How long to meditate to reduce stress: टेक्नोलॉजी बढ़ने के साथ ही लोगों में डिजिटल स्ट्रेस भी बढ़ रहा है। सुबह से शाम तक स्क्रीन पर काम करने के कारण स्ट्रेस होना आम बात है। इससे आंखों पर जोर पड़ता है। साथ ही, दिमाग भी थक जाता है। सोशल मीडिया पर कई घंटे बीता देना लोगों की आदत बन चुकी है। इसके कारण भी स्ट्रेस और निगेटिव फीलिंग बढ़ती है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के कारण होने वाला ये स्ट्रेस फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों को नुकसान करता है। अब काम के दौरान स्क्रीन से दूरी बनाए रखना तो मुश्किल है, लेकिन मेडिटेशन के जरिए इसे कंट्रोल जरूर रखा जा सकता है। रोजाना मेडिटेशन करने से माइंड और बॉडी को रिलैक्स रखने में मदद मिल सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं डिजिटल स्ट्रेस कम करने में मेडिटेशन कैसे फायदेमंद है? इस बारे में जानने के लिए हमने दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर साइकोलॉजिस्ट आरती आनंद से बात की। लेख में एक्सपर्ट से जानें इस बारे में।
डिजिटल स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन के फायदे- Meditation Benefits to Reduce Digital Stress
माइंड रिलैक्स्ड रहता है- Relax Mind
लगातार नोटिफिकेशन पर ध्यान देने और ओवर स्क्रीन टाइम के कारण भी दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में मेडिटेशन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। मेडिटेशन करने से माइंड को शांत और रिलैक्स्ड रखने में मदद मिलती है। इससे मन में चल रहे विचार शांत होते हैं और बॉडी भी रिलैक्स रहती है। डीप ब्रिदिंग करने और माइंडफुलनेस मेडिटेशन करने से ब्रेन हेल्थ इंप्रूव होती है।
टॉप स्टोरीज़
कोर्टिसोल लेवल कम होता है- Reduce Cortisol
स्क्रीन टाइम ज्यादा होने के कारण कोर्टिसोल हार्मोन यानी स्ट्रेस हार्मोन बढ़ सकता है। स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन मेडिटेशन बढने से स्ट्रेस लेवल कंट्रोल होने में मदद मिलती है और डिजिटल स्ट्रेस कम करने में भी मदद मिलती है। इससे नर्वस सिस्टम रिलैक्स्ड होता है और कोर्टिसोल लेवल कम होता है।
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काम पर फोकस बढ़ता है- Increase Focus
डिजिटल स्ट्रेस के कारण दिमाग थक जाता है और इससे काम पर फोकस कम हो जाता है। इसके कारण सोचे-समझने में मुश्किल होती है और काम पर फोकस भी कम हो जाता है। मेडिटेशन इस समस्या का समाधान साबित हो सकता है। रोजाना थोड़ी देर मेडिटेशन करने से काम पर फोकस बढ़ने में मदद मिलती है। इससे आपको काम पर लंबे समय तक एक्टिव रहने में मदद मिलेगी। इससे दिमाग भी जल्दी नहीं थकेगा और आप काम पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे।
इमोशनल हेल्थ इंप्रूव होती है- Improve Emotional Health
डिजिकल स्ट्रेस और सोशल मीडिया के निगेटिव कंटेंट के कारण दिमाग पर भी निगेटिव असर पड़ सकता है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन कंटेंट पर ज्यादा ध्यान देने से दिमाग थक जाता है। इस कारण चिड़चिड़ाहट, स्ट्रेस और एंग्जायटी हो सकती है। लेकिन मेडिटेशन करने से इमोशनल हेल्थ इंप्रूव होती है। इससे माइंड शांत रहता है और ट्रिगर अवॉइड करने में मदद मिलती है।
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अच्छी नींद आती है- Improve Sleep
रोजाना मेडिटेशन करने से स्लीप क्वालिटी भी इंप्रूव होती है। अगर आप सोने से कुछ देर पहले मेडिटेशन करते हैं, तो इससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी। इससे माइंड और बॉडी दोनों रिलैक्स होते हैं। इसलिए सोने से करीब 2 घंटे पहले से स्क्रीन से दूरी बना लें। इसके बाद सोने से पहले कुछ देर मेडिटेशन जरूर करें।
निष्कर्ष
मेडिटेशन करने से डिजिटल स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। अगर आप रोज मेडिटेशन करते हैं, तो इससे इमोशनल हेल्थ इंप्रूव होती है, कोर्टिसोल लेवल कम होता है, काम पर फोकस बढ़ता है और माइंड भी रिलैक्स्ड रहता है। रोजाना मेडिटेशन करने से आपको डिजिटल स्ट्रेस को कंट्रोस रखने में मदद मिलेगी। इस लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस विषय पर ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से बात करें।
FAQ
डिप्रेशन और स्ट्रेस को कैसे कम करें?
डिप्रेशन और स्ट्रेस को कम करने के लिए अपने माइंड को रिलैक्स रखें। परिवार और दोस्तों से साथ समय बिताएं। किसी करीबी से अपनी बात शेयर करें जिससे मन शांत होगा। अपने मनपंसद कामों पर ध्यान लगाएं जिससे आपका इन चीजों से ध्यान हट पाएगा।क्या मेडिटेशन से तनाव दूर होता है?
एक्सपर्ट के मुताबिक मेडिटेशन करने से तनाव कम होता है। मेडिटेशन माइंड और बॉडी को रिलैक्स्ड रखता है। इससे ओवरथिंकिंग कम होती है और इमोशनल हेल्थ इंप्रूव होती है। इससे कोर्टिसोल लेवल भी कम होता है और माइंड रिलैक्स रहता है।सुबह उठकर मेडिटेशन कैसे करें?
सुबह उठकर सबसे पहले माइंड और बॉडी को रिलैक्स करें और फिर मेडिटेशन करना शुरू करें। अब एक शांत जगह पर बैठ जाएं और ध्यान करना शुरू करें। धीरे-धीरे अपने विचारों से माइंड हटाएं और दिमाग को शांत करने की कोशिश करें।