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क्या मेडिटेशन से एंटी-एंग्जायटी दवा हो सकती है बंद? एक्सपर्ट से जानें

आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में एंग्जायटी (Anxiety) यानी चिंता एक आम मानसिक समस्या बन चुकी है। यहां जानिए, क्या मेडिटेशन से एंग्जायटी की दवा बंद हो सकती है?
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क्या मेडिटेशन से एंटी-एंग्जायटी दवा हो सकती है बंद? एक्सपर्ट से जानें


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और चिंता यानी एंग्जायटी आम समस्या बन चुकी है। ऑफिस का प्रेशर, रिश्तों की समस्याएं, पढ़ाई का तनाव, भविष्य की चिंता और सोशल मीडिया का बढ़ता दवाब, ये सभी मिलकर दिमाग पर ऐसा असर डालते हैं कि व्यक्ति छोटी-सी बात पर घबराने लगता है। तेज धड़कन, बेचैनी, पसीना आना, नींद न आना या अचानक पैनिक अटैक आना, ये सब एंग्जायटी के संकेत हैं। आमतौर पर ऐसी स्थिति में लोग तुरंत राहत पाने के लिए एंटी-एंग्जायटी दवाओं का सहारा लेते हैं। डॉक्टर भी गंभीर मामलों में इन्हें लिखते हैं क्योंकि दवाएं तेजी से असर करती हैं और मरीज को तुरंत शांति मिलती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या दवाओं के बिना भी एंग्जायटी से राहत पाना संभव है? क्या कोई ऐसा नेचुरल उपाय है जो बिना साइड इफेक्ट के मन को स्थायी रूप से शांत कर सके? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, हिमालयन सिद्धा अक्षर - लेखक, स्तंभकार, अक्षर योग केंद्र के संस्थापक (Himalayan Siddhaa Akshar - Author, Columnist, Founder of Akshar Yoga Kendraa) से बात की-

क्या मेडिटेशन से एंग्जायटी की दवा बंद हो सकती है? - Can Meditation Replace Anti Anxiety Medicines

एंटी-एंग्जायटी दवाएं शरीर में मौजूद तनाव हार्मोन को कंट्रोल करती हैं और तुरंत राहत देती हैं। यही वजह है कि अचानक बढ़ी हुई घबराहट या पैनिक अटैक में यह बहुत मददगार होती हैं। लेकिन इन दवाओं का असर अस्थायी है और उनके साथ कई तरह के साइड इफेक्ट भी जुड़े हो सकते हैं, जैसे नींद आना, थकान, वजन बढ़ना या दवा की लत लग जाना।अक्षर योग केंद्र के संस्थापक हिमालयन सिद्धा अक्षर, बताते हैं कि हालिया रिसर्च बताती हैं कि मेडिटेशन चिंता कम करने का एक पॉवरफुल तरीका है। दवाएं तेज राहत देती हैं, लेकिन मेडिटेशन शरीर के नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करता है, हार्मोन को संतुलित करता है और दिमाग के उन हिस्सों को मजबूत बनाता है जो तनाव को कंट्रोल करते हैं।

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सिर्फ मेडिटेशन से हर मरीज की दवा पूरी तरह बंद नहीं हो सकती। जिन लोगों को गंभीर एंग्जायटी या पैनिक डिसऑर्डर है, उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना दवा छोड़ना खतरनाक हो सकता है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से हल्की चिंता से जूझ रहा है और धीरे-धीरे मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करता है, तो दवा पर निर्भरता घट सकती है।

एंग्जायटी से राहत के लिए असरदार मेडिटेशन - Effective meditation techniques for anxiety relief

हिमालयन सिद्धा अक्षर बताते हैं कि कुछ खास योग और प्राणायाम तकनीकें चिंता को दूर करने में बेहद असरदार होती हैं:

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can meditation replace anxiety medicines

1. श्वास ध्यान - Breath Meditation

इसमें सिर्फ अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है, दिल की धड़कन कंट्रोल होती है और मन को शांति मिलती है।

2. भ्रामरी प्राणायाम - Bhramari

इस तकनीक में गहरी सांस लेकर मधुमक्खी जैसी गूंज पैदा की जाती है। इससे कंपन (Vibrations) पूरे शरीर में फैलते हैं और मन तुरंत शांत हो जाता है। तनाव और चिंता कम करने में यह बेहद कारगर है।

3. योग अभ्यास

विभिन्न योगासन जैसे शवासन, ताड़ासन और वज्रासन शरीर में रक्त संचार यानी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं। योग करने से मानसिक स्थिरता आती है और भावनाओं पर कंट्रोल आसान हो जाता है।

निष्कर्ष

मेडिटेशन को दवाओं का सीधा विकल्प नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक नेचुरल उपाय है। इसलिए अगर आप एंग्जायटी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के साथ-साथ मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। धीरे-धीरे यह आपको अंदर से मजबूत बनाएगा और दवाओं की जरूरत को कम कर सकता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • मेडिटेशन का असर दिखने में कितना समय लगता है?

    कुछ लोगों को शुरुआती दिनों में ही मन शांत लगने लगता है, लेकिन स्थायी असर पाने के लिए कम से कम 6-8 हफ्ते तक रोज अभ्यास जरूरी है।
  • क्या मेडिटेशन के कोई साइड इफेक्ट होते हैं?

    मेडिटेशन पूरी तरह सुरक्षित और नेचुरल है। हालांकि शुरुआती दिनों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, जो धीरे-धीरे अभ्यास से ठीक हो जाती है।
  • मेडिटेशन का सबसे अच्छा समय कौन-सा है?

    सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस समय वातावरण शांत रहता है। लेकिन अगर दिन में तनाव बढ़े तो आप शाम या रात को भी मेडिटेशन कर सकते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 01, 2025 09:02 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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