लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल में 2 माह पहले 25 वर्षीय महिला को प्रेग्नेंसी जांच के दौरान पता चला कि उसे दिल की बीमारी है। समय रहते डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया और महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। लेकिन सभी महिलाओं के साथ ऐसा नहीं होता। हार्ट की बढ़ती समस्याओं के चलते गर्भवती महिलाएं अपनी जान भी गवां सकती हैं। हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से एक स्टडी करवाने की घोषणा की गई है। इस स्टडी में इस बात का खुलासा किया जाएगा कि दिल की कौन-कौन सी बीमारियों के कारण मातृ मृत्यु दर तेजी से बढ़ रही है और इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है। ICMR स्टडी के बारे में विस्तार से आगे जानेंगे।
प्रेग्नेंसी में हार्ट डिजीज से बचने के लिए निकालेंगे परिणाम
आईसीएमआर एक स्टडी फंड करने जा रही है जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि हार्ट की बीमारियों के कारण कितनी मैटरनल डेथ हो रही हैं। मातृ मृत्यु दर को कम करके लाखों जानें बचाई जा सकती हैं। लेकिन मृत्यु का सही कारण पता न होने के कारण कई महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है। आईसीएमआर की इस स्टडी का बजट 8 करोड़ है और यह 50 हेल्थ सेंटर्स और एम्स इंस्टिट्यूट्स में किया जाएगा। इस स्टडी के तहत गर्भवती महिलाओं में 10 सबसे कॉमन हार्ट डिजीज का पता लगाया जाएगा। साथ ही इस स्टडी में एक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल भी बनाया जाएगा ताकि महिलाओं को जल्द ठीक किया जा सके।
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प्रेग्नेंसी में हार्ट की बीमारियों क्यों होती हैं?- Causes of Heart Diseases in Pregnancy
- प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में मेटाबॉलिक बदलाव होते हैं। इस वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
- अगर आप हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्राल, टाइप 2 डायबिटीज आदि बीमारियों की शिकार हैं, तो भी प्रेग्नेंसी में आपको हार्ट की बीमारियां हो सकती हैं।
- गर्भवती महिला के शरीर में प्रेग्नेंसी के पहले 8 हफ्तों में बदलाव आता है।
प्रेग्नेंसी में हार्ट की बीमारियों से कैसे बचें?- How to Prevent Heart Disease in Pregnancy
- प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित चेकअप करवाएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें।
- डॉक्टर की सलाह पर हल्के व्यायाम करें। आप रोज वॉक, योग और हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं।
- स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
- डॉक्टर की सलाह पर सही दवाओं का सेवन करें।
- धूम्रपान और एल्कोहल से दूर रहें।
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