How Does Isolation Affect Mental Health: हमारी मेंटल हेल्थ भी फिजिकल हेल्थ जितनी ही जरूरी है। फिजिकल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के लक्षण नजर आ जाते हैं। लेकिन मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का पता लगाना मुश्किल होता है। ऐसे में व्यक्ति डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं में फंसते चले जाता है। कई लोग किसी सदमें या बड़ी समस्या से डरकर खुद को आइसोलेट कर लेते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति अकेले रहना शुरू कर देता है। ऐसे में वो बाहरी दुनिया से कनेक्शन खत्म करने लगता है। खुद को एक जगह बंद करके रख लेता है और अकेले रहना पसंद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं लंबे समय तक अकेले रहने से व्यक्ति पर क्या असर पड़ता है? यह किसी व्यक्ति की मेंटल हेल्थ के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है। इस बारे में हमें जानकारी दी सर सीनियर गंगाराम हॉस्पिटल की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ आरती आनंद ने।
खुद को आइसोलेट करने से सेहत पर क्या असर पड़ता है? How Does Isolation Affect Health
अगर व्यक्ति किसी दुख से उभरने के लिए कुछ दिन के लिए आइसोलेट हो रहा है, तो यह उनकी मेंटल हेल्थ के लिए ठीक है। लेकिन लंबे समय में यह कई गंभीर मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके कारण व्यक्ति शारीरिक रूप से भी कमजोर होने लगता है।
लंबे समय तक अकेले रहना (आइसोलेट) मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है? Isolation Affects on Mental Health
डिप्रेशन में चले जाना- Depression
लंबे समय तक अकेले रहने से व्यक्ति डिप्रेशन में भी जा सकता है। क्योंकि सोशल लाइफ से दूर होने से वो अपनी भावनाएं व्यक्ति नहीं कर पाता है। इस स्थिति में व्यक्ति गहरे अकेलेपन में डूब जाता है। जिस कारण उसे डिप्रेशन हो सकता है।
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सोशल एंग्जाइटी होना- Social Anxiety
लंबे समय तक अकेले रहने से व्यक्ति के लिए दुबारा सोशल कनेक्शन बनाने मुश्किल होंगे। वो लोगों के बीच जाने और कंफर्टेबल होने में घबराने लगेगा। ऐसे में उसे सोशल एंग्जाइटी होने लगेगी। वो अपने करीबियों से मिलने से भी पीछे हटेगा। मिलने के प्लान कैंसिल करने की कोशिश करेगा।
बार-बार बीमार पड़ना- illness
आइसोलेशन के कारण व्यक्ति बीमार भी होने लगेगा। हर वक्त सोच और अकेलेपन में रहने के कारण उसके लिए अपनी सेहत को समझना मुश्किल होगा। मेंटल हेल्थ खराब होने से उसकी फिजिकल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ने लगेगा। इसके कारण उसे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है।
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हर वक्त तनाव रहना- Stress
अकेलापन किसी के तनाव का कारण भी बन सकता है। गहराई से सोच में डूबे रहने से व्यक्ति तनाव का शिकार हो सकता है। इसके कारण उसके लिए अपने काम पर ध्यान देना भी मुश्किल होता जाएगा। उसमें बस गुस्सा और बैचेनी जैसी समस्याएं बढ़ने लगेगी।
ऐसे में व्यक्ति को खुद को आइसोलेशन से बाहर लाना चाहिए। अपने करीबियों से संपर्क बनाए रखना चाहिए। लेकिन इसके बावजूद भी इमोशन कंट्रोल नहीं होते तो, किसी साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।