आज के समय में ज्यादातर लोग तेजी से बदलती लाइफस्टाइल, वर्क प्रेशर और अनहेल्दी रूटीन फॉलो कर रहे हैं। लगातार बढ़ती जिम्मेदारियां और सामाजिक अपेक्षाएं हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि आजकल युवा से लेकर बुजुर्ग तक, हर उम्र के लोग स्ट्रेस, चिंता और एंग्जायटी (Anxiety) जैसी मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। एंग्जायटी की समस्या में व्यक्ति को बिना किसी कारण के डर, घबराहट, बेचैनी या पैनिक जैसा महसूस होने लगता है। यह स्थिति केवल मानसिक नहीं बल्कि शारीरिक रूप से भी असर डालती है, जैसे दिल की धड़कन तेज होना, सांस फूलना, शरीर में कंपन या थकावट जैसी समस्याएं। कई बार एंग्जायटी अटैक इतना गंभीर होता है कि व्यक्ति को तुरंत मदद की जरूरत होती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि एंग्जायटी को बिना दवा के तुरंत कैसे कम किया जा सकता है? इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से जानिए, एंग्जायटी के लिए 5-5-5 नियम क्या है?
एंग्जायटी के लिए 5-5-5 नियम क्या है? - What Is 555 Rule For Anxiety
इस नियम की खास बात यह है कि इसे किसी भी समय, कहीं भी, बिना किसी समस्या के अपनाया जा सकता है। यह नियम एंग्जायटी और पैनिक अटैक के समय अपने मन को शांत (What is the 555 technique for anxiety) करने में मदद करता है। इस नियम में तीन मुख्य स्टेप होते हैं, 5 चीजें देखें, 5 चीजें सुनें और 5 चीजें महसूस करें।
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1. 5 चीजें देखें
जब आपको लगे कि आपकी चिंता बढ़ रही है या आपके अंदर घबराहट हो रही है, तो सबसे पहले अपने आस-पास की 5 अलग-अलग चीजों को ध्यान से देखें। ये चीजें कुछ भी हो सकती हैं, जैसे पेड़-पौधे, दीवार पर लगा पोस्टर, आपके घर का पालतू जानवर, खिड़की से दिखती पत्तियां, या आपके कपड़ों की बनावट। इन चीजों को ध्यान से देखकर आप अपने दिमाग को वर्तमान पल में ले आते हैं, जिससे चिंताओं से ध्यान हट जाता है।
2. 5 चीजें सुनें
इसके बाद अपनी कानों को खोलकर आसपास की 5 अलग-अलग आवाजों को पहचानने की कोशिश करें। यह कोई भी आवाज हो सकती है, पक्षियों की चहचहाहट, दूर से आती गाड़ी की आवाज, घर में चल रही घड़ी की टिक-टिक, हवा का सरसराना या किसी की बात। इन आवाजों पर ध्यान केंद्रित करने से आपका ध्यान उस घबराहट से हटकर बाहर की दुनिया में आ जाता है।
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3. 5 चीजें महसूस करें
अंत में, अपने हाथों या शरीर के किसी हिस्से से आसपास की 5 अलग-अलग चीजों को छूने या महसूस करने की कोशिश करें। यह आपकी स्किन पर ठंडक या गर्मी हो सकती है, किसी वस्तु की बनावट, आपकी कुर्सी की सीट, कपड़ों की नरमी या किसी ठोस वस्तु की सतह। यह प्रक्रिया आपको अपने शरीर से जोड़ती है और मन को स्थिर करती है।
5-5-5 नियम कब और कैसे इस्तेमाल करें?
- जब भी आपको अचानक घबराहट या पैनिक अटैक महसूस हो।
- ऑफिस, घर या बाहर कहीं भी, आप कहीं भी इस नियम को तुरंत अपना सकते हैं।
- इसे दिन में बार-बार अभ्यास करें ताकि आपका मस्तिष्क इसे आसानी से अपनाने लगे।
- आप चाहें तो इसे गहरी सांस भी ले सकते हैं, जिससे शांति और बढ़ती है।
निष्कर्ष
अगर आप भी एंग्जायटी, घबराहट या अनचाही बेचैनी से जूझ रहे हैं, तो 5-5-5 रूल को फॉलो करें। यह एक बेहद सरल और प्रभावशाली तरीका है जो बिना दवा के भी आपकी मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकता है। आज के तनावपूर्ण माहौल में मानसिक शांति बनाए रखने के लिए यह एक आसान तरीका है।
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FAQ
एंग्जायटी के लक्षण क्या-क्या होते हैं?
एंग्जायटी के लक्षण शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से दिखाई दे सकते हैं। आम लक्षणों में घबराहट या बेचैनी महसूस होना, तेजी से दिल धड़कना, सांस लेने में कठिनाई, पसीना आना, हाथ-पैर कांपना, नींद न आना और ध्यान केंद्रित न कर पाना शामिल हैं। इसके अलावा व्यक्ति को हर समय डर का भाव भी बना रह सकता है। कुछ लोगों को पेट दर्द, सिरदर्द या चक्कर जैसे शारीरिक लक्षण भी अनुभव होते हैं।एंजायटी की जांच कैसे होती है?
एंग्जायटी की जांच मुख्य रूप से व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक लक्षणों के आधार पर की जाती है। डॉक्टर सबसे पहले मरीज की हिस्ट्री लेते हैं और उसके लक्षणों को समझते हैं, जैसे घबराहट, नींद की कमी, दिल की धड़कन तेज होना आदि। इसके बाद कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं। कई बार थायराइड या विटामिन की कमी जैसी अन्य मेडिकल समस्याओं को भी जांचा जाता है, क्योंकि वे भी एंग्जायटी जैसे लक्षण दे सकती हैं।एंजायटी कितने दिन में ठीक होती है?
एंग्जायटी कितने दिन में ठीक होगी ये व्यक्ति की स्थिति, कारण और इलाज पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को अस्थायी एंग्जायटी होती है जो कुछ दिनों या हफ्तों में सही हो सकती है, खासकर अगर इसका कारण तनावपूर्ण स्थिति हो। जबकि क्रॉनिक एंग्जायटी डिसऑर्डर महीनों या सालों तक चल सकता है और इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद, थेरेपी, मेडिकेशन और लाइफस्टाइल बदलाव की जरूरत होती है। सही इलाज, नियमित एक्सरसाइज, मेडिटेशन और सोशल सपोर्ट से एंग्जायटी को कंट्रोल किया जा सकता है।