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अस्थमा और पैनिक अटैक के बीच क्या अंतर होते हैं? डॉक्टर से जानें

मौसम में बदलाव होने पर एलर्जी की वजह से लोगों को अस्थमा अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन, कई बार कुच लोग पैनिक अटैक को भी अस्थमा अटैक समझ लेते हैं। ऐसे में आगे जानतें हैं कि पैनिक अटैक और अस्थमा अटैक के बीच क्या अंतर होते हैं?
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अस्थमा और पैनिक अटैक के बीच क्या अंतर होते हैं? डॉक्टर से जानें


अस्थमा के कई लक्षण पैनिक अटैक की तरह ही दिखाई देते हैं। जब किसी व्यक्ति को अचानक सांस लेने में तकलीफ होती है, तो यह समझना मुश्किल हो सकता है कि वह अस्थमा अटैक (Asthma Attack) का शिकार हुआ है या पैनिक अटैक (Panic Attack) का। दोनों ही स्थितियों में मरीज को घबराहट, छाती में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्या हो सकती है। लेकिन यह दो अलग-अलग स्थितियां हैं, जिनका कारण, इलाज और प्रभाव पूरी तरह अलग-अलग होता है। इस लेख में डॉक्टर अनिमेष आर्या, सीनियर कंसल्टेंट, प्लूमोनोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट से जानेंगे कि अस्थमा अटैक और पैनिक अटैक के बीच क्या अंतर है? कैसे इनकी पहचान की जाए और कब डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हो जाता है।

अस्थमा और पैनिक अटैक क्या होता है? - What is Asthma And Panic Attack in Hindi

अस्थमा एक लंबे समय तक चलने वाला (क्रोनिक) श्वसन रोग है जिसमें फेफड़ों की वायुमार्ग (airways) संकुचित हो जाता हैं और इनमें सूजन आ जाती है। इस दौरान सांस लेने में कठिनाई होती है। जब यह स्थिति अचानक बिगड़ जाती है, तो उसे अस्थमा अटैक कहा जाता है।

वहीं, पैनिक अटैक एक मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जिसमें व्यक्ति अचानक डर या चिंता से घिर जाता है, भले ही कोई वास्तविक खतरा मौजूद न हो। यह मानसिक तनाव का शारीरिक प्रतिक्रिया रूप है।

difference between asthma attacks and panic attacks

अस्थमा और पैनिक अटैक के क्या लक्षण समान हो सकते हैं? - Common Sympotms Of Asthma and Panic Attack In Hindi

  • सांस लेने में कठिनाई होना,
  • सीने में जकड़न
  • बेचैनी और घबराहट
  • जल्दी-जल्दी सांस लेना (Hyperventilation)
  • जब यह लक्षण अचानक होते हैं, तो कई बार मरीज खुद यह नहीं समझ पाता कि उसे अस्थमा अटैक हो रहा है या पैनिक अटैक।

अस्थमा अटैक और पैनिक अटैक में क्या अंतर होता है? - Difference Between Asthma Attack And Panic Attack in Hindi

  • इन दोनों ही स्थितियों के मूल कारण अलग-अलग होते हैं। अस्थमा रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में सूजन और संकुचन की वजह से उत्पन्न होती है। जबकि, पैनिक अटैक एक मानसिक स्थिति है जो भावनात्मक उतार चढ़ाव के कारण होती है।
  • अस्थमा होने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ और घरघराहट की आवाज महसूस होती है। जबकि, पैनिक अटैक सांस लेने में दिक्कत होती है, लेकिन, घरघराहट की आवाज नहीं आती है।
  • अस्थमा अटैक होने पर व्यक्ति को फेफड़ों के संकुचन की वजह से सीने में दबाव महसूस होता है। जबकि, पैनिक अटैक में सीने में दबाव तनाव व डर के कारण होता है।
  • अस्थमा अटैक पर फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, ऐसे में शरीर का ऑक्सीजन लेवल काफी हद तक कम हो सकता है। वहीं, पैनिक अटैक में सामान्यतः ऑक्सीजन का स्तर सामान्य बना रहता है।
  • अस्थमा अटैक में इनहेलर पास मे न होने से व्यक्ति को घबराहट हो सकती है। जबकि पैनिक अटैक में सांस लेने में तकलीफ सीधे तौर पर घबराहट का कारण बन सकती है।
  • अस्थमा में जब तक व्यक्ति को दवा न दी जाए समस्या बनी रहती है, जबकि पैनिक अटैक में कुछ मिनटो या आधे घंटे के बाद स्थिति शांत हो जाती है।
  • यदि अस्थमा के ट्रिगर कारकों से बचाव न किया जाए तो यह दोबार हो सकती है। जबकि, पैनिक अटैक मानसिक दबाव में बार-बार हो सकता है।

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अस्थमा अटैक और पैनिक अटैक दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां हैं लेकिन इनका कारण और इलाज अलग-अलग होता है। सही समय पर पहचान और उचित इलाज से इन दोनों स्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को बार-बार सांस लेने में दिक्कत या घबराहट होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेने या संपर्क करने में देरी न करें।

FAQ

  • अस्थमा पेशेंट को क्या नहीं खाना चाहिए?

    इनमें प्रोसेस्ड और तले हुए खाद्य पदार्थ, अत्यधिक मीठे पेय और खाद्य पदार्थ, डेयरी उत्पाद (यदि संवेदनशील हों), और सल्फाइट युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 
  • सांस फूलने का घरेलू इलाज क्या है?

     गर्म पानी में शहद और अदरक डालकर पीने से गले की जलन शांत होती है और सांस लेने में आसानी होती है। नीलगिरी तेल की भाप लेने से भी कंजेशन से राहत मिल सकती है। हल्दी वाले दूध का सेवन भी सांस लेने में सुधार कर सकता है।
  • सांस फूलने पर कौन सा टेस्ट करवाना चाहिए?

    सांस फूलने पर कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं, जिनमें blood test, छाती का एक्स-रे, फेफड़ों की कार्यक्षमता परीक्षण (PFT), सीटी स्कैन, और इकोकार्डियोग्राम शामिल हैं।

 

 

 

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