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स्लीप एपनिया मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है? डॉक्टर से जानें

नींद से जुड़ी समस्या का सीधा प्रभाव आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। आगे जानते हैं सोते समय सांस में रुकावट होने से मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है।
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स्लीप एपनिया मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है? डॉक्टर से जानें


आज हर उम्र के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें मानसिक समस्याएं होना एक आम बात है। किसी को काम की टेंशन है, तो किसी को स्कूल के सिलबेस को कवर करने की ऐसे में मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है। लेकिन, इनके अलावा आपकी नींद की क्वालिटी का असर भी ब्रेन के फंक्शन और मेंटल हेल्थ पर देखने को मिल सकता है। आपको बता दें कि नींद से जुड़ी समस्याएं आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें स्लीप एपनिया को भी शामिल किया जाता है। स्लीप एपनिया एक तरह का स्लीपिंग डिसऑर्डर है। इसमें व्यक्ति को सोते में सांस लेने में रुकावट का सामना करना पड़ता है। स्लीप एपनिया से आपकी नींद की क्वालिटी प्रभावित होती है, जो आपकी ब्रेन हेल्थ पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। आगे मणिपाल अस्पताल के क्लीनिकल साइकोलॉजी कंसल्टेंट डॉक्टर सतीश कुमार सी आर से जानते हैं कि स्लीप एपनिया किस तरह से आपकी मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। 

स्लीप एपनिया क्या है?

कुछ लोगों को नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोगों को सोने में दिक्कत करना पड़ सकता है, तो कुछ लोगों की नींद बीच में ही खुल जाती है। नींद से संबंधित कई तरह की बीमारियां होती है। इसमें स्लीप एपनिया को भी शामिल किया जाता है। स्टडी के अनुसार स्लीप एपनिया में व्यक्ति की सांसें सोते समय अचानक कुछ सेकंड के लिए रुक जाती है। इसके लक्षण गंभीर होने पर व्यक्ति को सोने में मुश्किल हो सकती है। वैसे तो इसके अलग-अलग कारण होते हैं। लेकिन, इसके मुख्य कारण में श्वास नली का ब्लाक होना और ब्रेन के द्वारा सांस लेने की प्रक्रिया को कंट्रोल करने में परेशानी होने को शामिल किया जाता है।

स्लीप एपनिया किस तरह से मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है? 

संज्ञानात्मक हानि (Cognitive Loss)

स्लीप एपनिया होने पर व्यक्ति के कॉग्नेटिव माइंड पर प्रभाव पड़ सकता है। नींद में होने वाली रुकावट ब्रेन के फंक्शन को प्रभावित करते हैं, जिसका सीधा प्रभाव कॉग्नेटिव माइंड पर पड़ता है। स्लीप एपनिया वाले व्यक्ति को ध्यान एकाग्र करने और नई चीजों को सीखने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर रोजाना के काम पर भी देखा जा सकता है। 

sleep apnea affects mental health

मूड में बदलाव होना

स्लीप एपनिया के कारण व्यक्ति को स्ट्रेस और अवसाद हो सकता है। इसकी वजह से मूड पर प्रभाव पड़ सकता है। दरअसल, स्लीप एपनिया में व्यक्ति की नींद पूरी नहीं हो पाती है, ऐसे में व्यक्ति का मूड लगातार बदलते रहता है। साथ ही, यह थकान और आलस का कारण बन सकता है। 

तनाव और चिड़चिड़ापन

रात में सांस लेने में होने वाली समस्या के कारण व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है। ऐसे में व्यक्ति को तनाव और चिड़चिड़ापन हो सकता है। दसअसल, लंबे समय से स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है, इससे व्यक्ति को गुस्सा, चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ सकता है। 

मानसिक थकान होना 

नींद में होने वाली परेशानी की वजह से व्यक्ति को चीजों समझने और एक साथ कई चीजों को मैनेज करने में परेशानी हो सकती है। वहीं, स्लीप एपनिया के कारण लोगों को मानसिक थकान का सामना करना पड़ सकता है। 

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स्लीप एपनिया के लक्षणों और इसके कारण होने वाली अन्य समस्याओं को दूर करने कि लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा, लाइफस्टाइल और डाइट मे बदलाव करने से भी आप स्लीप एपनिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं। 

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