How To Treat Osteoarthritis in Hindi: हमारे खानपान का असर हमारे स्वास्थ्य पर देखने को मिलता है। बढ़ती उम्र में शरीर के अंदर कई तरह के बदलाव होते हैं। इसमें बोन हेल्थ भी प्रभावित होती है। बोन हेल्थ खराब होने की वजह से लोगों को हड्डियों से जुड़ी समस्याएं जैसे जोड़ों में दर्द, जोड़ों में अकड़न, अर्थराइटिस और हड्डियों को टूटना शामिल है। बढ़ती उम्र में पर्याप्त पोषण न मिल पाने की वजह से कैल्शियम व अन्य पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। यह कमी सीधे रूप से आपके बोन हेल्थ को प्रभावित करती है। पोषण की कमी के चलते इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है। ऐसे में ऑटोइम्यून रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। अर्थराइटिस और ऑस्टियोअर्थराइटिस को भी इसकी वजह माना जा सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) में लोगों के घुटनों और जोड़ों के कार्टिलेज (Cartilages) घिस जाते हैं। जिसकी वजह से चलते समय दर्द होता है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर अंकित पाठक से जानते हैं कि ऑस्टियोअर्थराइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
ऑस्टियोअर्थराइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? - How To Treat Osteoarthritis In Hindi
ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों से जुड़ी समस्या है, जो मुख्य से बुजुर्गों में देखने को मिलती है। इसका इलाज शुरु करने से पहले डॉक्टर मरीज की लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही, शुरुआती दौर में मेडिसिन से इलाज और रोग की रोकथाम करने का प्रयास किया जाता है। जब, किसी तरह के फायदे नहीं दिखाई देते हैं और समस्या बढ़ जाती है तो ऐसे में डॉक्टर सर्जरी करने का विकल्प चुन सकते हैं।
ऑस्टियोअर्थराइटिस में लाइफस्टाइल में बदलाव
ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज में सबसे पहले जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। यदि, मरीज का वजन अधिक है तो ऐसे में डॉक्टर वजन को कंट्रोल करने के लिए सुझाव देते हैं, क्योंकि अधिक वजन के चलते जोड़ों पर दबाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर मरीज को डाइट में विटामिन डी, कैल्शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार खाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही, लाइट एक्सरसाइज और नियमित गतिविधि से जोड़ों की समस्याओं को कम किया जा सकता (lifestyle changes during osteoarthritis) है।
मेडिसिन से ऑस्टियोअर्थराइटिस का इलाज
ऑस्टियोअर्थराइटिस में व्यक्ति को जोड़ों में दर्द होता है। ऐसे में डॉक्टर मरीज के दर्द को दूर करने के लिए सबसे पहले पेन किलर्स देते हैं। इसके अलावा, जोड़ों पर लगाने के लिए कुछ टॉपिकल दवाएं भी दे सकते हैं। हालांकि, इन दवाओं से मरीज को थोड़ा आराम मिल जाता है। लेकिन, यह परमानेंट सॉल्यूशन नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर मरीज को स्ट्रॉइड इंजेक्शन (Steroid Injection) लगा सकते हैं। वहीं, मरीज को कार्टिलेज में सुधार के लिए कुछ सप्लीमेंट्स भी दिए जाते हैं।
फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी (physiotherapy) ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को दूर करने के लिए में मदद करती है। साथ ही, मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। फिजियोथेरीप से जोड़ों की गतिशिलता में वृद्धि होती है। साथ ही, सूजन में कमी आती है।
सर्जरी से ऑस्टियोअर्थराइटिस का इलाज
यदि अन्य उपचार से मरीजों को राहत नहीं मिलती है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। कई तरह की सर्जरी की जा सकती है। इनको आगे बताया गया है।
- आर्थ्रोस्कोपी - इसमें जोड़ के अंदर की सफाई और मरम्मत की जाती है।
- जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी - गंभीर मामलों में घिसे हुए जोड़ को कृत्रिम जोड़ से बदल दिया जाता है।
- ओस्टियोटोमी - हड्डियों को फिर से संरेखित करना, ताकि जोड़ पर दबाव कम हो।
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Treatment Of Osteoarthritis in Hindi: इसके अलावा, आज के समय में एक्यूपंचर, हॉट कम्प्रेस, हल्दी दूध, नारियल तेल की मालिश आदि उपायों से इस समस्या को कम किया जाता है। लेकिन, सही समय पर इलाज से ऑस्टियोआर्थराइटिस की गंभीरता को कम किया जा सकता है। यह रोग व्यक्ति के जीवनशैली को प्रभावित कर सकती है।