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क्या अनुलोम-विलोम से घट सकता है ब्लड प्रेशर और एंग्जायटी? योगा एक्सपर्ट से जानें

आज की तेज-तर्रार जिंदगी में एंग्जायटी और हाई ब्लड प्रेशर दो आम समस्याएं बन गई हैं। काम का तनाव, अनियमित नींद और लगातार स्क्रीन टाइम के कारण शरीर और मन दोनों पर दबाव बढ़ जाता है। यहां जानिए, क्या अनुलोम-विलोम से एंग्जायटी कम होती है?
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क्या अनुलोम-विलोम से घट सकता है ब्लड प्रेशर और एंग्जायटी? योगा एक्सपर्ट से जानें


स्मार्टफोन, डेडलाइन और स्ट्रेस से भरी लाइफस्टाइल में जब मानसिक शांति खो जाती है, तब श्वास-प्रश्वास तकनीक शरीर की नाड़ियों (Nadis) को शुद्ध करके, तंत्रिका तंत्र को शांत करती है। योग एक्सपर्ट प्रवीण गौतम के अनुसार, रोजाना कुछ मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से कॉर्टिसोल हार्मोन (Stress Hormone) का लेवल घट सकता है, जिससे एंग्जायटी, घबराहट और बेचैनी में प्राकृतिक रूप से राहत मिलती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केवल सही तरीके से अनुलोम-विलोम एंग्जायटी (Anxiety) और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) जैसी गंभीर समस्याओं को कंट्रोल कर सकता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से जानिए, क्या अनुलोम-विलोम से ब्लड प्रेशर और एंग्जायटी घट सकता है?

क्या अनुलोम-विलोम से घट सकता है ब्लड प्रेशर और एंग्जायटी? - Alternate Nostril Breathing For Anxiety And BP

आल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग यानी अनुलोम-विलोम एक प्राचीन योगिक तकनीक है, जिसमें बारी-बारी से एक-एक नथुने से श्वास ली और छोड़ी जाती है। इसका उद्देश्य शरीर में प्राण (जीवन ऊर्जा) के प्रवाह को संतुलित करना है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में इड़ा (चंद्र नाड़ी) और पिंगला (सूर्य नाड़ी) नामक दो मुख्य नाड़ियां होती हैं, अनुलोम-विलोम इन्हीं दोनों के बीच संतुलन बनाकर मानसिक और शारीरिक स्थिरता लाता है। योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम बताते हैं कि यह अभ्यास स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) को कंट्रोल करता है, जिससे तनाव और ब्लड प्रेशर दोनों में सुधार होता है।

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1. एंग्जायटी पर अनुलोम-विलोम का असर

जब व्यक्ति चिंतित या तनावग्रस्त होता है, तब उसकी सांस तेज और अनियमित हो जाती है। अनुलोम-विलोम करने से सांसों की गति धीमी और नियमित होती है, जिससे पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है, यह वही प्रणाली है जो शरीर को शांत मोड में लाती है। रोजाना 10-15 मिनट आल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग करने से कॉर्टिसोल हार्मोन (Stress Hormone) का स्तर घटता है, जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति, बेहतर एकाग्रता और नींद में सुधार महसूस होता है।

2. ब्लड प्रेशर पर अनुलोम-विलोम का असर

हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) केवल दिल की नहीं, बल्कि पूरे शरीर की समस्या है। योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम के अनुसार, आल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग यानी अनुलोम-विलोम से रक्त प्रवाह सुचारु होता है और ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे कंट्रोल होता है। यह अभ्यास हार्ट रेट को स्थिर करता है, जिससे हार्ट पर दबाव कम पड़ता है और शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है।

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सावधानियां

  • अभ्यास हमेशा खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद करें।
  • अगर किसी को सर्दी-जुकाम या नाक बंद होने की समस्या है, तो पहले उसका इलाज करें।
  • लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति यह अभ्यास धीरे-धीरे करें और अचानक गहरी सांस न लें।

निष्कर्ष

आल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग यानी अनुलोम-विलोम केवल एक सांस लेने की तकनीक नहीं, बल्कि मन-शरीर संतुलन की एक प्रक्रिया है। यह तनाव कम करती है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है, नींद में सुधार लाती है और मानसिक स्थिरता प्रदान करती है। अगर इसे रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल किया जाए, सुबह या शाम 10-15 मिनट तो बिना दवा के भी मन और शरीर दोनों को गहराई से रिलेक्स किया जा सकता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • एंग्जायटी क्या होती है?

    एंग्जायटी एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ज्यादा चिंता, घबराहट या डर महसूस होता है। 
  • एंग्जायटी के आम लक्षण क्या हैं?

    तेज धड़कन, सांस लेने में परेशानी, पसीना आना, हाथ-पैर कांपना, नींद की कमी और बेवजह डर या बेचैनी महसूस होना एंग्जायटी के प्रमुख लक्षण हैं।
  • क्या एंग्जायटी से पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है?

    सही लाइफस्टाइल, नियमित योग-प्राणायाम, पर्याप्त नींद और पॉजिटिव सोच से एंग्जायटी को कंट्रोल किया जा सकता है। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 29, 2025 16:18 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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