Doctor Verified

बढ़ी हुई हार्ट बीट को कैसे करें कंट्रोल? जानें डॉक्टर से आसान और असरदार तरीके

Easy ways to Control Heartbeat: अगर हार्ट बीट बार-बार बढ़ रही है, तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि समय पर चेकअप न कराने से भविष्य में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है। इस लेख में डॉक्टर ने बढ़ी हार्ट बीट को कंट्रोल करने के तरीके बताए हैं।


  • SHARE
  • FOLLOW
बढ़ी हुई हार्ट बीट को कैसे करें कंट्रोल? जानें डॉक्टर से आसान और असरदार तरीके


Easy ways to Control Heartbeat: आमतौर पर लोग बढ़ी हुई हार्ट बीट को इग्नोर कर देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि हार्ट बीट के बढ़ने या कम होने से हार्ट की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसी मिथक के चलते कई मामलों में लोगों को हार्ट की समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कॉर्डियोथोरैसिक और कॉर्डियोवैस्कुलर सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. वरुण बंसल (Dr Varun Bansal, Consultant, Cardiothoracic and Cardiovascular Surgery, Robotic Surgery, Indraprastha Apollo Hospitals) से बात की। उन्होंने हार्ट बीट बढ़ने के कारणों और इसे मैनेज करने के तरीके बताए। सबसे पहले जानते हैं कि क्या सच में हार्ट बीट बढ़ना समस्या है?

हार्ट बीट बढ़ने की समस्या क्या है?

डॉ. वरुण बंसल कहते हैं, “तेज धड़कन या टैकीकार्डिया (Tachycardia) में हार्ट सामान्य से ज्यादा धड़कता है। Harvard Health Publishing हावर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, हार्ट की सामान्य हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट होती है और हार्ट बीट इससे तेज हो जाए, तो फिर टैकीकार्डिया की समस्या मानी जाती है। वैसे आमतौर पर कई बार मरीज लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे ठीक कर लेते हैं, लेकिन बार-बार यही समस्या हो, तो किसी गंभीर बीमारी होने का लक्षण हो सकता है।”

how to control increased heart beat in hindi expert advice

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में हार्ट बीट क्यों बढ़ जाती है? डॉक्टर से जाने इसे कंट्रोल करने के तरीके

हार्ट बीट क्यों बढ़ती है?

डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, अगर हार्ट बीट सामान्य से ज्यादा बढ़ी हुई है, तो इसके कारण ये हो सकते हैं।

  • स्ट्रेस और टेंशन - जब लोगों को टेंशन होती है, तो मेंटल प्रेशर से हार्ट की बीट पर असर पड़ता है।
  • डिहाइड्रेशन - अगर शरीर में पानी की कमी हो, तो ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
  • कैफीन और निकोटीन – कॉफी, चाय, सिगरेट या शराब ज्यादा लेने से हार्ट बीट बढ़ जाती है।
  • थायरॉयड – हाइपरथायरॉयडिज्म की वजह से हार्ट बीट तेज हो सकती है।
  • इंफेक्शन या बुखार – कई बार मरीज को बुखार आने पर भी हार्ट बीट तेज हो सकती है।
  • हार्ट डिसीज – एरिथमिया (arrhythmia) या किसी हार्ट की समस्या के कारण हार्ट बीट तेज हो जाती है।

बढ़ी हार्ट बीट को नार्मल करने के आसान तरीके

डॉ. वरुण कहते हैं कि अगर किसी मरीज की कुछ समय के लिए हार्ट बीट बढ़ जाए तो कुछ लाइफस्टाइल में बदलाव करके राहत पा सकते हैं।

डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन - प्राणायाम, योग और मेडिटेशन के जरिए हार्ट बीट को कंट्रोल किया जा सकता है। योग और मेडिटेशन से स्ट्रेस भी कम होता है और इससे हार्ट हेल्दी रहता है।

हाइड्रेशन का ध्यान रखें - अक्सर लोग पानी बहुत कम पीते हैं। इसलिए दिनभर में पानी पीते रहें। पानी के अलावा, नारियल पानी, नींबू पानी और हर्बल टी से शरीर हाइड्रेट रहता है।

कैफीन से बचें - चाय, कॉफी और सोडे की चीजों को सीमित कर दें। अगर आप स्मोकिंग और शराब का सेवन करते हैं, तो इसे बिल्कुल बंद कर दें, क्योंकि ये हार्ट को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।

हल्की कसरत करें - बढ़ी हुई हार्ट बीट को मैनेज करने के लिए वॉक और स्ट्रेचिंग कर सकते हैं, लेकिन किसी भी कसरत को करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

बैलेंस्ड डाइट लें - सबसे जरूरी है कि घर का बना पौष्टिक खाना खाएं। बाहर का तला-भुना और जंक फूड से बिल्कुल दूरी बना लें।

वजन सही रखें - हेल्दी वजन बनाकर रखें क्योंकि मोटापा भी हार्ट की बीमारियां बढ़ा सकता है।

इसे भी पढ़ें: क्या उम्र के साथ बढ़ जाता है हार्ट का साइज? जानें डॉक्टर से इसके कारण

बढ़ी हार्ट बीट का रखें कुछ ऐसे ध्यान

डॉ. वरुण कहते हैं कि हार्ट बीट कब बढ़ रही है और कितने समय के लिए ये तेज हो रही है, इसे जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी को देखते हुए डॉक्टर दवाई या किसी भी तरह की सलाह दे सकते हैं। इसके लिए मरीज कुछ ये काम कर सकते हैं।

  • डायरी में नोट बनाएं कि कब और किस वजह से हार्ट बीट बढ़ी है।
  • हफ्ते में कितनी बार यह हुआ है।
  • ECG और ब्लड टेस्ट रेगुलर कराते रहें।

निष्कर्ष

डॉ. वरुण कहते हैं कि अगर मरीज को चक्कर आने लगे, बेहोशी हो या सीने में दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वैसे बढ़ी हुई हार्ट बीट होने पर घबराने की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर समस्या लगातार हो रही है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे मामलों में डॉक्टर से सलाह लेने से भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।

Read Next

क्या ज्यादा पानी पीना आपके दिल को प्रभावित कर सकता है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Sep 18, 2025 07:03 IST

    Published By : अनीश रावत

TAGS