जारी हुई हाई बीपी की नई गाइडलाइन, 10 Points में जानें क्या हैं ये

American Heart Association ने हाई बीपी की कुछ नई गाइडलाइन्स जारी की हैं जिनमें साफ शब्दों में बताया गया है कि कैसे बीपी पर नजर न रखना, दिल से जुड़ी बीमारियां ही नहीं मानसिक रोग भी दे सकता है।
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जारी हुई हाई बीपी की नई गाइडलाइन, 10 Points में जानें क्या हैं ये


दुनियाभर में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है। इसका एक बड़ा कारण है स्ट्रेस और खराब लाइफस्टाइल। स्ट्रेस चाहे जिस भी कारण से हो यह शरीर में कोर्टिसोल लेवल को बढ़ाता है और यही आपको धीमे-धीमे हाई बीपी की तरफ ले जा सकता है। हाई बीपी की बीमारी शरीर के कई अंगों का नुकसान कर सकती है और आपको दिल, दिमाग और अलग-अलग अंगों से जुड़ी बीमारियां दे सकती हैं। इन तमाम बातों को देखते हुए American Heart Association ने हाई बीपी से जुड़ी नई गाइडलाइन (high blood pressure guidelines) जारी की है। इसमें बताया है कि कैसे हर किसी के लिए बीपी चेक करना जरूरी है, हाई बीपी की वजह से डिमेंशिया का खतरा क्यों है और प्रेग्नेंसी में आपको अपने बीपी लेवल पर क्यों नजर बनाए रखनी चाहिए। जानते हैं 10 प्वाइंट्स में हाई बीपी के नए गाइडलाइन्स।

हाई बीपी की नई गाइडलाइन-New guidelines for high bp 

1. हाई बीपी के मरीज ब्रेन से जुड़े लक्षणों पर नजर रखें

American Heart Association की गाइडलाइन्स में साफ शब्दों में कहा गया है कि हाई बीपी संज्ञानात्मक गिरावट और डिमेंशिय के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। इसलिए अगर आप चीजों को भूल रहे हैं या आपको सोचने-समझने में दिक्कत हो रही है तो बीपी चेक करवाएं।

2. इन बीमारियों का हो सकता है खतरा

हाई बीपी के मरीजों में स्ट्रोक और कई हृदय संबंधी स्थितियों जैसे कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेलियर और एट्रियल फाइब्रिलेशन (atrial fibrillation) जिसमें कि दिल की धड़कन अनियमित रहती है, इन तमाम समस्याओं का खतरा हो सकता है।

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3. गर्भावस्था के दौरान या बाद में हाई बीपी की दिक्कत

इस नई गाइडलाइन में इस बात की भी चर्चा है कि गर्भावस्था के दौरान या बाद में, आपको हाई बीपी की समस्या हो सकती है, जिसमें प्रीक्लेम्पसिया नामक एक खतरनाक स्थिति भी शामिल है। इसलिए आपको इस बात पर नजर रखनी चाहिए कि आपका बीपी कैसा है और कहीं आगे चलकर आपको कोई दिक्कत तो नहीं हो सकती।

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4. हाई बीपी की समस्या किसी को भी हो सकती है

अगर आपको लगता है आपको हाई बीपी की समस्या नहीं हो सकती, तो आप गलत हैं। बच्चे, युवा, वयस्क और वृद्ध सभी को बीच-बीच में आपको बीपी चेक करवाते रहना चाहिए। इसके अनुसार चेक करें अपना बीपी

नई गाइ़डलाइन्स के अनुसार चेक करें बीपी लेवल

हाई बीपी कैटेगरी सिस्टोलिक बीपी (ऊपरी संख्या) डायस्टोलिक बीपी (निचली संख्या)
नॉर्मल बीपी  120 mmHg से कम 80 mmHg से कम
स्टेज 1 हाई बीपी  130-139 के बीच  80-89 के बीच
स्टेज 2 हाई बीपी 140 या इससे ज्यादा 90 या इससे ज्यादा
गंभीर हाइपरटेंशन में 180 या इससे ज्यादा 120 से ज्यादा
इमरजेंसी हाई बीपी 180 के पार 120 के पार

