुसार, दही वात को संतुलित करता है लेकिन पित्त और कफ को बढ़ा सकता है. इसलिए, दही रात में नहीं खाना चाहिए।

 

 

 

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