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एक जैसे लग सकते हैं पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण, जानें इन दोनों के बीच के अंतर

बिना किसी कारण के डर या भय लगना पैनिक अटैक का लक्षण हो सकता है। आगे जानते हैं कि पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर के बीच क्या अंतर हैं?
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एक जैसे लग सकते हैं पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण, जानें इन दोनों के बीच के अंतर


Panic Attack Vs Panic Disorder: कुछ लोगों को किसी भी समय डर या भय लगने लगता है। इन लोगों में यह डर किसी समस्या का कारण नहीं होता है। इस दौरान लोगों को ज्यादा पसीना आना, हृदय गति तेज होना या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। यह पैनिक अटैक का लक्षण हो सकता है। ठीक इसी तरह बार-बार पैनिक अटैक आने से व्यक्ति को पैनिक डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। यह दोनों ही मानसिक समस्या है, जिसमें व्यक्ति को घबराहट महसूस हो सकती है। इन दोनों ही समस्याओं की वजह से व्यक्ति को काम में ध्यान एकाग्र करने में मुश्किल हो सकती है, जिसका असर उनकी जीवनशैली पर भी पड़ सकता है। इस लेख नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम कंसलटेंट साइकैटरिस्ट एंड साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर राहुल कक्कड़ से जानते हैं कि पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर के बीच में क्या अंतर हो सकते हैं? 

पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर के बीच में अंतर - Difference Between Panic Attack And Panic Disorder In Hindi 

पैनिक अटैक में व्यक्ति को अचानक घबराहट, किसी चीज का डर और बैचेनी होने लगती है, जो कुछ मिनटों पर ही अधिक हो सकती हैं। इसमें व्यक्ति की हार्ट बीट बढ़ना, पसीना आना, कांपना, सांस फूलना और मरने का डर सता सकता है। वहीं, पैनिक डिसऑर्डर एक प्रकार का स्ट्रेस डिसऑर्डर है, इसमें व्यक्ति को बार-बार पैनिक अटैक आ सकता है। 

समस्या का पैटर्न अंतर 

पैनिक अटैक अलग-अलग घटनाओं के रूप में हो सकता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि यह एक निश्चित पैर्टन के अंतर्गत हो, यह समस्या अभी एक बार या दिन में दो से तीन बार तक हो सकती है। 

वहीं, जब किसी व्यक्ति को एक निश्चित अवधि में कई बार पैनिक अटैक का अनुभव होता है, तो यह पैनिक डिसऑर्डर हो सकता है। आमतौर पर व्यक्ति को दो बार पैनिक अटैक आने पर इसे पैनिक डिसऑर्डर माना जा सकता है। इसका पैर्टन पैनिक अटैक पर निर्भर करता है। 

panic attack vs panic disorder in hindi

अवधि और शुरुआत

एक्सपर्ट्स के अनुसार पैनिक अटैक के लक्षण आमतौर पर 10 मिनट के भीतर चरम पर पहुंच सकते हैं। यह लक्षण कई बार एक घंटे से अधिक समय तक चलते हैं। इसकी शुरुआत अचानक और अक्सर बिना किसी कारण के होती है।

वहीं, पैनिक डिसऑर्डर में पैनिक अटैक थोड़े समय के लिए हो सकता है। व्यक्ति को अन्य पैनिक अटैक आने का डर सताता है। यह डर व्यक्ति के दैनिक जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।  

पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर को ट्रिगर करने के कारण

पैनिक अटैक के ट्रिगर करने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ तनाव, फोबिया या अन्य कारण हो सकता है। कुछ लोगों को पैनिक अटैक एक या दो बार हो सकते हैं। 

पैनिक डिसऑर्डर का सटिक कारण पता नहीं लगाया जा सका है, जबकि इसके मुख्य कारकों में अनुवांशिक, पैनिक अटैक, मनोवैज्ञानिक कारक माना जाता है। 

जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव

व्यक्ति को एक बार होने वाला पैनिक अटैक परेशान करने वाला हो सकता है। इसका प्रभाव आमतौर पर कुछ समय के लिए होता है, लेकिन यह बाद में इस अटैक के दोबारा होने के डर को बढ़ा सकता है। 

वहीं, पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति को रोजाना के कामकाज में परेशानी हो सकती है। इस दौरान व्यक्ति पैनिक अटैक होने के डर से बाहर निकलने या किसी काम को करने से बचने लगते हैं।  

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Difference Between Panic Attack And Panic Disorder: इसके साथ ही इन दोनों के इलाज भी अलग-अलग हो सकते हैं। अगर, पैनिक अटैक सिर्फ एक बार आया है, तो ऐसे में आपको इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन बार-बार पैनिक अटैक में आपको इलाज की जरूरत हो सकती है। वहीं, पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति के विचारों और व्यवहार को समझकर डॉक्टर तनाव को कम करने के लिए दवाएं दे सकते हैं। साथ ही जीवनशैली में भी बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं। 

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