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नाइट शिफ्ट से वाकई बढ़ता है ल‍िवर डैमेज का खतरा? डॉक्‍टर से जानें

क्या रात की शिफ्ट में काम करना आपके लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है? अनियमित नींद और खाने के पैटर्न से लिवर का कार्य प्रभावित हो सकता है। जानें कैसे नाइट शिफ्ट वर्कर्स में लिवर डैमेज का खतरा बढ़ता है और इसे रोकने के उपाय।
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नाइट शिफ्ट से वाकई बढ़ता है ल‍िवर डैमेज का खतरा? डॉक्‍टर से जानें


सिर्फ रात की शिफ्ट में काम करना ही आपकी नींद के पैटर्न को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह धीरे-धीरे आपके लिवर की सामान्य कार्यक्षमता और मरम्मत की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। Dr. K. S. Somasekhar Rao, Senior Consultant Gastroenterologist, Hepatologist Clinical Director & Advanced Therapeutic Endoscopist At Yashoda Hospitals, Hyderabad के अनुसार, लिवर की बायोलॉजिकल रिद्म, शरीर की आंतरिक घड़ी यानी सर्केडियन रिद्म के अनुसार चलती है। जब रात में आप काम करते हैं या अनियमित नींद या खाने का पैटर्न बदलता है, तो लिवर की घड़ी में भी गड़बड़ हो जाती है। इससे पोषक तत्वों को पचाने, एनर्जी को इकट्ठा करने और शरीर से विषैले तत्व निकालने की क्षमता प्रभावित होती है।

नाइट शिफ्ट से बढ़ता है ल‍िवर डैमेज का खतरा?- Link Between Night Shift And Liver Damage

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Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया क‍ि नाइट शिफ्ट से ल‍िवर डैमेज का खतरा बढ़ सकता है। हमारे शरीर में लिवर दिन के अलग-अलग समय पर अलग-अलग काम करता है जैसे- कार्बोहाइड्रेट को तोड़ना, टॉक्सिन्स को निकालना और शरीर में फैट को तोड़ना। सामान्य नींद के दौरान यह खास र‍िपेयर करता है, लेकिन रात में काम करने से या खाना खाने से यह रूटीन बाधित हो जाता है। सर्केडियन रिद्म की लगातार गड़बड़ी इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिक स्ट्रेस पैदा कर सकती है, जिससे लिवर में फैट जमा हो सकता है। इसकी वजह से लिवर में सूजन, लिवर एंजाइम्स का बढ़ना और नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का खतरा बढ़ सकता है।

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नाइट श‍िफ्ट वर्कर्स में क्‍यों होता है ल‍िवर डैमेज का खतरा?- Why Night Shift Workers Are At Risk Of Liver Damage

रात की शिफ्ट में काम करने वाले लोग कुछ ऐसी गलत आदतों को फॉलो करते हैं ज‍िससे मेटाबॉल‍िक हेल्‍थ पर दबाव पड़ता है-

  • अक्सर अनियमित समय पर भोजन करते हैं
  • ज्‍यादा कैफीन और स्नैक्स लेते हैं
  • कम शारीरिक गतिविधि करते हैं

Dr. K. S. Somasekhar Rao के मुताब‍िक, भले ही किसी का वजन सामान्य हो, फिर भी घड़ी की गड़बड़ी से अंदरूनी तनाव लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है।

नाइट शिफ्ट वर्कर्स ल‍िवर डैमेज से कैसे बचें?- How Night Shift Workers Can Prevent Liver Damage

Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाले लोग ऐसी जीवनशैली अपनाएं जो सर्केडियन रिद्म को बनाए रखें। इसके ल‍िए इन ट‍िप्‍स को फॉलो करें-

  • चाहे काम का दिन हो या छुट्टी, नींद और जागने का समय नियमित रखें।
  • देर रात भारी भोजन और एल्‍कोहल से बचें।
  • अपने आहार में ताजे फल, लीन मीट और फाइबर युक्त भोजन शामिल करें।
  • हाइड्रेशन बनाए रखना और काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना भी मेटाबॉलिज्‍म को बेहतर कर सकता है और स्‍ट्रेस के लक्षणों को कम कर सकता है।
  • रात की श‍िफ्ट करने वाले लोगों को समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट, डायब‍िटीज, थायराइड जैसी जांच करवा लेना चाह‍िए।

न‍िष्‍कर्ष:

जो लोग नाइट श‍िफ्ट में काम कर रहे हैं, उनके लिए नियमित लिवर फंक्शन टेस्ट और अन्‍य टेस्‍ट, हेल्दी डाइट और अच्छी नींद की आदतों को अपनाना जरूरी है।

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FAQ

  • लिवर डैमेज हो जाए तो क्या होता है?

    लिवर डैमेज से शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं, पाचन खराब होता है, थकान और कमजोरी महसूस होती है। आगे बढ़ने पर सूजन, पीलिया और गंभीर लिवर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।
  • कमजोर लिवर के क्या लक्षण हैं?

    कमजोर लिवर में थकान, भूख में कमी, पेट फूलना, त्वचा व आंखों में पीलापन, जी मचलाना और वजन घटने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • सेहत के ल‍िए नाइट श‍िफ्ट के नुकसान क्‍या हैं?

    नाइट शिफ्ट से नींद, हार्मोन और मेटाबॉलिज्‍म बिगड़ता है। लिवर पर दबाव पड़ता है, वजन बढ़ सकता है, फैटी लिवर और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 09, 2025 16:25 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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