High Bp and Intermittent Fasting: दुनियाभर में हृदय रोगों के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। हाई ब्लड प्रेशर (High BP) इसका एक मुख्य जोखिम कारक है। यानी हाई बीपी, हृदय रोगों का एक मुख्य कारण बनता है। रिसर्च की मानें तो हाई बीपी, दुनियाभर में लगभग 54 फीसदी स्ट्रोक और 47 फीसदी कोरोनरी हृदय रोगों का कारण बनता है। दरअसल, हाई ब्लड प्रेशर की वजह से धमनी प्रणाली को नुकसान पहुंचने लगता है। इसकी वजह से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। आपको बता दें कि जब ब्लड प्रेशर 140 mmHg/90 mmHg से अधिक होता है, तो इस स्थिति को हाई बीपी कहा जाता है। हाई बीपी के रोगियों को ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए दवाइयां खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन, क्या हाई बीपी के रोगी इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं (Kya High BP ke Rogi Intermittent Fasting Kar Skte hai)? आइए, आरोग्य डाइट और न्यूट्रिशन क्लीनिक की डाइटिशियन डॉ. सुगीता मुटरेजा से जानते हैं-
क्या हाई ब्लड प्रेशर के रोगी इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं?
डॉ. सुगीता मुटरेजा बताती हैं, “हां, हाई ब्लड प्रेशर के रोगी इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से बीपी (High BP) को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है, तो आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं। लेकिन, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। खासकर, अगर आपको हाई बीपी की वजह से कोई समस्या बनी रहती है, तो बिना एक्सपर्ट की राय के इंटरमिटेंट फास्टिंग बिलकुल न करें।”
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से कार्डियोवैस्कुलर रोगों (CVD) का जोखिम कम होता है। इस फास्टिंग को करने से हृदय संबंधी जोखिम कारकों में सुधार होता है। इससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग का, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड प्रेशर और रक्त शर्करा के स्तर पर प्रभाव पड़ता है। अगर हाई बीपी के रोगी एक्सपर्ट की सलाह पर इटंरमिटेंट फास्टिंग करते हैं, तो इससे उन्हें फर्क देखने को मिल सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग से हाई बीपी रोगियों को कैसे लाभ मिलता है?
ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों का जोखिम बढ़ाता है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से रोगी का वजन भी बढ़ने लगता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए, वजन को नियंत्रण में रखना जरूरी होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से वजन को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हाई बीपी के साथ ही, हृदय रोगों का जोखिम भी कम होता है।
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हाई बीपी के रोगी इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप हाई बीपी रोगी हैं और इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं, तो इस दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले एक्सपर्ट या डाइटिशियन की सलाह जरूर लें।
- अगर आपको कब्ज या पाचन से जुड़ी कोई अन्य समस्या भी है, तो फिजिकली एक्टिव जरूर रहें।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खूब पानी पिएं। खासकर, जिस समय पर खाना नहीं खा रहे हैं, उस समय पानी जरूर पिएं। इससे डिहाइड्रेशन से बचाव होगा।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हाई कैलोरी फूड्स का सेवन करने से बचें।
- साथ ही, फास्ट फूड्स, जंक फूड्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन करने से परहेज करें।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय हाई बीपी के लोग हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं। लेकिन, दूध वाली चाय या कॉफी का सेवन करने से बचें।
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के रोगी हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं। लेकिन, इस दौरान अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखें। पानी भी पर्याप्त मात्रा में पिएं। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को लाभ मिल सकता है।