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30-40 की उम्र में वर्कआउट करते हुए क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? डॉक्टर ने किया खुलासा

What Causes Sudden Collapse During Exercise In Hindi: 30-40 साल की उम्र में वर्कआउट करते हुए हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? इस बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
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30-40 की उम्र में वर्कआउट करते हुए क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? डॉक्टर ने किया खुलासा


Why Do People Collapse During Exercising: हाल के सालों में आपने देखा और यह नोटिस भी किया होगा कि कई यंग लोगों को वर्कआउट करते हुए हार्ट अटैक आ गया या उसी दौरान मृत्यु हो गई। जबकि, एक समय तक यही माना जाता था कि हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की समस्या है। लेकिन, इन दिनों जिस तहर मंच में डांस करते हुए या जिम में वर्कआउट करते हुए लोग कोलैप्स कर रहे हैं, ये वारदातें सबको चौंका रही है और लोगों के दिल में डर भी पैदा कर रही है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर 30-40 साल के उम्र में वर्कआउट करते हुए हार्ट अटैक के मामलें क्यों बढ़ रहे हैं? इस बारे में जानने के लिए हमने  मुंबई के परेल स्थित Gleneagles Hospital में Senior Consultant Internal Medicine डॉ. मंजूषा अग्रवाल से बात की। आप भी जानें, जवाब।

30-40 साल की उम्र में वर्कआउट करते हुए क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक?- Why Do People Collapse While Exercising In Hindi

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यह सच है कि हाल के दिनों में ज्यादतार युवाओं को वर्कआउट करते हुए या कोई भी सामान्य एक्टिविटी करते हुए हार्ट अटैक आ रहा है। सवाल है, ऐसा क्यों हो रहा है? इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है, "असल बात ये है कि कम उम्र में लोगों को कोई न कोई गंभीर बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। इसलि, 30-40 साल की उम्र में युवाओं के हार्ट अटैक के पीछे सिर्फ वर्कआउट को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। इसमें हार्ट कंडीशन और मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन असल वजह माने जा सकते हैं। याद रखें कि जब किसी को इस तरह की मेडिकल कंडीशन होती है, तो हैवी वर्कआउट हार्ट अटैक यानी कार्डियक अरेस्ट को ट्रिगर कर सकती है। साथ ही, अन्य स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं भी बढ़ सकती हैं।"

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कम उम्र में हार्ट अटैक आने के कारण

कार्डियावास्कुलर इश्यूः अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही हार्ट संबंधी समस्या है, तो उन्हें इसकी अनदेखी बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। इसमें कोरोनोरी आर्टरी एनोमीलीज, हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, अनियमित दिल की धड़कन होना आदि शामिल हैं। इस तरह की कंडीशन होने पर हार्ट में सूजन आ सकती है, हार्ट बीट अनियमित हो सकती है और आर्टरीज में दिक्कत होने के कारण ब्लड सप्लाई भी बाधित हो सकता है।

मेटाबॉलिक डिस्फंक्शनः जब बॉडी में इंसुलिन रेसिस्टेंस, पोषक तत्वों की कमी और डिहाइड्रेशन हो जाता है, तब मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन की दिक्कत होती है। खासकर, इंसुलिन रेसिस्टेंस की परेशानी होने पर बॉडी में सूजन और स्ट्रेस बढ़ जाता है। ऐसे में बॉडी इंटेंस एक्सरसाइज को हैंडल नहीं कर पाता है और हार्ट अटैक जैसे मामले सामने आने लगते हैं।

हाई ब्लड प्रेशरः हार्ट के मरीजों के लिए हाई ब्लड प्रेशर होना बिल्कुल सही नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत होने के बावजूद हैवी वर्कआउट करता है, तो हार्ट पर अतिरिक्त दबाव बनता है, जिससे हार्ट फेल हो सकता है। जाहिर है, यह कंडीशन किसी के लिए भी सही नहीं है।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर, कहा जा सकता है कि अगर 30-40 साल की उम्र में किसी को पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है। ऐसे लोग अक्सर इंटेंस वर्कआउट करते हैं, तो उनमें हार्ट अटैक के मामले देखे जा सकते हैं। इसलिए, मेडिकल कंडीशन से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना वर्कआउट नहीं करना चाहिए। किस तरह का वर्कआउट करना है, इस पर भी खास नजर रखनी चाहिए।

All Image Credit: Freepik

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