Chronic High BP cause Heart Failure in Hindi: हाई ब्लड प्रेशर, जिसे मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, अगर कोई इस समस्या से सालों से जूझ रहा है, तो लक्षण दिखने से पहले उसके शरीर को क्षतिग्रस्त कर देता है। अगर ब्लड प्रेशर की रीडिंग (blood pressure reading) 130/80 mm Hg या इससे ज्यादा रहती है, तो हाइपरटेंशन की कैटेगरी में माना जाता है। लगातार कई सालों तक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहने पर इसे क्रोनिक कहा जाता है। इसमें सबसे ज्यादा असर हार्ट पर पड़ता है, क्योंकि क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर से दिल पर दवाब पड़ता है। लगातार कई सालों तक अगर यही सिलसिला रहता है,तो हार्ट की मांसपेशियां मोटी और कमजोर हो जाती हैं। उम्र बढ़ने के साथ दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। क्या क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट फेलियर हो सकता है, इस बारे में हमने फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के प्रोग्राम क्लिनिकल डायरेक्टर और एचओडी-कार्डियोलॉजी डॉ. राकेश राय सपरा ( Dr. Rakesh Rai Sapra, Cardiac Sciences, Cardiology , Interventional Cardiology, Program Clinical Director - Cardiology, Marengo Asia Hospitals, Faridabad) से बात की। इससे पहले आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के आंकड़े - High Blood Pressure Data in Hindi
एनसीबीआई (NCBI) की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पाई गई है और हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट फेलियर का खतरा भी पुरुषों की तुलना में तीन गुना ज्यादा पाया गया है। उम्र बढ़ने के साथ हार्ट फेलियर की बीमारी का जोखिम भी बढ़ता रहता है। आंकड़ों के अनुसार, 45 से 54 साल के पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या 36.1% मिली है, वहीं 33.2% महिलाएं इससे प्रभावित हैं। 55 से 64 साल की उम्र में 57.6% पुरुष और 55.5% महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रही हैं।
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क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट फेलियर का खतरा होने के कारण - Chronic High Blood Pressure Cause Heart Failure in Hindi
इस बारे में डॉ. राकेश राय सपरा कहते हैं, “अगर लगातार ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है, तो उन्हें समय के साथ हार्ट फेलियर की दिक्कत हो सकती है क्योंकि जब हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट को पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, तो नसें सख्त और मांसपेशियां मोटी होती जाती हैं। इस वजह से हार्ट का साइज बढ़ने लगता है लेकिन यह शुरूआती चरण होता है। इसे मेडिकल टर्म में हाइपरट्राफी कहते हैं। लेकिन हार्ट के चैम्बर्स का साइज नहीं बढ़ता है। अगर ब्लड प्रेशर अनियंत्रित ही बना रहता है तो हार्ट फैलने लगता है, हार्ट का साइज और बढ़ जाता है। जब हार्ट मेहनत करके हार जाता है तो हार्ट और ज्यादा फैल जाता है और फिर सच में हार्ट फेलियर की स्थिति आ जाती है।”
किन लोगों को क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क हो सकता है? - Risk Factors of Hypertension in Hindi
डॉ. राकेश राय सपरा ने बताया, “मेरे यहां रोजाना ओपीडी में क्रोनिक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर के 1-2 मरीज आ जाते हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर मरीज को महसूस नहीं होता है लेकिन बढ़ा हुआ बीपी धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता रहता है। इसका ज्यादातर हार्ट फेलियर की कंडीशन में पता चलता है। तभी तो अनियंत्रित ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है। वैसे 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में क्रोनिक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि इस उम्र में नसें ज्यादा सख्त हो जाती हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है। इसलिए इन खास लोगों को हाई बीपी का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।”
- मोटापे से ग्रस्त लोग
- डायबिटीज रोगी
- ज्यादा कोलेस्ट्रोल होने पर
- 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग
- ज्यादा नमक लेने वाले लोग
- तंबाकू या स्मोकिंग करने वाले लोग
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हाई ब्लड प्रेशर का इलाज - Treatment of High Blood Pressure in Hindi
डॉ. राकेश राय सपरा कहते हैं,”अगर हार्ट फैलने की स्थिति में नहीं आया है, तो हाई बीपी को कंट्रोल करके हार्ट फेलियर की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर एक बार हार्ट चौड़ा हो गया तो बीपी को कंट्रोल करने के बाद भी हार्ट के फंक्शन को रिकवर नहीं किया जा सकता है। अगर हाई बीपी कंट्रोल में न रहे तो यह ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर का जोखिम भी बढ़ा सकता है। इसलिए मैं रोगियों को नीचे दी गई सलाह देता हूं।”
- डॉक्टर की बताई दवाइयां समय पर लें।
- दवाई शुरू करने से पहले मरीज को नमक कम खाना चाहिए।
- तले-भुने भोजन से बचना चाहिए।
- शराब बिल्कुल न लें।
- डॉक्टर द्वारा बताई कसरत करें।
- एक्सपर्ट से सलाह लेकर योग करें।
- स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन अच्छा उपाय है।
निष्कर्ष
डॉ. राकेश राय सपरा कहते हैं कि लोग हाई ब्लड प्रेशर को गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि शुरुआत में शरीर पर ज्यादा लक्षण नजर नहीं आते। समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर क्रोनिक हो जाता है और यह हार्ट के सिस्टम पर दवाब बनाने लगता है। इससे हार्ट फेलियर के साथ दिल से जुड़ी कई अन्य बीमारियां होने का रिस्क बढ़ सकता है। इसलिए सभी को नियमित जांच करानी चाहिए और डॉक्टर की बताई दवाइयां समय पर लेनी चाहिए। खानपान के साथ जीवन में स्वस्थ बदलाव करें ताकि दिल की सेहत को ठीक रखा जा सके।
FAQ
हाई ब्लड प्रेशर को हार्ट फेल होने में कितना समय लगता है?
वैसे तो यह रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। हाई ब्लड प्रेशर की शुरुआत से लेकर हार्ट फेलियर होने तक औसतन 14.1 साल का समय लगता है। उम्र के साथ यह रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है।क्या हाई ब्लड प्रेशर की वजह से होने वाले हार्ट डैमेज को उल्टा (reverse) कर सकते हैं?
हालांकि हाई ब्लड प्रेशर से हुए डैमेज को ठीक करना मुश्किल होता है लेकिन अगर रोगी अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाता है, डाइट और कसरत पर ध्यान देता है। तंबाकू, स्मोकिंग और शराब का सेवन बंद कर देता है, तो रोग के बढ़ने की स्पीड को कम किया जा सकता है।बीपी बढ़ने से क्या महसूस होता है?
हाई बीपी में हर रोगी को अलग अलग तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। किसी को थकान, सिरदर्द, चक्कर, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ या आंखों में धुंधलापन महसूस हो सकता है। शुरुआत में कई मरीजों को ज्यादा लक्षण महसूस ही नहीं होते। इसलिए अगर शरीर में किसी भी तरह का बदलाव लगे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।