जानें कब करवाना चाहिए आपको दिल का ईसीजी और क्यों जरूरी है ये टेस्ट

दिल धड़कता है तो हम जीते हैं, और अगर स्वस्थ जीवन जीना है तो दिल का सही से धड़कते रहना जरूरी है। लेकिन पता कैसे लगाया जाए कि हमारा दिल ठीक से काम कर रहा है और इसे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने वाली है?
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जानें कब करवाना चाहिए आपको दिल का ईसीजी और क्यों जरूरी है ये टेस्ट


वर्ल्ड हार्ट डे यानी विश्व हृदय दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। दिल हमारे शरीर का सबसे ज्यादा संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है। ईसीजी एक तरह की जांच है जिसे आमतौर पर दिल से संबंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। ईसीजी को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम भी कहते हैं। दिल धड़कता है तो हम जीते हैं, और अगर स्वस्थ जीवन जीना है तो दिल का सही से धड़कते रहना जरूरी है। लेकिन पता कैसे लगाया जाए कि हमारा दिल ठीक से काम कर रहा है और इसे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने वाली है? इसे कुछ टेस्ट द्वारा पता लगाया जा सकता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण टेस्ट ईसीजी भी है।

क्यों करवाया जाता है ईसीजी टेस्ट

ईसीजी टेस्ट आमतौर पर दिल तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाओं में परेशानी, ऑक्सीजन की कमी, नसों का ब्लॉकेज, टिशूज की असामान्य स्थिति, सीने में तेज दर्द या सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हार्ट अटैक के लक्षणों और दिल से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है। धमनियों और हृदय से निकलने वाली तरंगों या दिल की धड़कन के माध्यम से चिकित्सक दिल की बीमारियों को पता लगाते हैं।

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बहुत सस्ती और आसान है ये जांच

ईसीजी टेस्ट के बारे में कई बार लोग सोचते हैं कि ये बहुत मंहगी जांच है या इस जांच को करवाने में उन्हें तकलीफ का सामना करना पड़ेगा। मगर आपको बता दें कि ईसीजी टेस्ट बेहद सस्ता और दर्दरहित है। आमतौर पर ईसीजी टेस्ट 100 से 200 रुपए तक आसानी से हो जाते हैं।

क्यों करवाना चाहिए ईसीजी टेस्ट

ईसीजी टेस्ट करवाना आपकी सेहत के लिए जरूरी है और फायदेमंद भी है क्योंकि इस आसान और बेहद सस्ते टेस्ट के द्वारा आप समय से पहले दिल की बीमारियों का पता लगा सकते हैं ताकि बाद में वो खतरनाक रूप न धारण कर लें। अगर आप दिल की बीमारियों का पता ठीक समय से लगा लेते हैं, तो इन्हें आसानी से ठीक किया जा सकता है। आमतौर पर सभी हृदय अस्पतालों में ये टेस्ट उपलब्ध होता है। अगर कभी आपको दिल की बीमारियों के लक्षण नजर आएं, तब तो ये टेस्ट जरूर करवाएं।

कब करवाया जाता है ईसीजी टेस्ट

  • जब लगातार हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो।
  • जब सीने में तेज दर्द की शिकायत हो।
  • जब दिल की धड़कन असामान्य हो जाए और लगातार घटती-बढ़ती रहे।
  • जब सीने और छाती में तकलीफ हो और सांस लेने में परेशानी आए।
  • जब अचानक से घबराहट हो और पसीना निकलने लगे यानि दिल की बीमारी के लक्षण नजर आएं।
  • जब डायबिटीज को कंट्रोल न किया जा सके और इसका प्रभाव दिल पर दिखने लगे।
  • जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियां ब्लॉक हो जाएं और हार्ट तक खून न पहुंचे।
  • जब ब्लड क्लॉटिंग की वजह से दिल तक खून न पहुंचे।
  • जब हार्ट वाल्व में कोई परेशानी आती है।
  • जब दिल की बीमारी के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं।
  • कई बार दिल पर दवाइयों के साइड इफेक्ट को जानने के लिए भी किया जाता है।

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कैसे किया जाता है ईसीजी

ईकेजी का अर्थ होता है इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम। इसे ईसीजी भी कहते हैं। ईकेजी कम समय में होने वाला, सुरक्षित, दर्दरहित व कम खर्च वाला टेस्ट होता है, जिसे हृदय की किसी समस्या की आशंका होने पर किया जाता है। इस टेस्ट में मरीज की छाती, भुजाओं और पैरों की त्वचा पर छोटे इलेक्ट्रोड पैच लगाकर इनकी मदद से हृदय की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है। इसे जांच को एक नियमित स्वास्थ्य जांच की तरह किया जा सकता है और हृदय की बीमारी का पता लगाने के लिए भी।

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