हमारी कलाई एक बेहद नाजुक और एक्टिव जोड़ है, जो हर दिन कई गतिविधियों में काम आती है जैसे लिखना, चीजों को उठाना, पकड़ना या टेक लगाना। लेकिन कई बार अचानक यहां एक छोटी या बड़ी गांठ उभर आती है, जो दर्द और तकलीफ का कारण भी बन सकती है। यह गांठ कभी मुलायम होती है, कभी कठोर और कुछ मामलों में हिलती भी है। कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, तो कुछ घबरा जाते हैं कि कहीं यह कोई गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं। लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव ने बताया कि कलाई पर गांठ बनना आम है, इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे गैंग्लियन सिस्ट, टेंडन की सूजन, अर्थराइटिस से जुड़ी गांठ या कभी-कभी ट्यूमर जैसी स्थिति भी। इस लेख में हम जानेंगे कलाई पर गांठ बनने के कारण के बारे में और यह भी समझेंगे कि किस स्थिति में डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है।
1. गैंग्लियन सिस्ट- Ganglion Cyst
गैंग्लियन सिस्ट कलाई पर बनने वाली सबसे आम गांठ होती है। यह एक नॉन-कैंसरस गांठ होती है जो जोड़ों या टेंडन के पास एक तरल पदार्थ से भरी थैली के रूप में बनती है। इसका आकार मटर के दाने से लेकर एक छोटे नींबू जितना हो सकता है। इस सिस्ट में आमतौर पर दर्द नहीं होता लेकिन अगर ये नसों पर दबाव डाले, तो दर्द, झुनझुनी या कमजोरी हो सकती है।ज्यादातर मामलों में यह खुद ठीक हो जाती है, लेकिन अगर दर्द हो या मूवमेंट में रुकावट आए, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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2. टेंडन की सूजन- Tendon Inflammation
टेंडन यानी मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ने वाले फाइबर जब ज्यादा दबाव या थकान की वजह से सूज जाते हैं, तो वहां गांठ जैसी उभार आ सकती है। इसे टेंडोनाइटिस कहा जाता है। यह आमतौर पर बार-बार कलाई का इस्तेमाल करने, जैसे टाइपिंग, खेल या वजन उठाने के कारण होता है। इस गांठ के दबने पर दर्द होता है और कलाई को मोड़ने पर तकलीफ बढ़ सकती है।
3. अर्थराइटिस गांठ- Arthritis Lump
गठिया (Arthritis) से पीड़ित लोगों की कलाई में जोड़ों की सूजन के कारण भी गांठें बन सकती हैं। यह स्थिति रुमेटाइड अर्थराइटिस या ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण हो सकती हैं। इसमें जोड़ों के पास सूजन, कठोरता और दर्द महसूस होता है। ये गांठें समय के साथ स्थायी हो सकती हैं और हाथ के मूवमेंट को प्रभावित कर सकती हैं।
4. फैटी ट्यूमर या लिपोमा- Fatty Tumor or Lipoma
लिपोमा एक प्रकार का नॉन-कैंसर ट्यूमर होता है, जो चर्बी की परत से बनता है। यह नरम, बिना दर्द की और धीरे-धीरे बढ़ने वाली गांठ होती है। यह आमतौर पर हानिकारक नहीं होती, लेकिन कभी-कभी दिखने में गंभीर लग सकती है या आसपास की नसों पर दबाव बना सकती है। लिपोमा का इलाज सर्जरी से किया जा सकता है।
5. इंफेक्शन या पस वाली गांठ- Infection or Abscess Lump
अगर किसी चोट, इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण कलाई पर गांठ बनती है, तो वह लाल, गर्म और दर्दनाक हो सकती है। ऐसे मामलों में त्वचा पर सूजन और बुखार जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। यह एक इमरजेंसी स्थिति हो सकती है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
डॉक्टर को कब दिखाएं?- When to Vist Doctor
- अगर गांठ के साथ ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-
- गांठ लगातार बढ़ रही हो
- तेज दर्द या मूवमेंट में रुकावट आ रही हो
- रेडनेस, गर्माहट या पस दिखे
- सुन्नता या झुनझुनी का अहसास हो
- गांठ 2-3 हफ्ते में नहीं घट रही हो
समय पर जांच और इलाज से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। इसलिए किसी भी असामान्य बदलाव को नजरअंदाज न करें।
कलाई पर गांठ अक्सर सामान्य होती है लेकिन उसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ मामले सामान्य होते हैं, जबकि कुछ गंभीर हो सकते हैं।
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image credit: manchesterlumpsclinic.com, fortworthhandcenter.com
FAQ
क्या कलाई में ट्यूमर हो सकता है?
हां, कलाई में दुर्लभ मामलों में कैंसरस ट्यूमर हो सकता है। ज्यादातर ट्यूमर लिपोमा या गैंग्लियन जैसे होते हैं जो खतरनाक नहीं होते।कलाई पर सिस्ट कैसे होती है?
कलाई पर गैंग्लियन सिस्ट तब बनती है जब जोड़ों या टेंडन से निकलने वाला तरल एक थैली में जमा हो जाता है। यह अक्सर ज्यादा मूवमेंट या चोट के कारण होता है।सिस्ट या गांठ क्या होता है?
सिस्ट एक तरल या आधा-तरल पदार्थ से भरी थैली होती है, जबकि गांठ किसी टिशू, फैट या कोशिकाओं का असामान्य जमाव हो सकता है। गांठ सामान्य या गंभीर रूप ले सकती है।