5. प्रेग्नेंसी में इन लक्षणों पर नजर रखें

प्रेग्नेंसी में आपको इन लक्षणों पर नजर रखना चाहिए जो कि इस बात का संकेत है कि आपका बीपी बढ़ रहा है। जैसे कि गंभीर सिरदर्द, दृष्टि में परिवर्तन, पेट दर्द, सीने में दर्द, लंबे समय तक रहने वाला सूजन या सांस लेने में तकलीफ। लक्षण को देखते ही आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

प्रेग्नेंसी में बीपी लेवल

हाई बीपी कैटेगरी सिस्टोलिक बीपी (ऊपरी संख्या) डायस्टोलिक बीपी (निचली संख्या)
नॉर्मल प्रेग्नेंसी में 140 mmHg से कम 90 mmHg से कम
प्रेग्नेंसी में हाई बीपी की मरीजों में 140 mmHg से ज्यादा 90 mmHg से ज्यादा

6. बीपी चेक करवाते समय पॉश्चर सही रखें

बीपी चेक करवाते समय अक्सर लोग अपने पॉश्चर का ध्यान नहीं रखते। जबकि अगर आपको सही रिडिंग चाहिए तो
-अपनी पीठ को सहारा देते हुए कुर्सी पर बैठें।
-दोनों पैर जमीन पर सपाट रखें।
-हाथ फैलाकर दिल से चिपकाकर रखें।
-शांत और स्थिर रहें।

7. जीवनशैली में बदलाव के साथ दवा सही समय पर लें

जीवनशैली में बदलाव आपको हाई बीपी की समस्या से बचा सकती है। इसके साथ ही आपको अपनी दवा भी सही समय पर लेनी चाहिए। साथ ही हर बार डॉक्टर को दिखाने के बाद अपनी दवाओं का भी रिव्यू करवाएं। इस तरह डॉक्टर आपकी स्थिति अनुसार दवाओं को ऊपर नीचे कर सकते हैं।

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8. डाइट में रखें इन बातों का ध्यान

अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो आपको अपनी डाइट में कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि

  • -अपने सोडियम लेवल पर ध्यान दें। वयस्कों को प्रतिदिन 2,300 मिलीग्राम (लगभग 1 छोटा चम्मच नमक) सोडियम या उससे कम लेना चाहिए।
  • -दिल के लिए स्वस्थ आहार का पालन करें, उदाहरण के लिए DASH डाइट के बारे में सोचें जो सब्जियों, फलों, साबुत अनाज, फलियां, मेवे और बीजों, और कम फैट वाले डेयरी उत्पादों से भरपूर आहार पर जोर देती है। साथ ही इसमें लीन मीट और पोल्ट्री, मछली को भी शामिल कर सकते हैं।
  • -खूब सारे फल और सब्जियां खाएं, विविधता पर जोर दें।
  • -अगर आपको हाई बीपी की समस्या रहती है तो शराब के सेवन से बचें।

9. वेट बैलेंस करें

अगर आपका वजन ज्यादा है या आप मोटे हैं, तो अपने शरीर के वजन का कम से कम 5% कम करने से हाई बीपी को कम करने या रोकने में मदद मिल सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अपना वेट बैलेंस रखें। अगर वजन बढ़ रहा है तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें।

10. स्ट्रेस कंट्रोल करें

हाई बीपी की समस्या वाले लोगों को सबसे पहले तो स्ट्रेस मैनेज करना सीखना होगा। इसके लिए तनाव कम करने वाली गतिविधियों पर ध्यान दें जैसे ध्यान, श्वास नियंत्रण और योग।

इसके अलावा अपने डॉक्टर से हाई बीपी के कुछ कारणों के बारे में बात करें जैसे अधिक वजन, स्लीप एपनिया, डायबिटीज और थायरॉइड की समस्याएं। इन्हें इग्नोर करना आप पर भारी पड़ सकता है। तो अपने बढ़ते बीपी को लेकर सतर्क रहें और डॉक्टर से बीपी समय-समय पर चेक करवाते रहें।

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